रामपुरफुल पंजाब के बलवीर सिंह पूछते हैं कि चीन,हांगकांग तथा मकाओ में कौन सी मुद्रा चलती है व उन की भारतीय मुद्रा के मुकाबले क्या कीमत है ? हांगकांग तथा मकाओ का राज्य-प्रबंधन कैसा हैं?
चीन की मुख्यभूमि की मुद्रा रनमिनबी चीनी य्वान है। हांगकांग की मुद्रा हांगकांग डालर और मकाओं की मुद्रा मकाओपी यानी है। चीन की गोद मे लौटने के बाद हांगकांग और मकाओ में हांगकांग डालर और मकाओपी के साथ रनमिनबी का प्रचलन शुरू हुआ है। लेकिन चीन की मुख्यभूमि में हांगकांग डालर और मकाओपी महंगे होटलों को छोड़ आम बाजारों में प्रचलित नहीं है। उन्हें रनमिनबी में बदलकर ही इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस समय 1 हांगकांग डालर की कीमत 1.07 रनमिनबी या चीनी य्वान और 1.075 मकाओपी के बराबर है,जबकि रनमिनबी या चीनी य्वान और रुपए की वर्तमान विनिमय-दर 1:5.7 है। या कहें कि एक चीनी य्वान के मुकाबले भारतीय मुद्रा की कीमत 5.70 रूपए है। इस के आधार पर आप हांगकांग डालर और मकाओपी के मुकाबले ऱुपए के दाम का गणित कर सकते हैं।
हांगकांग औऱ मकाओ अलग-अलग तौर पर 1997 और 1999 में चीन की गोद में वापस लौटकर दो विशेष प्रशासनिक क्षेत्र बन गए। वापसी से पहले तैयार इन दोनों क्षेत्रों के बुनियादी कानूनों के मुताबिक स्थानीय व्यवस्था 50 वर्षों तक यथावत बनी रहेगी। चीनी केंद्रीय सरकार ने इन कानूनों के आधार पर हांगकांग और मकाओं में उच्च स्वायत्तता तथा उन पर खुद स्थानीय लोगों के शासन की नीति भी बनायी है ।चीनी केंद्रीय सरकार इस नीति पर कायम है। इस से इन दोनों क्षेत्रों की अपनी-अपनी पूंजीवादी व्यवस्था जारी है औऱ जनता की जीवन-शैली में कोई बदलाव नहीं आया है और जीवन-स्तर उन्नत होता गया है। वहां की पूंजीवादी व्यवस्था चीन की मुख्यभूमि की समाजवादी व्यवस्था एक दूसरे की पूरक मानी जाती हैं।
सीतामढ़ी बिहार के मोहम्मद जहांगीर ने पूछा है कि चीन में क्या-क्या चीजें व उत्पादन होते हैं ?
भैय्या,चीन में खेतीयोग्य भूमि का क्षेत्रफल लगभग 13 करोड़ हेक्टर है। पूर्वोत्तर मैदानी क्षेत्र,उत्तरी मैदानी क्षेत्र,यांगत्जी नदी के मध्य व निचले मैदानी क्षेत्र, चूच्यांग नदी के डेल्टा वाले क्षेत्र में खेतीयोग्य भूमि ज्यादा उपलब्ध है। इन क्षेत्रों में गेहूं,धान,मकई,सोर्गम,
बाजरा,सोयाबीन,तिलहन,सरसों,कपास,तंबाकू,मूंगफली,चाय,गन्ना औऱ रेशम से जुड़ी शहतूत की शानदार फसलें होती है तथा तरह-तरह के फलों की भी बड़ी खेती होती है।
चीन में जगलों का क्षेत्रफल 16 करोड़ हेक्टर है। पूर्वोत्तर भाग के ताशिनआनलिंग और श्याओशिनआनलिंग देश का सब से बड़ा प्राकृतिक जंगल-क्षेत्र है। यहां तरह-तरह के चीड़ जैसे शंकु वृक्ष एवं भूर्ज व शरपत आदि बड़ी पत्तियों वाले वृक्ष पाए जाते हैं। युन्नान प्रांत के दक्षिणी भाग में स्थित शीश्वांगपानना वनस्पतियों के साम्राज्य के नाम से चीन में विख्यात है। यहां 5000 से अधिक किस्मों के उष्णकटिबंधीय बड़ी पत्तियों वाले पेड़-पौधे उपलब्ध हैं।
चीन की विशाल भूमि की लगभग 40 करोड़ हेक्टर भूमि में घास के मैदान फैले हुए हैं,जहां उच्च गुणवत्ता वाले गाय-बकरे पाले जाते हैं और उत्पादित दूध व इस से बने खाद्य पदार्थ तथा ऊनी कपड़े विश्वविख्यात है।
चीन में खनिज पदार्थों का समृद्ध मंडार भी है। कहा जा सकता है कि दुनिया के दूसरे देशों में जो खनिज वस्तुएं उपलब्ध हैं,वे सब की सब चीन में भी पाई जा सकती हैं। उल्लेखनीय है कि चीन में खोजे गए खनिज पदार्थों में से कोयला ,लोहा और तांबे आदि की 153 किस्मों का कुल उत्पादन विश्व में अपनी किस्म के तीसरे पायदान पर रहा है। इस के अलावा तेल,प्राकृतिक गैस और दुर्लभ अलौह वस्तुओं के भंडार की दृष्टि से भी चीन विश्व के प्रमुख देशों में से एक है।
कोआथ बिहार के सुनील केशरी, डी डी साहिबा,सीताराम केशरी का सवाल है कि चीन में सब से बड़े समुद्र का नाम क्या है?
चीन के आसापास पोहाई,ह्वांगहाई,तुंगहाई और नानहाई चार समुद्र फैले हुए है।पोहाई समुद्र चीन के महाद्वीप में बहता है और बाकी 3 समुद्र पूर्व में प्रशांत महासागर से जुडे हैं।नानहाई चीन का सब से बड़ा समुद्र है,जिस का क्षेत्रफल 35लाख वर्गकिलोमीटर है और पानी की औसत गहराई 1212 मीटर है।तुंगहाई समुद्र का क्षेत्रफल करीब 77 वर्गकिलोमीटर है और पानी की औसत गहराई 370 मीटर है।ह्वांगहाई समुद्र का क्षेत्रफल लगभग 38 वर्गकिलोमीटर है और पानी का औसत गहराई 44 मीटर है।पोहाई समुद्र सब से छोटा है,जिस का क्षेत्रफल और पानी की औसत गहराई क्रमश: 77 हजार वर्गकिलोमीटर और 44 मीटर है।