2008-05-20 15:24:52

श्रोताओं के पत्र

 यह वैशाली बिहार के कुमार जय वर्धन का पत्र । कुमार ज्य वर्धन ने कहा कि कुशलतापूर्वक रहते हुए कुशलता की कामना करता हूं । दिनांक दस अप्रैल 2006 को शाम की सभा में प्रसारित कार्यक्रम सुना , प्रसारण की गुणवत्ता बहुत ही अच्छी है । चीन का भ्रमण कार्यक्रम में आप ने लामालिंग मठ के बारे में जो जानकारी दी , वह मुझे काफी अच्छा लगा , साथ ही आप से मिले के तहत भारत भूषण जी से रिजवान आफताब की बातचीत बहुत ही सार्थक लगी ।

कुमार जय वर्धन ने पत्र में श्रोता वाटिका के बारे में यह कहा है कि श्रोता वाटिका का अंक दस प्राप्त हुआ , पत्रिका की इतनी उत्सुकता थी कि एक ही सांस में पूरी पत्रिका पढ़ गया । पत्रिका में छपे लेख भारत चीन मैत्री वर्ष पर रंगबिरंगी गतिविधियां , संपादक की बात तथा आजमगढ़ के श्रोता भाई मोहम्मद शाहिद आजमी की चीन यात्रा का वृतांत उन की ही कलम से छपना एवं उन की चीन यात्रा के दौरान ली गई तस्वीरों को पत्रिका में जो स्थान दिया गया है, वह सब मुझे तथा मेरे क्लब के अन्य श्रोताओं ने काफी पसंद किया और सी आर आई को धन्यावाद भी दिया ।

बहनो और भाइयो , श्री कुमार जय वर्धन के पत्र से यह खबर पा कर हमें बड़ी दुख हुई है कि मोती रेडियो श्रोता संघ के सब से वरिष्ठ सदस्य और कुमार जय वर्धन के पिता जी राम चंद्र साह का दिनांक 31 जनवरी 21006 को स्वर्गवास हो गया । स्वर्गीय राम चंद्र साह अपने जीवन काल में बड़े ही ध्यान से सी .आर.आई कार्यक्रम सुनते थे , उन की कमी हमेशा खलती रहेगी । यहां हम सी आर आई के हिन्दी परिवार के सभी सदस्यों की ओर से कुमार जय वर्धन के पिता जी के निधन पर शोक प्रकट करते हैं और कुमार जय वर्धन के परिवारजनों को हार्दिक सहानुभूति देते हैं । हमारी प्राथना है कि स्वर्गीय राम चंद्र साह की आत्मा हमेशा शांत रहेगी ।

शेखपुरा बिहार के कृष्णा मुरारी सिंह किसान ने पत्र भेज कर कहा कि वर्ष 2006 का भारत चीन मैत्री वर्ष घोषित हुआ जान कर अति प्रसन्नता हुई । इस अवसर पर एक श्रोता कवि के नाते कविता भेजता रहूंगा , शांति के पांच सिद्धांत पर कविता भेज रहा हूं । प्रतियोगिता की प्रश्नावली अभी प्राप्त नहीं हुआ है , मिलते ही उत्तर भेज दूंगा । चीन भारत मैत्री पर प्रसारित वार्ता सुन रहा हूं , काफी रोचक और ज्ञानवर्धन है , पांचों वार्ता में पंच तत्वों की तरह ही उत्तर बनाने में कोई विलंब नहीं होगा , हर प्रतियोगिता में बढ़ चढ़ कर भाग लेता हूं , कभी काव्य और कभी लेख प्रतियोगिता भी करें ।

कृष्णा मुरारी सिंह किसान जी , यह जान कर हमें बड़ी खुशी हुई है कि आप ने चीन भारत मैत्री वर्ष पर कविता लिखी और कहा कि आगे भी कुछ कविता लिख कर भेजेंगे । पत्र के साथ आप की पंचशील पर लिखी कविता पढ़ी और पसंद भी आयी , हम अगले अंक के श्रोता वाटिका में आप की यह कविता छाप देंगे , ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग पढ़ सकें । आप के इस प्रकार के प्रयासों के लिए हम आप के बहुत बहुत आभारी हैं और आप की नयी कविता के इंतजार में हैं ।

