2008-01-29 16:53:05

सी .आर .आई के हिन्दी प्रसारण पर श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं

यह देहरादुन उत्तरांचल के सुभाष चंद का पत्र । उन्हों ने अपने पत्र में कहा कि मैं आप का एक नया श्रोता हूं और आप के कार्यक्रमों को नियमित रूप से सुनता हूं । आप के कार्यक्रम ज्ञानवर्धक और मनोरंजक और बहुत अच्छे होते हैं । मुझे खास तौर से चीनी भाषा पाठमाला कार्यक्रम बहुत अच्छा लगता है और मैं इस के माध्यम से चीनी भाषा सीखने का प्रयास कर रहा हूं । आप का हिन्दी फिल्मी गीतों का कार्यक्रम भी बहुत अच्छा लगता है ।

सुभाष चंद जी , हम आप का एक नए श्रोता का हार्दिक स्वागत करते हैं , आप को चीनी भाषा सीखने तथा फिल्मी गीत सुनने में गहरी रूचि है , यह जान कर हमें बड़ी खुशी हुई है । वास्तव में चीन और भारत के बीच संबंधों खास कर आर्थिक व्यापारिक संबंधों के तेज विकास के चलते यह निहात जरूरी हैं कि दोनों देशों के लोग ज्यादा से ज्यादा एक दूसरे देश की भाषा जानें , वरना दोनों के बीच संपर्क में काफी बाधा होगी । हिन्दी भाषी श्रोताओं को चीनी भाषा सीखने की सुविधा की दृष्टि से हम ने चीनी बोलना सीखे कार्यक्रम खोला है । लेकिन हम समझते हैं कि इस कार्यक्रम के चलते भारतीय श्रोताओं को कुछ न कुछ चीनी भाषा सीखने की सुविधा मिल सकती है , फिर भी केवल रेडियो प्रसारण से अधिक चीनी ज्ञान जानने में काफी कठिनाइयां मौजूद हैं । इसलिए हम आगे कोशिश करेंगे कि चीनी भाषा सिखाने के तरीके में भी सुधार लायें, ताकि चीनी भाषा सीखने के उत्सुक लोगों को और अच्छी सुविधा मिल सके तथा और ज्यादा उपलब्धि प्राप्त हो सके । अभी हम ने अपनी पत्रिका श्रोता वाटिका में एक छोटा स्तंभ खोला है , जिस में बोलचाल के कुछ सुबौध चीनी वाक्य सिखाये जाते हैं । आशा है कि आप उस से भी लाभ ले लेंगे

अब रोहतास बिहार के श्रोता भाई विष्णु कुमार गुप्ता का पत्र देखें । श्री विषणु कुमार गुप्ता ने अपने पत्र में लिखा है कि मैं आप के सी .आर .आई का नया श्रोता हूं । मैं सी .आर .आई से प्रसारित सभी कार्यक्रमों को ध्यान से सुनता हूं । आप के प्रसारित कार्यक्रमों में आप का पत्र मिला , आज का तिब्बत , चीनी गीत संगीत कार्यक्रम मैं बड़े चाव से सुनता हूं । और सी .आर .आई ने जो चीन भारत मैत्री के बारे में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के बारे में पांच आलेख प्रसारित किए , उन्हें सुन कर मैं पहली बार चीन भारत मैत्री ज्ञान प्रतियोगिता में भाग ले चुका हूं और सभी प्रश्नों को सही सही भर कर भेज चुका हूं । और मेरे पास श्रोता वाटिका का नया अंक जरूर भेजेंगे ।

अब आप के सामने है वैशाली बिहार के कुमार जय वर्धन का पत्र ।

उन्हों ने अपने पत्र में लिखा है कि मैं सी .आर .आई के हिन्दी और नेपाली सेवा को पिछले चार सालों से नियमित रूप से सुनते आ रहा हूं । समय समय पर मैं अपनी प्रतिक्रियाओं से आप को अवगत भी करता रहता हूं . जो आप को पता है । इन चार सालों में सी . आर .आई के द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में भाग भी लेता रहा हूं और पुरस्कार भी मिलता रहा है । जितना प्यार और सम्मान मुझे चाइना रेडियो इंटरनेशनल ने दिया है , उतना अन्य कोई विदेशी प्रसारण ने नहीं दिया ।

श्रोता वाटिका का अंक सात मिला , पढ़ कर अच्छा लगा । बांडोंग सम्मेलन के शानदार समारोह के चित्र तथा संबंधित आलेख काफी पसंद आया । अन्य लेख , श्रोता क्लबों के फोटो तथा श्रोताओं की कविता भी काफी अच्छा लगा । श्रोता वाटिका पत्रिका में और पृष्ठ बढ़ाने की आवश्यकता है , ताकि इस में ज्यादा से ज्यादा् श्रोताओं की भागीदारी हो सके । तथा यह और ज्यादा लोकप्रिय हो सकें , सी .आर .आई को और ज्यादा लोग जान सकें एवं श्रोताओं की संख्या में बढ़ोतरी हो सके ।

मैं ने आप की वेबसाइट भी देखा है । वेबसाइट पर आप ने मेरा फोटो भी लगाया है , लेकिन आप ने उस के नीचे यह नहीं लिखा है कि यह फोटो किस का है । मैं ने तो अपनी फोटो को पहचान लिया है , लेकिन अन्य श्रोताओं के फोटो को नहीं पहचान सका । आप की वेबसाइट बहुत ही सुन्दर है ।

यह ललितपुर नेपाल के अशोक अधिकारी का पत्र । उन्हें हिन्दी लिखना अच्छा नहीं आता है , फिर भी सी .आर .आई के हिन्दी प्रसारण से लगाव होने की वजह से उन्हों ने हमारी हिन्दी सेवा के नाम पत्र लिख कर अपना अनुभव बताया है । उन्हों ने कहा कि मैं हिन्दी लिखना तो बहुत कम जानता हूं , यो भी सी .आर .आई हिन्दी सर्विस का बदौलत है कि आप को लिखने को तैयार हो गया हूं । मेरी हिन्दी में बहुत सी गलतियां हो सकती हैं , आप उन्हें मिला कर पढ़ने की कष्ट करें ।

मुझे हिन्दी समझने वाला और इतना लिखने वाला आप लोगों ने ही बनाया है । आप सब लोग धन्यावाद के पात्र हैं । आप लोगों ने मेरे आड्रेस पर पत्र भेजते हैं । अब नए पते पर भेजें , तो मैं जल्द ही पाऊंगा । आप से नियमित रूप में पत्र पाने की उम्मीद करता हूं ।

हम नेपाली श्रोता भाई अशोक अधिकारी को धन्यावाद देते हैं कि आप नेपाली भाषी होने पर भी सी .आर .आई के हिन्दी प्रसारण को सुनते हैं और हिन्दी में लिखने की भरसक कोशिश करते हैं । आप के इस प्रयास से हम बहुत प्रभावित हुए हैं । आशा करते हैं कि आप इस तरह आगे भी कोशिश करेंगे , जिस से हमारे बीच की दोस्ती बढ़ती जाएगी । आप के नए पत्र के इंतजार में ।