2008-04-01 15:08:57

विभिन्न श्रोताओं के पत्र उद्धरण

यह आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के अमीर अहमद का पत्र । हमारे इस नियमित श्रोता मित्र ने इस बार लिख कर कहा कि आज आप के कार्यक्रम में चीन और पाकिस्तान के बीच में बसा काश्गर शहर का दौरा कराया गया और चीन पाक संबंधव व्यापार से ले कर हर पहलु पर आप ने जानकारी दी । पाक लोगों का काश्गर इतना आना है कि वहां खूब पाकिस्तानी गीत गजल सुनने को मिलते भी है । पाकिस्तानी व्यापारियों के बारे में भी जानकारी मिली और उन के साक्षात्कार सुने , प्रोग्राम पसंद आया ।

क्या खूब पसंद आ रहा है , आजकल शाहिद आजमी की चीन यात्रा के अनुभव प्रतिदिन तीनों सभाएं सुनता हूं । आप और आजमी के अनुभव ने चीन को और अधिक करीब से जानने का मौका मिला । और सच बताऊं कि दिल कह रहा है कि मैं भी एक दिन चीन का यात्रा करूं , भगवान से आज से प्रतिदिन प्रार्थना करूंगा कि शाहिद आजमी की तरह मुझे भी चीन की यात्रा करने को मिले ।

श्री अमीर अहमद ने अपने एक दूसरे पत्र में आगे लिखा कि आप ने तो हिन्दी विभाग की वेबसाइट को एक दुल्हन की तरह सजा दिया है , जिस तरह दुल्हन को देख कर नजर नहीं हटती , उसी प्रकार वेबसाइट को देख कर दिल दूर रहने को नहीं कहता ।

सच बता रहा हूं कि आज मैं चार घंटे रेगुलर से आप की वेबसाइट को देखता रहा । सभी समाचार पढ़े , श्रोताओं के पत्र पढ़े और विशेष कर मोहम्मद शाहिद आजमी के अनुभव को पढ़ा व देखा श्री आजमी की चीन यात्रा के एक एक पल को आप ने किस खूब सूरती अंदाज में पेश किया है , बहुत पसंद आया । आजमी के चाइना एयर पोर्ट से लेकर गरम वस्त्र पहने पर विशाल दीवार की यात्रा , दावत , समर पैलेस , हिन्दी विभाग के जवानों के साथ ग्रूप व आदरणीय हु मिन जी के हाथों पुरस्कार ग्रहण करने तथा दीदी चाओ के साथ शांग थांग के साथ फोटो देखने को मिले , मुझे बहुत पसंद आये । हम ने उन फोटो को डाउन लोड करके अपनी सी डी में लोड कर लिया है । सच वेबसाइट को देख कर दिल खुश हो गया । आप ने जो परिश्रम करके वेबसाइट को सजाया है । आप की मेहनत जायी नहीं गई , जो भी देखता है वो वेबसाइट के गुण ही गाता है , हम इस के लिए आप को सच्चे दिल से धन्यावाद देते हैं ।

बांदा उत्तर प्रदेश के संतोष कुमार सोनी का पत्र अब आप के आगे है , उन्हों ने कहा कि बुधवार को खेल जगत कार्यक्रम सुना ,इस में क्रिकेट विशेषज्ञ द्वारा भारत पाक क्रिकेट श्रृंखला पर वी तुंग भाई की वार्ता सुनी , बहुत अच्छी लगी । गुरूवार को आप का पत्र मिला कार्यक्रम सुना , वह मुझे बहुत अच्छा लगा । आज जिन श्रोताओं के पत्रों को कार्यक्रम में शामिल किया गया । उनकी प्रस्तुति बहुत अच्छी रही। शुक्रवार को सांस्कृतिक जीवन कार्यक्रम में आप लोगों ने चीनी गायिका छैछिन के जीवन के परिचय पर रोचक व ज्ञानवर्धक कार्यक्रम प्रसारित किया , वह मुझे बहुत पसंद आया । तथा चीनी गायिका छै छिन के जो गाने प्रसारित किए गए , वह मुझे बहुत पसंद है , जिस के लिए आप को मेरी ओर से बहुत बहुत धन्यावाद ।

अब है आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के श्रोता मुहम्मद शाहिद आजमी का पत्र , जो इस बार नई दिल्ली से भेजा गया है ।

