किशोर भाई,विश्व में अनेक आर्थिक मंच है.यहां हम समझते हैं कि आप विश्व व्यापार संगठन की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं.सो हम इस संगठन के बारे में कुछ बताएंगे.
विश्व व्यापार संगठन संयुक्त राष्ट्र संघ के नियंत्रण के बाहर एक स्थाई अंतरराष्ट्रीय संगठन है.कानूनी तौर पर उस का दर्जा संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के बराबर है.इस का मूल सिद्धांत और मकसत बाजारी उन्मुक्तिकरण,गैरभेदभाव और न्यायपूर्ण व्यापार के माध्यम से अंतररराष्ट्रीय व्यापार के उन्मुक्तिकरण को बढावा देना है.विश्व व्यापार संगठन का न्यायिक इकाई का स्थान है.अपने सदस्यों के बीच विवादों के निपटारे में उस की निर्विवाद विशेषज्ञता और प्रभाव है.संगठन का कामकाज पहली जनवरी 1995 को विधिवत् रूप से शुरू हुआ.उस का मुख्यालय जेनेवा स्थित चुंगी व व्यापार आम समझौते यानी जीएएसी की इमारत में है.वह विश्व आर्थिक व व्यापारिक व्यवस्था के प्रबंध की देखरख करता है.पहली जनवरी 1996 को उस ने चुंगी व व्य़ापार आम समझैते संबंधी अस्थाई संस्था की जगह लेकर वर्तमान स्थाई स्थान प्राप्त किया.
सन् 1947 की जुलाई में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन के गठन की परिकल्पना प्रस्तुत की थी,ताकि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विश्व अर्थतंत्र पर नियंत्रण करने वाली एक मौद्रिक,वित्तीय एवं व्यापारिक संस्था कायम हो जाए.वर्ष 1947 में संयुक्त राष्ट्र व्यापार व रोजगार सम्मेलन में संपन्न हवाना चाटर ने विश्व व्यापार संगठन के गठन को मंजूरी दे दी.लेकिन अमरीका की असहमति से यह संगठन गठित नहीं हो पाया.उसी साल अमरीका की अगुवाई में व्यापार की उन्मुक्तिकरण के आंतरिक समझौते की रूप में चुंगी व व्यापार आम समझौते की रूपरेखा तैयार की गयी.वर्ष 1986 में चुंगी व व्यापार आम समझौते से जुड़ी ऊरूगाय़ वार्ता की शुरूआत के बाद यूरोपीय संयुक्त समुदाय और कनाटा ने 1990 में अलग अलग तौर पर विश्व व्यापार संगठन की स्थापना के औपचारिक प्रस्ताव पेश किए.अप्रैल 1994 में मोरोक्को में चुंगी व व्यापार आम समझौते पर हुए विश्व मंत्री स्तरीय सम्मेलन में विश्व व्यापार संगठन के गठन का औपचारिक फैसला ले लिया गया.
विश्व व्यापार संगठन का सर्वोच्च नीति-नियामक अंग मंत्री-सम्मेलन है,जो प्रति दो सालों मे एक बार आयोजित होता है.सम्मेलन के नीचे जनरल परिषद और सचिवालय स्थापित है,जो विश्व व्यापार संगठन के रोजमरे की सभाओं के आयोजन और कामकाज के प्रबंध का काम संभालते हैं.जनरल परिषद के अधीन माल-व्यापार,गैर माल-व्यापार यानी सेवा-व्यापार ,बाद्धिक संपदा अधिकार,व्यापर व विकास, बजट और व्यापारिक नीतियों के क्रियान्वयन की जांच संबंधी कई समितियां हैं.व्यापारिक नीतियों के क्रियान्वयन की जांच-समिति विभिन्न देशों की आर्थिक नीतियों की समीक्षा-रिपोर्टें तैयार करने का काम करती है.इस संदर्भ में वह हर दो सालों मे एक बार अमरीका,यूरोपीय संघ,जापान और कनाटा से जुड़ी रिपोर्टें तैयार करती है.अन्य 16 विकसित देशो के लिए हर 4 सालों में एक बार और विकसाशीन देशों के लिए प्रति 6 सालों में एक बार इस तरह की रिपार्टें तैयार होती है.विश्व व्यापार संगठन के तहत एक याचिका-अदालत भी है,जो संगठन के सदस्यों में मतभेदों को लेकर निर्णय लेती है.
विश्व व्यापार संगठन के सदस्य दो प्रकार के हैं.एक प्रकार के हैं संगठन के संस्थापक.और दूसरे प्रकार के हैं बाद में इस में शामिल होने वाली इकाइयां.इस संगठन की सदस्यता पाने के लिए इस संगठन के मंत्री-सम्मेलन में दो तिहाई प्रतिनिधियों का समर्थन प्राप्त करने की जरूरत है.
कोआथ बिहार के सुनील केशरी और उन के साथियों तथा पश्चिम बंगाल के यैशचौपड़ा जानना चाहते हैं कि क्या चीन में भी भारत की तरह औरत घूंघट करती हैं?
नहीं,चीन में औरतें घूंघट नहीं करती हैं।यहां घूंघट करने की प्रथा नहीं चलती।पुराने जमाने में महिलाएं पर्दे के पीछे जरूर रहती हैं,लेकिन घूंघट नहीं करती थीं।उन्हें पुरूष विशेषकर अपरिचित पुरूष से आमन-सामने बातें करने की इज़ाज़त नहीं थी बल्कि पर्दे के पीछे से बात कर सकती थी।यानी केवल उन का स्वर सुनाई देता था लेकिन उन की मुखाकृति नजर नहीं आ सकती थी।