2008-06-17 16:04:44

श्रोताओं के पत्र उद्धरण 2008

इसराइल अंसारी के दूसरे साथ मिकाइल अंसारी और रवि कुमार ने भी चुंग फङ द्वारा प्रस्तुत बैंगलूर के सोफ्टवेयर संबंधी रिपोर्ट सुनने के बाद हमें पत्र भेजकर कहा कि वैसे तो सी आर आई के सभी कार्यक्रम काफी मनोरंजन एवं ज्ञानवर्धक होते हैं , तथा नयी नयी खोज व आविष्कार के संबंध में कार्यक्रम के जरिए तुरंत बतायी जाती है , पर दिनांक 21 मार्च 2006 को श्री चिंग फङ भाई ने सोफ्टवेयर के क्षेत्र में बैंगलूर के स्थान पर आलेख सुनाया , जिस से साबित हुआ है कि भारत सोफ्टवेयर के क्षेत्र में काफी हद तक एक ऊंचा स्थान बना रखा है तथा भारत का बैंगलूर शहर अब शायद सोफ्टवेयर का शहर बन जाएगा ।

कोआथ बिहार के सुनील केशली का पत्र आप के सामने है , उन्हों ने अपने इस पत्र में कहा कि सी .आर .आई ने एक से बढ़ कर अनेक सुन्दर कार्यक्रमों का निर्माण कर हम श्रोताओं के समक्ष जबरदस्त अंदाज में प्रस्तुत किया है । जैसे 18 मार्च को हु मिन द्वारा इंटरनेट के बारे में जानकारी दी गई , जो विश्व में चीन के इंटरनेट के क्षेत्र में दूसरे स्थान पर है , इंटरनेट सेवा से जुड़े चीन में 10 करोड़ लोग हैं , जो आज भी जुड़े हैं । चंद खामियों को दूर कर सूचना का यह तंत्र कुल मिला कर कारगर रहा है । इसी प्रकार 19 मार्च को आर्थिक विकास पर हु मिन की रिपोर्ट काफी जानकारीपूर्ण लगा , क्योंकि इस में चीन के आर्थिक विकास पर ढेर सारी जनकारी प्रदान की गई , जो चीन के विकास गतिविधियों से जुड़ी है , चीन का आर्थिक विकास हर साल से अच्छा हो रहा है ।

अपने पत्र के अंत में श्री सुनील केशरी ने दो वाक्य ऐसे लिखे कि कड़ी दिल को छु गया इस के लिए , हु मिन भैया जी के साथ समस्त सी .आर.आई परिवार को मेरा हार्दिक बधाई हो ।

सुनील केशरी भाई के इस पत्र के लिए हम आप के आभारी हैं ।

इधर के महीनों में हमें कुछ पुराने नियमित श्रोता मित्रों के पत्र मिले हैं , जिन में सी आर .आई हिन्दी कार्यक्रमों पर विस्तार से समीक्षा की गई है , ऊपर के दो तीन पत्र इस प्रकार के ही हैं , उन के ऐसे पत्रों में सी आर आई हिन्दी कार्यक्रमों के ठोस विष्यों पर चर्चा की गई , जो हमारे और अन्य श्रोताओं के लिए लाभदायक होंगे । हम चाहते हैं कि हमारे श्रोता इसी तरह के पत्र लिखें , ताकि हमें और श्रोताओं को रायों के आदान प्रदान में लाभ मिल सके।

आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के हमारे पुराने श्रोता मित्र फातेमा सोगरा ने भी अपने पत्र में कार्यक्रमों पर थोड़ा ठोस रूप से लिखा है । उन्हों ने कहा कि चीन की मुख्यभूमि में वर्ष 2008 में ओलिंपियाड प्रथम बार आयोजित हो रहा है , मुझे विश्वास है कि यह चीन को एक बहुत महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा । इस से पूरी दुनिया चीन के इतिहास और पर्यटन स्थलों की जानकारी पाने के अलावा उस के आर्थिक व सांस्कृतिक ढांचे को भी समझ सकेगी । आशा है कि इस प्रतियोगिता के जरिए विश्व के दूसरे लोगों को चीन की मेहमाननवाजी का भी एहसास होगा । इस के अलावा हमें चीन के विभिन्न समुन्नत संस्थापनों तथा आर्थिक व्यापारिक व औद्योगिक क्षेत्रों में चीन की प्रगति के नवीनतम रूझान का भी पता चलेगा । दिनांक 16 तारीख को वेंकत और पवन द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम चीन का इतिहास सुना , जिस में सामंत समाज के बारे में अत्यन्त रोचक ज्ञान वर्धक एवं प्रेरणा दायक बातें जानने को मिली ।

श्री फातेमा सोगरा ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि भारत और चीन के बीच आवाजाही का इतिहास कोई दो हजार साल पुराना है । इतने लम्बे अर्से में ये दो महान देश एक दूसरे से बहुत कुछ सीखते रहे है । बौद्ध धर्म प्राचीन काल में भारत से चीन गया । भारत चीन की तरह एक बहुजातीय देश है । भारत को स्वतंत्रता पाने के बाद वहां की सरकार ने देश में हरिक व श्वेत क्रांति चलायी और आर्थिक व सांस्कृतिक क्षेत्र मं भारी उपलब्धि प्राप्त की , इस से भारत और चीन आत्मनिर्भरता हासिल कर चुके हैं । आज भारत चीन एशिया के तेज गति से विकसित होने वाले देशों में शामिल हैं । भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक आवाजाही में भारतीय फिल्म संगीत और नृत्य का भी बड़ा सहयोग रहा है । चीनी दर्शक बहुत अच्छे हैं , चीन में हमारी प्रस्तुति का बड़ा प्रभाव पड़ा है । चीन सरकार ने बाहरी दुनिका के लिए दरवाजा खोला है , चीनी पूरी दुनिया में छा गए । दिल्ली का अन्तरराष्ट्रीय व्यापार मेला हो या पेइचिंग की सड़कों पर कहीं चीनी सामानों की धूम है , तो कहीं चीनी कलाकार बाजी मार रहे हैं । चीन की चौतराफा तरक्की में बड़े , बच्चे और बूढे सभी जुटे हैं , पर सब से आगे है महिलाएं । यहां अपने दमखम से हमारी आधी दुनिया खुशी से लबरेज हो जाएं और यों ही झूम उठें ।

फातेमा सोगरा की इस प्रकार की समीक्षा पर धन्यावाद । हम सभी की समान कामना है कि चीन और भारत इस नई शताब्दी में निरंतर आगे बढ़ते जाएं और तरक्की प्राप्त करते रहें, हमारे दोनों देशों के पुरूष भी हों और महिलाएं भी हों सभी लोग खुशहाली से लबरेज हो जाएं ।

बरेली उत्तर प्रदेश के धर्मेन्द्र सिंह गंगवार ने हमें लिख कर कहा कि धन्यवाद बहुत बहुत न सिर्फ इसलिए कि आप ने अपने इस नए श्रोता का पत्र शामिल किया , वरना इसलिए भी कि मेरे लिए सुन्दर सा नव वर्ष का ग्रीटिंग भेजा । इस के साथ साथ बहुत कुछ था । श्रोता वाटिका का अतुलनीय अद्वितीय वह अंक मिला , जिस में चंद्रिमा जी के भारतीय अनुभव पढ़ने को मिला । कृपया श्रोता वाटिका भेज कर इसी प्रकार लाभन्वित कराते रहें ।