2008-03-17 16:06:20

चीन की सभ्यता चीन में क्रिकेट-खेल की स्थिति

आज के इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के दिनेश गुप्ता,गया बिहार के मोहदम जामिल खां और विकास नगर दिल्ली के अविनाश सिंह के पत्र शामिल हैं।

पश्चिम बंगाल के दिनेश गुप्ता जानना चाहते हैं कि चीन द्वारा प्रस्तुत नए ढंग का समाजवादी ग्रामीण इलाका कौन सा है?

वर्ष 2005 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी 16वीं राष्ट्रीय काँग्रेस के पांचवे पूर्णाधिवेशन में नए समाजवादी ग्रामीण इलाके के निर्माण का विचार प्रस्तुत किया,जिस का उद्देश्य चीनी ग्रामीण क्षेत्र को ऐसा बनाना है कि वहां उत्पादन विकसित हो,जीवन समृद्ध हो,माहौल सभ्य हो,सूरत साफ-सुथरा हो और प्रबंधन-कार्य लोकतात्रिक हो।

नए ढंग के समाजवादी ग्रामीण इलाके के निर्माण में ये विषय शामिल हैं ग्रामीण अर्थतंत्र का विकास करना,किसानों की आय को बढाना,ग्रामीण पर्यावरण को सुधारना,ग्रामीण परोपकारी कार्य को मजबूत करना और किसानों की गुणवत्ता को उन्नत करना आदि।

नए ढंग के समाजवादी ग्रामीण इलाके का निर्माण-कार्य चीन के सारे देहाती इलाके के अर्थतंत्र,राजनीति,संस्कृति,शिक्षा,चिकित्सा व स्वास्थ्य और पर्यावरण-संरक्षण आदि पहलुओ से संबंधित है।

गया बिहार के मोहदम जामिल खां पूछते हैं कि चीन की सभ्यता कितनी पुरानी है?और चीन का अर्थ क्या है?चीनियों का चीनी अथार्त शक्कर से संबंध है?

चीन दुनिया में प्राचीनतम देशों में से एक है।यहां की सभ्यता कम से कम 5000 वर्ष पुराना है।मुद्रणकला,काग़ज,बारूद,रेशम और चीनी मिट्टी जैसे आविष्कारों के लिए चीनी सभ्यता प्रसिद्ध है।

चीनी लोग अपने देश को चुंग-क्वो कहते हैं।इस का अर्थ है मध्यवर्ती देश।चीन शब्द इस देश के प्राचीन शासक चीन वंश से लिया गया है।

हमारी जानकारी के अनुसार चीनियों का चीनी अथार्त शक्कर से संबंध है।इस का कारण है कि चीनियों द्वारा शक्कर का आविष्कार किया गया है।सो उस का दूसरा नाम चीनी रखा गया है।ऐतिहासिक पुस्तकों में लिखा गया है कि चीनियों ने सब से पहले शक्कर से मिलते-जुलते मीठे स्वाद वाली चीज का खाने में प्रयोग किया था और इस आधार पर शक्कर का आविष्कार किया।प्राचीन काल में किसी समय दुनिया के लगभग सभी देश चीन से शक्कर का आयात करते थे।

मोहदम जामिल खां यह भी पूछते हैं कि चीन क्रिकेट में क्यों भाग नहीं ले रहा है?

हमारी जानकारी के अनुसार क्रिकेट मुख्यतः राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों में लोकप्रिय है।वह मूलतः एक ब्रितानी खेल है और उस का प्रचार 13वीं शताब्दी में शुरू हुआ।ब्रिटेन में क्रिकेट के विशेष प्रचार का श्रेय 1788 में स्थापित मैरिलबोन क्रिकेट कल्ब को जाता है।समय बीतने के साथ-साथ भारत,औस्ट्रेलिया,न्यूजीलैंड,दक्षिण अफ्रीका और वेस्ट इंडीज आदि देश जो कभी ब्रिटेन के उपनिवेश क्षेत्र थे,इस खेल के दीवाने हो गए हैं।चीन का ब्रिटेन के साथ संबंध कभी भी इतना घनिष्ट नहीं था,जितना उस के साथ भारत का।यानी कि ब्रिटेन का उपनिवेश क्षेत्र न होने के कारण चीन में क्रिकेट का प्रचार होने का वातावरण नहीं बन पाया।ऐसे में किसी चीनी क्रिकेट टीम का गठन नामुमकिन रहा।इस तरह चीन कैसे क्रिकेट मैच में भाग ले सकता है? पर इधर के कुछ वर्षो में चीन में इने-गिने बड़े कारोबारों ने मनोरंजन के लिए अपनी-अपनी क्रिकेट टीमें बनी हैं,जो अनियमित रूप से क्रिकेट खेलती हैं,लेकिन उन का किसी भी अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय प्रतियोगिता से कोई नाता नहीं है।

विकास नगर दिल्ली के अविनाश सिंह पूछते हैं कि चीन में शहरों और गांवों का विकास कैसे साथ-साथ किया जा रहा है?

शहरों और गांवों के बीच संबंध किसी भी देश के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।इस समय चीन में शहरों और गांवों के बीच आर्थिक विकास एवं नागिरक आय तथा उपभोग-स्तर में स्पष्ट अन्तर मौजूद है।इसे दूर करने के लिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने वर्ष 2002 में अपनी राष्ट्रीय कांग्रेस में यह निर्णय लिया कि कदम-ब-कदम मजदूरों व किसानों के बीच,शहरों व गांवों के बीच और क्षेत्रों के बीच अन्तर को कम किया जाएगा।इस निर्णय में शहरों और गावों का साथ-साथ विकास करने पर जोर दिया गया है।

चीनी विशेषज्ञों के विचार में शहरों और गांवों का साथ-साथ विकास करने के लिए यह जरूरी है कि शहरों और गांवों के आर्थिक व सामाजिक विकास को समान महत्व देकर एक एकीकृत विकास-योजना बनाई जाए,शहरों और गांवों में मौजूद समस्याओं तथा उन के बीच संबंधों का चौतरफा अध्ययन कर एकीकृत रूप से हल किया जाए।

शहरों और गांवों का साथ-साथ विकास करना सर्वोत्तोमुखी,समंवयपूर्ण और अनवरत विकास की अनिवार्य मांग है।