आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के शमसुद्दिन साकी अदीबी का पत्र सामने है , जिस में कहा गया है कि वास्तव में हिन्दी सेवा के कार्यक्रम एक मधुर गुलदस्ते के समान है , जिस में भिन्न भिन्न प्रकार के फूल खिले हुए हैं । चीन का भ्रमण तथा चीन का संक्षिप्त इतिहास यदि चमपा है , तो आज का तिब्बत चमेली , सवाल जवाब , विज्ञान , शिक्षा व स्वास्थ्य यदि गुलनार है , तो जीवन और समाज कटेहरी , चीनी अल्पसंख्यक जाति यदि कचनार है तो आप की पसंद बेइंला , खेल जगत यदि सुगंध , तो आप का पत्र मिला गुलाब , यानी कि हिन्दी सेवा ही एक एक गुलजार है और इस में तरह तरह के फूल खिल कर हमारे मन को लुभाते है । यही कारण है कि हम हिन्दी सेवा के दीवाने हो गए हैं ।
शमसुद्दिन साकी अदीबी ने सी आर आई हिन्दी कार्यक्रमों को फूलों के एक एक उपमा प्रदान कर तूलना की , पढ़ कर हमें एक ताजा अनुभव हुआ , आप की इस प्रकार की सराहना के लिए आप को कोटि कोटि धन्यावाद ।
भागलपुर बिहार के नाजनी हसन , हमीदा हसन , तमन्ना हसन ,शबीना हसन और खुलताना खातून व नाजमा खानम का एक पत्र मिला , जिस में सी आर आई के कुछ कार्यक्रमों पर अपनी प्रतिक्रिया की । सी आर आई के दैनिक देश विदेश की ताजा घटनाओं पर आधारित समाचार एवं समीक्षा निष्पक्ष एवं उच्च कोटि के होते है। आज के ताजा समाचार से ज्ञात हुआ कि चीन और जापान के बीच यासुकुनी मंदिर के चलते कुछ संबंध ठीक नहीं लगते है , कारण है जापानी सरकार ने यासुकुनी मंदिर को युद्ध में मरे सैनिकों का कहा , परन्तु चीन सरकार ने इस मंदिर को युद्ध अपराधियों का कहा। इस संबंध में मैं कहना चाहती हूं कि जापान सरकार चीन सरकार की बातों पर ध्यान दे और लचकदार व्यवहार बनाते हुए आपसी संबंध को और मजबूत करे ।
हम सब को हर दिन सी आर आई से एक न एक उपयोगी जानकारी प्राप्त होती रहती है , आज का तिब्बत कार्यक्रम में तिब्बत की उन्नति और चीन सरकार द्वारा दी गई बहुत सारी सहायता आदि के बारे में जानकारी मिलती रहती है , यह सुन कर हमें ऐसा महसूस होता है कि हम सब तिब्बत को अपनी आंखों से देख रहे हैं ।
चार अप्रैल के आज का तिब्बत में तिब्बती लामा एवं प्रोफेसर खोशांग के बारे में विस्तारपूर्ण रिपोर्ट बहुत ही अच्छा लगी , साथ ही चीन में निर्माण व सुधार कार्यक्रम में जीव विज्ञानिक श्री छन चिंग के बारे में चाओ ह्वा का रिपोर्ट बहुत रोचक था ।
श्रोता अमीर अहमद ने इस बार के पत्र में हमें यह बताया है कि आज कार्यक्रम जीवन और समाज में आप की प्रस्तुति से बंगलादेशी थाइपे की जीवनी , उन का परिश्रम और सक्रिय जीवन पर जो महत्वपूर्ण रिपोर्ट सुना है , थाइपे से चर्चा की है ,थाइपे के बारे में जानकारी दी है , सच में वो बहुत ही ज्ञानी है । उन से हुई चर्चा के अंश सुना । उन्हें चीन की चित्र कला और सुलेखन बहुत पसंद आये । थाइपे चित्रकला भी बनाते हैं , उन्हें एक कला प्रदर्शनी में रजत पदक भी मिला है । उन्हों ने एक किताब भी लिखी है मेरा जीवन नाम का है । वो अपनी जीवन चीनी जीवन की तरह बिताना चाहते हैं , वै कहते हैं कि चीन मेरा दूसरा घर है । रिपोर्ट बहुत अच्छी लगी । धन्यावाद ।
हिमाचल प्रदेश से जो पवन कुमार का पत्र आया है , वह इस समय आप के सामने है । श्री पवन कुमार ने अपने इस पत्र में अप्रैल में सुने कुछ सी आर आई कार्यक्रमों पर प्रतिक्रिया की । उन्हों ने लिखा है कि आज का तिब्बत कार्यक्रम सुना , इस की ज्यादा जानकारी तो याद नहीं , सिर्फ इतना कि तिब्बत के लिए रेल गाड़ी जुलाई 2006 से चलेगी ।
चीनी गीत संगीत जो रूपा जी ने प्रस्तुत किया है , इस में रूपा जी ने विभिन्न गायकों के गीत सुनवाए । दो तितलियां , मेरा घर उत्तर पूर्व चीन में है , धीरे धारे , मां , कभी नहीं छोड़ूंगा , जो अलग अलग गायक गायिका की आवाज में है । ये गीत मैं ने सुने व आप को बता रहा हूं कि यह कार्यक्रम बहुत अच्छा है । रूपा को धन्यावाद ।
चार अप्रैल को चीन में निर्माण व सुधार के अन्तर्गत श्री झांग चिन का परिचय दिया गया , जो अमरीका की पत्रिका फारच्यून के प्रसिद्ध व्यक्तियों की सूची में है । श्री झांग चिन ने जीव विज्ञान में कई वर्षों से काम किया , फिर चीन में आ कर ओआओ कंपनी बना कर जीव विज्ञान में अनुसंधान आरंभ किया ।
मुझे उन के कार्य में ज्यादा ज्ञान नहीं समझ पाया , परन्तु यह सुन कर कि वह एक ऐसी चिप या दवा बना रहे हैं , जो खिलाड़ियों में प्रतिबंधित दवा के सेवन करने वाले को उस खेल में भाग ही नहीं लेने देगी और वह दवा 2008 औलिंपिक तक तैयार हो जाएगी , मुझे बहुत खुशी हुई । काश , यह दवा जल्दी से जल्दी बने , ताकि उन दोषी खिलाड़ियों को देश का नाम बदनाम करने का मौका न मिले ।
श्रीरामपुर उड़ीसा के सुब्रत कुमार पति का पत्र प्रस्तुति के लिए यहां है , उन्हों ने कहा कि सी आर आई के कार्यक्रम सुना , तो पता चला है कि चीन में सब से अधिक सेलफोन का व्यापार होता है । यह जान कर बड़ा अच्छा लगा । मैं यह मानता हूं कि चाइना में तकनीकों के विकास के कारण तथा अधिक जन संख्या के कारण सेलफोन का इतना अधिक व्यापार हो पाना संभव है ।
हम ने एक श्रोता संघ का गठन किया है , जिस का नाम है आजाद हिन्द आंलयोलिक श्रोता संघ । इस के कुल पन्दरह सदस्य हैं , कृपया इस क्लब का पंजिकरण करें और हमें जवाबी लिफाफा और श्रोता वाकिटा भेजने का कष्ट करें ।
हम श्री सुब्रत कुमार पति और उस के श्रोता संघ का हार्दिक स्वागत करते हैं और हमारा नियमित श्रोता संघ समझते हैं । आप की मांग पर श्रोता वाटिका आदि सामग्री भी भेजी है , आशा है कि आप को मिल गयी है ।