यह भागलपुर बिहार के रविराय का पत्र , जो आप का पत्र मिला कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से भेजा गया है ।
श्री रवि राय ने अपने इस पत्र में कहा कि मैं काफी दिनों बाद सी .आर .आई परिवार को पत्र भेज रहा हूं । आशा है कि इसे दिल से स्वीकार करेंगे । मेरी यह शिकायत है कि क्या सी .आर .आई अब पुराने श्रोता परिवार को पत्र सामग्री भेजना बन्द कर दिया है । क्यों कि हमें पांच सालों से कोई सामग्री प्राप्त नहीं हुआ , मात्र प्रतियोगिता फार्म ही भेजा जाता है । क्यों ऐसा अन्याय श्रोता परिवार से हुआ , आखिर आप का कार्यक्रम वर्ष 1990 से सुनता आ रहा हूं । जब सुन इंग दीदी हम सब को काफी याद करती थी और अपने हाथों से पत्र भी लिखती रहती थी , वह हम सबों के दिल में अब बसी है ।
श्री रवि राय का पत्र पा कर हमें बड़ी खुशी हुई है । आप ने पत्र में ठीक कहा है कि सुन इंग दीदी जब दफतर में थी , वे हाथों से पत्र लिख कर श्रोताओं को भेजती थी । उन के स्नेह ने सभी श्रोताओं का दिल जीत लिया है । लेकिन आज का युग दस पांच सालों में बहुत तेजी से बदल सकता है । अब हमारे पास पहले से कहीं अधिक मात्रा में पत्र और ज्ञान प्रतियोगिता के प्रश्नोंतर आते हैं , लेकिन हमारे आफिस में कर्मचारियों की संख्या पहले से कम हो गयी है । ऐसी हालत में हाथ से पत्र लिखना बहुत मुश्किल है । फिर तो आधुनिक तकनीकी विकास के परिणामस्वरूप सभी जगह अन्तरराष्ट्रीय कॉल वाला तेलीफोन , मोबाइल फोन और इंटरनेट इत्यादि उपलब्ध होते हैं । हमारे और श्रोताओं के बीच की दूरी भी काफी कम हो गई । हम चाहते हैं कि श्रोता विभिन्न तरीकों से हमारे साथ संपर्क करें और समय समय पत्र लिख कर अपनी स्थिति को हमें बताएं , ताकि हमारे बीच का संपर्क टूट न जाए । हम उम्मीद करते हैं कि श्री रवि राय इस पत्र के बाद भी हमें पत्र लिखेंगे, जो टूटी हुई कड़ी को दोबारा जोड़ देगा ।
रवि राय के बाद जो पत्र पास है , वह श्री पाल का है , जो रामपुरा फुल पंजाब से आया है । श्री पाल हमारे पुराने श्रोता हैं , लेकिन इधर के एक समय में उन का पत्र नहीं मिला , अब उन का यह पत्र पा कर हमें असाधारण बड़ी खुशी हुई है । श्री पाल का यह पत्र लम्बा है और सी. आर .आई हिन्दी के आज का तिब्बत कार्यक्रम पर समीक्षा की गई है । उस में से यह विषय चुन कर प्रस्तुत हैः
वर्ष 2005 में तिब्बत के लिए कई खुश खबरियां आई , जैसे कि आर्थिक विकास दर 12 प्रतिशत से अधिक तथा 18 लाख पर्यटकों का तिब्बत यात्रा करना । 27 दिसम्बर 2995 का आज का तिब्बत कार्यक्रम बहुत पसंद आया , क्योंकि इस में तिब्बत के विकास का वर्णन आंकड़ों सहित किया गया । जैसे कि आर्थक वृद्धि दर 12 प्रतिशत रही, पांच लाख लोगों को पानी मुहैया कराया गया , 33 प्राकृतिक संरक्षण केन्द्र स्थापित किए गए , 95 प्रतिशत के स्कूली उम्र वाले बच्चों को दाखिला हुआ और मोटर सड़कों की लम्बाई 43 हजार पांच सौ किलोमीटर हो गई । ऐसी जानकारी हमेशा हमें देते रहे ताकि हमें पता चलता है कि वहां क्या क्या विकास हुआ है।
समस्तीपुर बिहार के शाम्भू कुमार जयसवाल ने हमें लिखे पत्र में कहा कि मैं आप के कार्यक्रम का नियमित श्रोता हूं ,आप के कार्यक्रम में चीन का भ्रमण , चीन का संक्षिप्त इतिहास , चीन में निर्माण व सुधार , सवाल जवाब और आप का पत्र मिला बहुत ही अच्छा लगता है । आज का तिब्बत तथा तिब्बत के बारे में रिपोर्ट के द्वारा तिब्बत के बारे में सच्ची जानकारी बहुत ही अच्छी लगती है । आप की पसंद के अन्तगर्त श्रोताओं के द्वारा फरमाइशी हिन्दी गीतों को सुना कर श्रोताओं को मनोरंजन बहुत अच्छा लगता है । वैसे चीनी गीत संगीत में चीनी गीत बहुत अच्छे हैं , चीनी भाषा नहीं जानने पर भी चीनी संगीत बहुत अच्छे लगते हैं । चीन की अल्पसंख्यक जाति कार्यक्रम के अन्तगर्त अल्पसंख्यक जातियों के बारे में एक एक कर जानकारी बहुत ही अच्छी लगी । आप के द्वारा प्रेषित श्रोता वाटिका बहुत ही अच्छी लगती है , सब से खास बात आप के द्वारा चीन में होने वाले विकास एवं श्रोताओं के पत्रों व रचनाओं की जानकारी सिर्फ श्रोता वाटिका में लिखित रूप में प्राप्त होती है तथा श्रोताओं को पत्र लिखने के लिए उत्साहित करने के लिए आप के द्वारा जवाबी लिफाफा भेजा जाता है , जो बहुत अच्छी बात है ।