अपने पत्र में उन्हों ने यह लिखा है कि आप के द्वारा संपादित दिसम्बर 2005 का श्रोता वाटिका का ताजा अंक आज प्राप्त हुआ , वास्तव में आप ने इतनी बढ़िया बढ़िया और ज्ञानवर्धक रोचक और खूबसूरत सामग्रियों से सजाया है कि प्रशंसा के लिए डिक्सनरी से शब्द तलाश करना पड़ेगा । स्मारकों , त्योहारों , खानपान और शिक्षा संस्थान पर खूब लेख समलित किये , फोटो की तो बात ही नहीं । आप का दुपटा लहराता फोटो देख कर यह गाना याद आ गया ---हवा में उड़ता जाए , मोरा लाल दुपटा मलमल का ।

सभी फोटो शानदार और यादगार है , आप की इतनी बढिया सामग्री पढ़ कर मुझे भी चीन यात्रा पर कुछ लिखने पर मजबूर कर दिया, बढिया प्रकाशन पर मुबारकबाद ।

औरेया उत्तर प्रदेश के काल्क प्रसाद कीर्ति प्रिय के फिर कई पत्र मिले , जिन में से यह आप लोगों के सामने लायी हूं । उन्हों ने इस पत्र में कहा कि आप के दो लिफाफा मिले हैं , जिन में 2006 का कलेंडर और नया साल कार्ड है , आप का ताजा श्रोता वाटिका अंक भी मिला , जिस में चन्द्रिमा जी ने भारत के बारे में बहुत कुछ लिखा है ।

आज चीन का भ्रमण सुना , बहुत अच्छा लगा , एक नया शब्द भी सुनने को मिला , पत्थर जंगल , मैं ने तो अभी तक जंगल ही सुना था , लेकिन आज पहली बार पत्थर जंगल सुन कर दंग रह गया । यह स्थान युननान प्रांत में , स्थान तो छोटा ही 2.4 किलोमीटर का है , लेकिन बड़ा आकर्षक । वानशङ नाम का यह पत्थरों का जंगल समुद्र से निकल कर ऊपर उठा है इसलिए खास तरह का है ।

वानशङ पत्थर जंगल में पत्थर मोटे भालू , दौड़ते हुए घोड़ों आदि नाना शक्लों के हैं । एक चट्टान तो पंखे की तरह जो पांच पांच तीन मीटर के लगभग है । वानशङ पत्थर जंगल में बहुत से सुन्दर दृश्य भी हैं ।

आज बहुत दिन बाद सी .आर .आई से आश्चर्यजनक चीन की यात्रा सुनने को मिली है ।

अब आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के अनिसुर रहमान आजमी का पत्र । उन्हों ने कहा कि आज का आवश्यक बात यह है कि मैं सी .आर .आई का श्रोता न होते हुए भी अपने क्लब के सदस्यों के साथ प्रश्न प्रतियोगिता में भाग लेना चाहता हूं । मुझे विश्वास है कि प्रतियोगिता में अवश्य शामिल करेंगे ।

मैं सी .आर.आई के कार्यक्रम को नियमित रूप से सुनता हूं । मैं सी .आर .आई के कार्यक्रम में लगभग सात माह से पत्र लिख रहा हूं , किन्तु अभी तक कोई उत्तर नहीं आया । हमें आप के कार्यक्रम में आज का तिब्बत , चीनी बोलना सीखे और आप का पत्र मिला कार्यक्रम बहुत पसंद है ।

आप लोग उत्तर नहीं भेज रहे हैं तो मैं आप लोगों से कोई जबरदस्ती तो करूंगा नहीं , फिर भी यही कहूंगा कि हमारे क्लब को सी .आर .आई में शामिल करके उत्तर दें । हमारे क्लब में 13 सदस्य हैं और मैं सी .आर .आई के कार्यक्रम सुनने केलिए ज्यादा से ज्यादा श्रोताओं को शामिल करने की कोशिश में लगा हूं । मैं हमेशा सी .आर .आई की जानकारी के लिए आप के पुराने श्रोता के पास जा कर जानकारी प्राप्त करता रहता हूं ,श्रोता दोस्त मुबारकपुर के मजहर अली अंसारी से लिफाफा प्राप्त किया है ।

हम अनिसुर रहमान आजमी का हमारे नियमित श्रोता के रूप में हार्दिक स्वागत करते हैं । हमें याद है कि आप का एक या दो पत्र पहले कार्यक्रम में शामिल किया गया था , हम ने आप को नहीं भूला है , हम उम्मीद करते हैं कि आप और आप के क्लब सदस्य पत्र व्यवहार के माध्यम से सी .आर .आई के हिन्दी प्रसारण पर लिखेंगे , जिस से हमारे बीच का संपर्क बढ़ जाएगा और दोस्ती भी घनिष्ठ हो जाएगी । तब आप की शिकायत भी खत्म हो जाएगी ।