आज ही जीवन और समाज के तहत जर्मन नागरिक पोडाका की चीनी संस्कृति में इतनी अधिक अभिरूचि तथा उसे इतनी गहराई से आत्मसात करने की ललक बपेहद प्रेरणादायी लगी , कृपया चीनी संस्कृति में इसी प्रकार की रचि रखने वाले किसी भारतीय से भी मिलवाएं , तो आप की अतिकृपा होगी ।
लम्बे प्रयासों के बावजूद आप का पत्र मिला के स्वरूप में विशेष अन्तर नहीं आया है तथा वह एक ढर्रे में बंध कर रह गया है । आप को इस में आमूलचूल परिवर्तन करना होगा । तभी यह कार्यक्रम वास्तविक लोकप्रियता हासिल कर सकेगा । मेरी राय में उन पत्रों को प्रधानता दी जानी चाहिए , जिन में सी आर आई की प्रशंसा के अलावा प्रसारण विशेष पर सटीक टिप्पणी की गई हो ।
सुरेश अग्रवाल को धन्यावाद है कि आप ने सी आर आई के हिन्दी कार्यक्रमों पर टिप्पणी के अलावा आप का पत्र मिला कार्यक्रम के सुधार के लिए राय भी बतायी , आप ने सही कहा है कि आप का पत्र मिला कार्यक्रम एक लम्बे समय से रूपढंग और विषय में बंधा हुआ नजर आया है । इसे बेहतर करने के लिए विभिन्न श्रोताओं की बुद्धिमता की आवश्यकता है । हम विभिन्न श्रोताओं के इस के बारे में लिखे पत्रों का हार्दिक स्वागत करते हैं ।
कोआथ बिहार के सुनील प्रसाद केशरी , सुनील केशरी , सीताराम केशरी व लक्ष्मन प्रसाद केशरी के पत्र इस समय आप के सामने है, उनके पत्रों में मुख्यतः ज्ञान प्रतियोगिता के बारे में विषय है , जिन का हम यहां जिक्र नहीं करेंगे , यहां हम केवल यह कहना चाहते हैं कि थाईवान व चीन भारत मैत्री की ज्ञान प्रतियोगिता के परिणाम निकले थे और उन के पुरस्कार हम भेज भी चुके थे , शायद आप को भी मिला होग, हमें आशा है कि आप लोग वर्तमान में चल रही ज्ञान प्रतियोगिता में भाग लेंगे और पुरस्कार जीतने के लिए पुनः भाग्य आजमाइश करेंगे । कोआथ के इन भाइयों ने अपने पत्र में यह भी कहा कि मैं सी आर आई का नियमित श्रोता हूं , हर कार्यक्रम ध्यान लगा कर बराबर सुनता आ रहा हूं । सब से पसंदीदा कार्यक्रम जीवन और समाज, चीन का भ्रमण ,आप से मिले तथा सवाल जवाब और प्रतिदिन की खबरें है । 22 मार्च के सवाल जवाब का प्रोग्राम सुना , सवालों का जवाब आप इतना सटीक और साफ देते हैं कि दिल खुशी से झूम जाता है । आप के सी आर आई का मैं एक सक्रिय श्रोता हूं और पत्र बराबर भेजता हूं , आस से निवेदन है कि हमारे पत्रों को सवाल जवाब में हर सप्ताह शामिल करें , ताकि चीन के प्रति हमारी जिज्ञासा शांत हो और हम चीन के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर सकें । बहुत से पत्र भेज चुका हूं , बस आप ध्यान देकर मेरे पत्र शामिल करें , ताकि नए नए पत्र लिखने का मौका मिलता रहे । आप की आवाज इतना मधूर है और साफ सुनाई पड़ती है , जैसे कोयल की मिट्ठी सुरीली दिल की गहराइयो को छू जाता है ।