2008-05-05 15:45:54

चीनी संविधान चीन में भाषाएं

मऊ नाथभंजन उत्तर प्रदेश के इर्शाद अहमद अंसारी,आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के अनीसुर रहमान और भोजपुर बिहार के राम कुमार नीरज ने अपने अपने पत्रों में पूछा है कि चीन का संविधान कब बना? बनाने वाले का नाम क्या है? चीनी संविधान के अनुसार देश का कौन सा पद सब से बडा है और राष्ट्रपति का शपथ कौन दिलाता है?क्या संविधान में धर्म को विशेष प्राथमिकता दी गयी है?

सन् 1949 में चीन लोक गणराज्य की स्थापना के बाद से अब तक चीन में 4 संविधान बनाए गए हैं।1954 में प्रथम संविधान बनाया गया औऱ 1975 में उस में संशोधन करके दूसरा संविधान तैयार किया गया।इस के आधार पर 1978 में तीसरा संविधान बनाया गया.सन् 1982 में पांचवीं चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के पांचवें पूर्णाधिवेशन में चालू संविधान पारित किया गया।

चीन में संविधान चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा बनाती है।चीनी संविधान के अनुसार चीन में राष्ट्राध्यक्ष या राष्ट्रपति का पद सब से बड़ा पद है।राष्टाध्यक्ष या राष्ट्रपति राष्ट्रीय जन प्रतिनिध सभा द्वारा चुने जाते हैं और इन का कार्यकाल 5 साल है।चीनी राष्ट्राध्यक्ष राष्ट्रीय जन प्रतिनिध सभा की स्थाई समिति के साथ मिलकर राष्ट्राध्यक्ष का कार्यभल संभालते हैं।राष्ट्राध्यक्ष राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा या उस की स्थाई समिति के प्रस्ताव के अनुसार कानून घोषित करते हैं,राज्य परिषद के सदस्यों को नियुक्त या पद-च्युत करते हैं,आदेश जारी करते हैं,राज्य की ओर से चीन स्थित विदेश राजदूतों को स्वीकार करते हैं और विदेश स्थित राज्य का पूर्णाधिकार प्राप्त चीनी राजदूतों की नियुक्ति या पद-च्युति करते हैं,विदेशों के साथ संपन्न संधियों एवं महत्वपूर्ण समझौतों को स्वीकृत करते हैं या उन्हें भंग करने का फैसला करते हैं।चीन के वर्तमान राष्ट्राध्यक्ष हू चिंग-थाओ हैं।

चीनी संविधान की धारा 36 के अनुसार सभी चीनी नागरिकों को धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता होती है।किसी भी सरकारी संस्था,सामाजिक संगठन और व्यक्ति को किसी भी नागरिक को धर्म पर विश्वास करने या न करने के लिए मजबूर करने की इज़ाज़त नहीं है।धर्म पर विश्वास करने वाले नागरिकों के साथ भेदभाव अवैध है।सरकार सामान्य धार्मिक गतिविधियों की रक्षा करती है।किसी भी व्यक्ति को धर्म के नाम पर सामाजिक व्यवस्था में सेंध लगाने,नागरिकों के स्वास्थ्य को क्षति पहुंचाने और राष्ट्रीय शिक्षा-प्रथा में बाधा डालने वाली कार्रवाइयां करने की अनुमति नहीं है।धार्मिक संस्थाओं और धार्मिक मामलों पर विदेशी ताकतों के नियंत्रण की इज़ाज़त नहीं है।

चीनी संविधान में यह प्रावधान भी है कि धर्म पर विश्वास करने वाले नागरिकों को अपने अपने धार्मिक दिवस मनाने के लिए विशेष छुट्टियां दी जाती हैं।

बांदा उत्तर प्रदेश के संतोष कुमार सोनी, वलीदपुर मऊ उत्तर प्रदेश के राजेंद्र यादव भारती,उषा देवी भारती और कोआथ बिहार के राकेश रौशन तथा उन के साथियों ने पूछा है कि चीन में कुल कितनी भाषाएं बोली जाती हैं?

चीन में जरूर चीनी भाषा प्रचलित है।पर इस का विश्व स्तर पर प्रयोग किया जाता है।संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्य-भाषाओं मं चीनी भाषा भी शामिल है।

चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में आती है औऱ चीनी लिपि का इतिहास 6000 वर्ष पुराना है।आज प्रयुक्त चीनी लिपि 3000 वर्ष पहले पशुओं की हड्डियों या कछुओं के कवचों पर उत्कीर्ण आकृतियों वाले अक्षरों से आई है।प्रति चीनी अक्षर का अपना उच्चारण है।

वास्तव में चीनी भाषा चीन की हान जाति की भाषा है।चीन में 56 जातियां रहती हैं।हान जाति को छोड़ बाकी 55 अल्पसंख्यक जातियां हैं।इन में ह्वई और मान जाति के लोग हान जाति की भाषा को प्रयोग करते हैं।शेष 53 जातियों की अपनी अपनी भाषाएं हैं औऱ इन में से 21 जातियों की अपनी अपनी लिपि है।च्वांग,ताई,तिब्बती,ली और म्याओ आदि 29 जातियों की भाषाएं चीनी-तिब्बती भाषा परिवार की हैं।वेवुर,कज़ाक,मंगोल औऱ कोरिया आदि 17 जातियों की भाषाएं अल्ताई भाषा-परिवार की हैं।वा,त-आंग और पुलांग जातियों की भाषाएं दक्षिण एशियाई भाषा परिवार की हैं।ताजिक औऱ रूसी जातियों की भाषाएं इंडियन-यूरोपीय भाषा परिवार का अंग है।काओ-शान जाति की भाषा दक्षिण द्वीप के भाषा-परिवार में आती है।अल्पसंख्यक जाति बहुलक्षेत्रों में हान भाषा या आम तौर पर कहें कि चीनी भाषा के अलावा अल्पसंख्यक जातीय भाषाओं की शिक्षा भी दी जाती है।