2008-06-10 18:20:55

हिन्दी प्रसारण पर हमारे विभिन्न श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं

पहले आप के सामने है कोरलिम इलहास गोवा के जय प्रकाश गुप्ता का पत्र । उन्हों ने अपने पत्र में सी .आर .आई के साथ संपर्क कायम करने की चर्चा में कहा कि मैं ने आप के साथ अपने मित्र की सहायता से संपर्क कायम किया है । मैं रेडियो पर आप का कार्यक्रम रोज सुनता हूं । आप सभी का कार्यक्रम मुझे बहुत अच्छा लगता है । आप के कार्यक्रम में मनोरंजन के साथ साथ ज्ञान वर्धक बातें भी सुनने को मिलती है, जिस से मेरा ज्ञान और बढ़ते जाता है ।

मनोरंजन के साथ मुझे आप के देश चीन के बारे में भी जानकारी मिलती है , वो मुझे बहुत ही अच्छी लगती है । मैं ने इस पत्र से पहले आप लोगों के पास पत्र भेजा है , आप के द्वारा मुझे जो भी जानकारी मिली है , मैं उसे अपने परिवार और अपने दोस्तों के बीच बांटता हूं , जिस से उन लोगों को भी आप के देश और आप के कार्यक्रम के बारे में जानकारी मिलती है । उन्हें भी आप का प्रोग्राम अच्छा लगता है ।

मुझे अभी तक जितनी भी जानकारी आप लोगों से मिली है , वो मुझे काफी नहीं लगता है , मेरा दिल चीन के बारे में और जानकारी लेने के लिए बेचैन रहता है ,इसलिए आप से निवेदन है कि आप मेरे पास चीन के बारे में सामग्री भेजने का कष्ट करें । इस के लिए मैं आप का आभारी रहूंगा ।

जय प्रकास गुप्ता जी , हम आप का हमारे नियमित श्रोता के रूप में हार्दिक स्वागत करते हैं । आप ने पत्र में कहा कि आप को चीन के बारे में ज्यादा जानकारी लेने की बड़ी इच्छा है , इस पर हमें बड़ी खुशी हुई है , जिस किसी के बारे में जितना ज्यादा जानकारी मिलती है , उसे को उतना ज्यादा अच्छी तरह समझ सकता है । आप के अनुरोध पर हम आप को श्रोता वाटिका और सामग्री भेजते हैं । आशा है कि आप मिल कर संतुष्ट होंगे । चीन के बारे में जानकारी मिलने के लिए आप सी .आर .आई वेबसाइट देखें , उस में आप को रेडियो प्रसारण से ज्यादा जानकारी मिल सकेगी ।

भागलपुर बिहार के इसराइल अंसारी ने इस बार जो पत्र लिख कर हमें भेजा है, उन्हों ने इस में कहा है कि 17 मार्च 2006 को जो कार्यक्रम सुना है , वह कार्यक्रम बिलकुल साफ सुनाई दे रहा था । इस दिन सांस्कृतिक जीवन कार्यक्रम में दीदी ह्वांह सान द्वारा भारतीय फिल्मों में चीनी लोगों के विचार सुनावा कर भारतीय फिल्मों की महत्ता पर जानकारी मिली । वास्तव में भारतीय फिल्म चीन के साथ साथ अन्य देशों के लोग भी काफी चाव से देखा करते हैं तथा गीतों का भी भरपूर आनंद लेते हैं । जिस प्रकार चीन में भारतीय फिल्म को देखना चीनी बंधु पसंद करते हैं , ठीक उसी प्रकार आजकल हमारे भारत में भी चीनी फिल्म लोकप्रिय होती जा रही है । हाल के वर्षों में अनेक चीनी फिल्म के सी डी दुकानों पर देखने को मिला । इतनी अच्छा कार्यक्रम पेश करने के लिए विशेष रूप से ह्वांग सान दी दी को बधाई।

इसराइल अंसारी के साथी हलीम प्रवीण ने एक दूसरे पत्र में सी आर आई हिन्दी कार्यक्रम सुनने के बाद जो अनुभव बताया है , वह भी यहां प्रस्तुत है । श्री हलीम प्रवीण ने अपने पत्र में कहा कि चिंग फङ भाई द्वारा भारत के बैंगलूर शहर में सोफ्टवेयर पर आलेख सुना , भारत के सोफ्टवेयर के बारे में विकास व अन्य विषयों पर चर्चा काफी ज्ञान वर्धक सिद्ध हुई । ऐसे महत्वपूर्ण ज्ञान शेयर करने हेतु चिंग फङ भाई और हिन्दी सेवा के सदस्यों का आभार प्रकट करता हूं ।