2008-05-12 14:35:55

पेइचिंग का इतिहास

भागलपुर बिहार के मनोज कुमार शर्मा,संगीता भंडारी एवं कुमारी मून पूछते हैं कि चीन की राजधानी पेइचिंग का इतिहास कितना पुराना है?

पेइचिंग की राजधानी 3000 वर्ष से अधिक समय पुराना है,पर उसे देश की राजधानी के रूप में बसाए जाने का इतिहास कोई 700 वर्ष ही पुराना है।1115 से 1234 के बीच चिन राजवंश काल में पेइचिंग राष्ट्रीय राजधानी बना।तब इस का नाम चुंगतू था।इस के बाद य्वान,मिंग और छिंग राजवंशों के समय भी पेइचिंग राष्ट्रीय राजधानी बना रहा।पेइचिंग का यह नाम 1368 से 1644 तक मिंग राजवंश के दौरान रखा गया था।1911 में छिंग राजवंश का तख्ता पलटने के पश्चात भी पेइचिंग कुछ समय तक राष्ट्रीय राजधानी बना रहा।बाद में पूर्वी चीन स्थित नानचिंग शहर राष्ट्रीय राजधानी बना।पर 1949 में चीन लोक गणराज्य की स्थापना के बाद पेइचिंग एक बार फिर देश की राजधानी बन गया।पेइचिंग एक ऐतिहासिक शहर है।आज वह चीन का राजनीतिक,आर्थिक व सांस्कृतिक केंद्र बन गया है।

बेतुल मध्य प्रदेश के मनीष कुमार सोनी ने चीन की शिक्षा प्रणाली बताने का अनुरोध किया।मऊनाथ भजन उत्तर प्रदेश के फैज अहमद फैज,जीशान अहमद फैज और उन के साथिय़ों का सवाल है कि चीन में कितनी आयु में स्कूल जाना जरूरी है?

भया,इस सवाल का अगर विस्तार से जवाब देना हो,तो एक विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत करना पड़ेगा।इसलिए हमें यहां संक्षेप में कुछ बताना होगा।

चीन की शिक्षा प्रणाली भारत से कुछ भिन्न है।यहां बच्चे 6 साल की उम्र से ही स्कूल जाते हैं।प्राथमिक शिक्षा की अवधि 6 साल की होती है।इस के बाद 3 साल की निम्नतर माध्यमिक शिक्षा औऱ 3 साल की उच्चतर माध्यमिक शिक्षा होती है और अंतत: राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा में पास होने वाले छात्र महाविद्यालयों में दाखिला लेते हैं।इस महाविद्यालयों में 4 य 5 साल की पढ़ाई होती है।स्नातकों को बेचलर डिग्री मिलती है,फिर और 3 साल पढाई करने के बाद स्नातकोत्तरों को मास्टर डिग्री प्राप्त होती है।इस से आगे डाँक्टरेट के लिए 2,3 साल तक अध्ययन करना आवश्यक होता है।यह रही नियमित शिक्षा की बात।इस के अतिरिक्त चीन में प्रौढ़ और व्यावसायिक शिक्षा पर भी कोफी जोर दिया जा रहा है।लोग पत्र-व्यवहार,रेडियो व टी.वी के माध्यम से तथा रात्रिस्कूलों के जरिए भी शिक्षा पा सकते हैं।इस तरह के डिप्लोमा को सरकारी मान्यता भी प्राप्त है।

अरारिया बिहार के बसीर बादल,इस्माइल साफी और जावीर हसन जानना चाहते हैं कि चीन का तकलामाकान रेगिस्तान कहां स्थित है और उस की क्या विशेषता है?

तकलामाकान रेगिस्तान चीन का सब से बड़ा रेगिस्तान है।वह उत्तर पश्चिमी चीन के सिनच्यांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश के तारिमू बेसिन के मध्य में स्थित है औऱ उस का क्षेत्रफल 3 लाख 30 हजार वर्गकिलोमीटर है,जो चीन की तमाम मरूभूमि का 47 प्रतिशत भाग बनता है।तकलामाकान का वेवूर भाषा में आशय है "उस में प्रवेश करने के बाद कोई भी उस से बाहर नहीं निकल सकता "।मतलब यह कि यह रेगिस्तान बहुत विशाल है और कोई यात्री जब एक बार यहां गुमराह होता है तो उस की जान खतरे मेंभी पड़ सकता है।

तकलामाकान की 85 प्रतिशत भूमि पर रेतीले टीले खड़े हैं जो घटते बढते रहते हैं।ये टीले आम तौर पर सौ या डेढ़ सौ मीटर ऊंचे हैं,पर कुछेक की ऊंचाई 2 से 3 सौ मीटर तक भी हो सकती है।रेतीले टीलों के विस्तार से रेगिस्तान के किनारे स्थित नख़्लिस्तान के रेत के नीचे दब जाने की आशंका भी रहती है।

तकलामाकान रेगिस्तान तो है,लेकिन इस का मतलब यह नहीं कि वह निर्जीव है।उस में कई नदियां भी हैं,जिन में खोतान व कलिया प्रमुख हैं।इन नदियों के दोनों तटों पर अनेक झाड़ियां भी मिलती हैं।वास्तव में वे बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन है।

बांदा उत्तर प्रदेश के संतोष कुमार सोनी का सवाल हैं कि चीन के पास प्रशांत महासागर का कुल क्षेत्र कितना है?

विश्व का सब से बड़ा महासार प्रशांत महासागर चीन के पूर्व में स्थित। चीन के पीला समुद्र,

पोहाई समुद्र और पूर्वी समुद्र चीन के महाद्वीप को प्रशांत महासागर से जोड़ते हैं।मतलब है कि चीन के महाद्वीप और प्रशांत महागार के बीच पीला समुद्र,पोहाई समुद्र और पूर्वी समुद्र है,जिन सभी के पानी प्रशांत महासागर में जा मिलते हैं।

प्रशांत महासागर दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव तक,पश्चिम में एशिया व औस्ट्रेलिया से पूर्व में दक्षिणी व उत्तरी अमरीका तक फैलता है।इस का क्षेत्रफल कोई 16 करोड़ 52 लाख 50 हजार वर्गकिलोमीटर है,जो पृथ्वी के कुल क्षेत्रफल का लगभग एक तिहाई भाग बनता है और दक्षिणी ध्रुवीय महाद्वीप समेट पृथ्वी के महाद्वीपों के कुल क्षेत्रफल से भी अधिक है।।वह अटलांटिक महासागर से गुना बड़ा है और उस के पानी की औसत गहराई 4280 मीटर है।

दक्षिणी ध्रुवीय महाद्वीप के साल भर बर्फ से ढका होने के कारण प्रशांत महासागर के उत्तरी भाग के पानी का तापमान दक्षिणी भाग के पानी से ऊंचा होता है।