आधुनिक विज्ञान तकनीकी के अद्भुत विकास से यह आसान हो गया है कि दूर प्रदेश में रहने वाले पर्यटक दूसरे प्रदेशों में जा सकते हैं और एक पर्यटन उद्योग का रूप धारण लिया गया और चीन का तिब्बत स्वायत्त प्रदेश भी ऊंचे पठारी स्थल में रहते हुए भी विश्व का आकर्षक पर्यटन स्थान बन गया । श्री प्रकाश चंद्र वर्मा ने अपने पत्र में अपने गांव और घर के वातावरण का सुन्दर वर्णन करने के साथ सी .आर .आई के हिन्दी कार्यक्रम से तिब्बत के पर्यटन की जानकारी पा कर चर्चा की है , इस से भारत के ग्रामीण सौंदर्य और तिब्बत के सौंदर्य दोनों से अवगत कराया गया , जो बहुत सराहनीय है । इस के लिए हम श्री प्रकाश चंद्र वर्मा को इस अच्छे पत्र के लिए धन्यावाद देते हैं । आशा करते हैं कि हमें आप से आगे भी सुन्दर पत्र मिलता रहेगा ।
आगे चंदौली उत्तर प्रदेश के भैयालाल प्रजापति का पत्र , वे भी हमारे सी .आर .आई के पुराने श्रोता हैं और पहले बहुत से पत्र लिख चुके हैं । इस बार आप ने पत्र में कहा कि हमारे प्रजापति रेडियो लिस्नर्स क्लब की बैठक बुलाई गई , जिस में सी .आर .आई के कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की गई । क्लब के सभी सदस्यों ने सी .आर .आई के कार्यक्रमों की भूरि भूरि प्रशंसा की । सी .आर .आई के कार्यक्रमों की प्रशंसा करना तो सूरज को दीपक दिखाने के समान है ।
लेकिन कुछ क्लब सदस्यों ने शिकायत की कि सी .आर .आई हिन्दी सर्विस की प्रतियोगिता का परिणाम बहुत देर से घोषित किया जाता है । मेरे विचार से सी .आर .आई हिन्दी सर्विस के अधिकारियों को इस विषय में गंभीरता से सोचना चाहिए । सी .आर .आई उर्दू और अंग्रेजी सर्विस के परिणाम जल्दी घोषित कर दिए जाते हैं ।
भैयालाल प्रजापति को बहुत बहुत धन्यावाद है कि आप और आप के क्लब सदस्यों को सी .आर .आई हिन्दी प्रसारण बेहद पसंद है और ज्ञान प्रतियोगिता को सुधारने के लिए सुझाव पेश किया है । हम जरूर आप के सुझाव पर ध्यान देंगे ।
यह आजमगढ़ उत्तर प्रदेश की फतेम सोगरा का पत्र । उन्हों ने पत्र में कहा कि मैं अपना और अपने क्लब का संक्षिप्त परिचय भेज रही हूं । मैं जब कक्षा छह में अध्ययनरत थी , तब से अन्तरराष्ट्रीय प्रसारण सेवा से जुड़ी हूं । रेडियो सुनने का शौक मेरे पिता के माध्यम से प्राप्त हुआ , क्योंकि वह आप के और अन्तरराष्ट्रीय प्रसारण के कार्यक्रमों के बहुत ही पुराने श्रोता है । वह बड़ी ही लगन और चाव से कार्यक्रम को सुनते है । और पत्र द्वारा अपने विचार देते हैं । यदि मैं यह कहूं कि रेडियो सुनने का शौक मुझे विरासत में मिला है , तो गलत न होगा । आप का सहयोग मिलता रहा और आप मुझे प्रोत्साहित करते रहे , तो आप से जो मैं ने रिश्ता काय किया है , वह नहीं टूटेगा । तथा भविष्य में इसे और भी मजबूती प्रदान करने की कोशिश करूंगी । यह मेरा वादा है ।
मैं बहन फतेम सोगरा को कोटि कोटि धन्यावाद देती हूं कि आप ने छोटी उम्र में ही हमारा और अन्य अन्तरराष्ट्रीय रेडियो प्रसारण सुनना शुरू किया और सी .आर .आई हिन्दी प्रसारण से दीर्घकालीन रिश्ता कायम करने का वायदा किया है । हमें पक्का विश्वास है कि रेडियो तरंग के माध्यम से और आज अन्य प्रकार के आधुनिक दूर संचार माध्यमों से आप सी .आर.आई हिन्दी कार्यक्रम सुनती रहेंगी और दोस्ती बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश करेंगी. हमारी दोस्ती जरूर और मजबूत होगी , यही हमारा विश्वास है । आप के पत्र के इंतजार में ।