चीन भारत मैत्री वर्ष के विषय में आजमगढ़ के श्रोता भाई अमीर अहमद का यह पत्र भी आया है , जिस में उन्हों ने कहा कि चीन भारत मैत्री वर्ष चीन और भारत दोनों बड़ी सक्रियता से मना रहे हैं , हम श्रोता भी यह वर्ष चीन भारत वर्ष के रूप में मनाएंगे । नई दिल्ली में चीनी दूतावास में रंगबिरंग कार्यक्रम भी देखने को मिलेंगे , यह हमें पूर्ण विश्वास है ।

भारत चीन सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के लेख बहुत ही ज्ञान वर्धक है , इस से भारत चीन मैत्री और दोनों देशों के लीडर एक दूसरे को तिस तरह से देखते है और मैत्री के लिए उन का अगला कदम क्या है , हम भारतीय जनता जान सकते हैं । भारतीय लीडर ने कहा है कि चीन भारत एशिया की दो आंखें हैं , एक भारत , एक चीन दोनों एक दूसरे के पूरक हैं । हमें यह जान कर बहुत ही ज्यादा खुश हुई । खुशी हुई कि हमारे नेता ऐसी सोच रखते हैं । हम भी भविष्य में भारत चीन मैत्री के लिए कार्यरत रहेंगे ।

कृष्णा मुरारी सिंह और अमीर अहमद की भांति गोरखपुर उत्तर प्रदेश के श्रोता मित्र बद्री प्रसाद वर्मा अनजान ने भी चीन भारत मैत्री वर्ष पर पत्र लिख कर विस्तार से चर्चा की है

भारत चीन मैत्री मिल का पत्थर साबित होगी शीर्षक लेख में श्री बद्री प्रसाद वर्मा ने कहा, भारत चीन मैत्री सदियों पुरानी है । जब दार्शनिक ह्वोनशांग ने भारत की यात्रा ही नहीं की , भारत के बौद्ध धर्म को चीन तक पहुंचाया था । आज चीन भारत दोस्ती बड़ी तेजी से विकसित हो रही है , तथा दो पड़ोसी देश एक दूसरे को अपना अपना सहयोग देना चाहते हैं । आज भारत चीन का व्यापार 18 अरब 70 करोड़ डालर की सीमा को पार गया है , यह हमारे व्यापार की फलती फुलती सबूत है ।

आज चीन की बनी इलेक्ट्रोनिक वस्तुओं की भारत में बड़े पैमाने पर मांग है । तथा भारत में चीनी माल सामान घर घर में इस्तेमाल किए जा रहे है । चीन भारत हवाई सेवा के शुरू हो जाने से चीनी और भारतीय पर्यटक आसानी से एक दूसरे के देश की सैर सपाट कर रहे हैं ।

आज भारतीय व्यापारी चीन में अपना कारोबार करके बड़ा नाम भी कमा रहे हैं , भारत की बनी चीजों की चीन में भी बड़ी मांग है ।

दोनों देशों के बीच की यह मैत्री सेतु बहुत कारगर सिद्ध हो रही है । समय समय पर चीनी प्रधान मंत्री , विदेश मंत्री और राष्ट्रपति की भारत यात्रा और भारतीय नेताओं की चीन यात्रा से हमारे बीच की दूरियां और मनमुटाव समाप्त हो रहे हैं ।

मैं भारत चीन मैत्री को एक सफल दोस्ती करार देता हूं और आशा रखता हूं कि चीन भारत मैत्री के राह में कोई रोड़ा न अटका पाएगा , न बहका पाएगा ।

भारत चीन भाई भाई , बन कर सदा रहेंगे ,

एक दूजे के साथ दोस्ती , सदा जोड़े रहेंगे ।