2007-12-25 10:33:02

विश्व धरोहरों की सूची में चीनी अवषेश, भूकंप लेखी यंत्र का आविष्कार

आज के इस कार्यक्रम में बिलासपुर छत्तीसगढ़ के चुन्नीलाल कैवर्त, आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के फय्याज अन्सारी,कोआथ बिहार के सुनील केशरी,डी डी साहिबा, संजय केशरी,सीताराम केशरी,खुशबू केशरी बवीता केशरी,प्रियंका केशरी, एस के जिंदादिल और भागलपुर बिहार के अच्युत कुमार पोद्दार के पत्र शामिल है.

बिलासपुर छत्तीसगढ़ के चुन्नीलाल कैवर्त और आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के फय्याज अन्सारी तथा कोआथ बिहार के सुनील केशरी,डी डी साहिबा, संजय केशरी,सीताराम केशरी,खुशबू केशरी बवीता केशरी,प्रियंका केशरी, एस के जिंदादिल ने चीन के उन प्राचीन स्मारकों एवं प्राकृतिक स्थलों के बारे में सवाल पूछे हैं जिन्हें विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है.

दोस्तो,1 जुलाई 2004 को पूर्वी चीन के सूचओ में आयोजित विश्व धरोहर परिषद के 28 वें समारोह में उत्तर पूर्वी चीन के चीलिन प्रांत में स्थित काउकुली की राजधानी व राजवंशी समाधि को विश्व धरोहरों की सूची में पंजीकृत किया गया.

इस तरह विश्व सांस्कृतिक या प्राकृतिक धरोहरों की सूची में चीन के स्थलों की संख्या 30 हो गई। इन में से राजधानी पेइचिंग में स्थित समर पैलेस,लम्बी दीवार,पुराना प्रासाद,तिब्बत स्वायत प्रदेश की राजधानी ल्हासा में स्थित पोताला प्रासाद,उत्तर पश्चिमी चीन के शेनशी प्रांत में स्थित छीनशीह्वांग की समाधि की मूर्तियां, उत्तर पश्चिमी चीन के कानसू प्रांत की मकाओ गुफ़ा, थाईशान पर्वत,ह्वांगशान पर्वत,चोचाईको प्राकृतिक क्षेत्र शामिल हैं. इन स्थलों का अधिकांश भाग 18वीं शताब्दी या इस से कहीं ज्यादा पहले ही प्रकाश में आया है.

यहां लगे हाथ यह भी बता दूं कि चीन में भी कुछ रमणीक स्थल आधुनिक दौर में बनाये गये हैं.पर वे प्रमुख पर्यटन-स्थलों की सूची में शामिल नहीं हैं.

भागलपुर बिहार के अच्युत कुमार पोद्दार पूछते हैं कि भूकंप लेखी यंत्र का आविष्कार किस ने और कब किया था ? कोआथ बिहार के सुनील केशरी,डी डी साहिबा,संजय केशरी,सीताराम केशरी,खुशबू केशरी बवीता केशरी,प्रियंका केशरी, एस.के.जिंदादिल का सवाल है कि चीन में सब से पहले भारी तेज भूकंप किस सदी में और कहां आया था?

भूकंप लेखी यंत्र का आविष्कार चीनवासी चाग हंग ने सन् 132 में किया था.यह दुनिया का पहला भूकंप मापी यंत्र है.चांग हंग का जन्म सन् 78 में हुआ था और निधन सन् 139 में.तब चीन में पूर्वी हान राजवंश का शासन था.चांग हंग वैज्ञानिक थे और साहित्यकार भी.उन्होंने गणित,ज्योतिष के क्षेत्र में शोध कर के नाम कमाया था.उन की प्रसिद्धि आकाशीय पिंड़ों और जीवों की उत्पत्ति का वर्णन करने और चंद ग्रहण का सही कारण बताने से भी बढी.उन की मान्यता थी कि चंद्रमा का कुछ या सारा बिंब पृथ्वी की छाया में छिप जाता है इसलिए नहीं दिखता. उन्हों ने यह भी बताया था कि बुध,मंगल,शुक्र,बृहस्पति और शनि आदि ग्रहों की गति सूर्य से उन की दूरियों पर निर्भर है.उन्हों ने गणना की थी कि मध्य चीन में रात को आकाश में 2500 ग्रह देखे जा सकते हैं.दिलचस्प बात यह है कि आधुनिक गणित ज्योतिष का भी लगभग यही निष्कर्ष है.

चांग हंग के समय चीन में जबरदस्त भूकंप आया था.दूरदराज क्षेत्र में आने वाले इस भूकंप की खबर बहुत दिनों बाद ही राजधानी पहुंच सकी थी.इसलिए उन के दिमाग में एक ऐसा यंत्र बनाने का विचार आया था,जो भूकंप का पता लगा सके.सन् 132 में वे ऐसा यंत्र बनाने में सफल भी रहे.यह संसार का पहला भूकंप मापयंत्र था.यह यंत्र पीपेनुमा था औऱ उस की दीवारों पर चार दिशाओं में ड्रैगन बने हुए थे.हर ड्रैगन के मुंह में एक गोला था और ठीक नीचे मुंह खोले एक मेंढक.भूकंप आने पर ड्रैगन के मुंह से गोला नीचे खिसककर मेंढक के मुंह में गिर जाता था औऱ जिस दिशा के ड्रैगन का गोला गिरता,देश की उसी दिशा में भूकंप आने की बात तय हो जाती.

याद रहे चांग हंग ने भूकंप लेखी यंत्र के अलावा दिग्दर्शक गाड़ी और दूरी मापक गाड़ी का भी आविष्कार भी किया था.और हां वे अपने समय के 6 विख्यात चित्रकारों में भी गिने जाते थे.

चीन में सब से पहले भारी तेज भूकंप किस सदी में कहां आया था? इस सवाल के जवाब में हम यह बताना चाहते हैं कि चीन में भूकंप लेखीयंत्र के आविष्कार से पहले आए भूकंपों के बारे में दस्तावेज नहीं के बराबर है. इस यंत्र के आविष्कार से ही भूकंप नोट करने में सुविधा मिली.हमारी जानकारी के अनुसार ऐतिहासिक दस्तावेजों में जो सब से पहले आया भूकंप वर्णित है,वह सन् 138 में आज के शानशी प्रांत में आया था.