2008-05-26 15:23:35

जिंदगी प्यार की दो चार घड़ी होती है

राकेशः फिल्म "आजाद" यह फिल्म मूलतः तमिल में बनी थी और इसके निर्माता तुरंत ही इसे हिंदी में बनाना चाहते थै। इसलिए उन्होंने एक और मशहूर संगीतकार नौशाद से कहा कि क्या वे तीन महीनों में इस फिल्म के लिए संगीत तैयार कर सकते हैं? नौशाद साहब वक्त की पाबंदी और दबाव में काम करने वाले शक्स नहीं थे। इसलिए उन्होंने मना कर दिया।

ललिताः फिर?

राकेशः फिर वे निर्माता सी. रामचंद्र के पास पहुंचे और उन से प्रार्थना की क्या वे तीन माह में इस फिल्म के लिए संगीत तैयार कर सकते हैं? सी. रामचंद्र ने यह काम करना स्वीकार कर लिया और तीन महीनों की बजाए केवल सात दिनों में इस फिल्म के सारे गीतों का संगीत तैयार कर दिया।

ललिताः केवल सात दिन में।

राकेशः हां, केवल सात दिन में। लेकिन कमाल की बात तो यह है कि "आजाद" फिल्म का संगीत न केवल सुपरहिट हुआ, बल्कि एक और फिल्म "अनारकली" के साथ "आजाद" का संगीत सी. रामचंद्र का बेहतरीन संगीत माना जाता है।

राकेशः हेमंत की आवाज में यह गीत था फिल्म "अनारकली" से।

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