2008-05-26 15:23:35

आजा अब तो आजा

राकेशः यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। आप की पसंद सुनने वाले श्रोताओं का एक बार फिर स्वागत है।

ललिताः ललिता और राकेश की ओर से सभी श्रोताओं को नमस्कार। आशा है पिछले सप्ताह सी. रामचंद्र पर प्रस्तुत हमारा कार्यक्रम आप को पसंद आया होगा।

राकेशः ऐसे कार्यक्रम जो हिंदी संगीतकारों, गीतकारों की स्मृति में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए हम पेश करते हैं, इन कार्यक्रम के जरिए श्रोताओं को हिंदी गीत संगीत के स्वर्णिम दौर की यादों को ताजा करने का मौका भी मिलता है और बेहतरीन संगीत का आनंद उठाने का भी।

ललिताः जी हां। यह बात तो है। पिछले सप्ताह के कार्यक्रम पर हमें एक ई-मेल भी मिली है। मैं इसे पढ़ना चाहती हूं।

राकेशः कौन श्रोता हैं यह ई-मेल भेजने वाले?

ललिताः इन का नाम है डॉक्टर आलोक शर्मा और इन्होंने यह ई-मेल हिमाचल प्रदेश, योल कैंट जिला कांगड़ा से भेजी है।

राकेशः इन की ई-मेल पढ़ने से पहले क्यों न हम सी. रामचंद्र द्वार संगीतबद्ध किया गया ये गीत सुन लें।

राकेशः हेमंत और लता की आवाज में ये गीत थे फिल्म "अनारकली" से।

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