2007-12-25 10:33:02

कैसे कैरियर बनाया जाए,चीन में मार्शल आर्ट कला

आज के इस कार्यक्रम में लक्ष्मीनगर दिल्ली के विजय कुमार,मुजफ्फरपुर बिहार के जसीम अहमद,रजिया सुलताना और गुलाम नवी, कोआथ बिहार सुनील केशरी और उन के साथियों के पत्र शामिल हैं.

लक्ष्मीनगर दिल्ली के विजय कुमार ने पूछा है कि मैं कैसे अपना कैरियर बना सकता हूं?

मेरी राय में अच्छा यही होगा कि आप जैसे युवा कैरियर के बारे में निर्णय लेने के पहले अपने जीवन का उद्देश्य तय करें. अगर आप यह सोचें कि आप के जीवन का उद्देश्य सिर्फ खाना-पीना औऱ मौज-मस्ती उड़ाना है,तो यह एक संकुचित और स्वार्थपूर्ण उद्देश्य होगा. अपने लिए तो सभी जीते हैं,लेकिन अपने स्वार्थ की पूर्ति के साथ-साथ यदि दूसरों के लिए भी कुछ किया जा सके,तो इस से जीवन का वास्तविक उद्देश्य पूरा होता है.

कैरियर को सफल बनाने के लिए यह अनिवार्य है कि जीवन का कोई निश्चित उद्देश्य तय किया जाए.उद्देश्यहीन व्यक्ति की जिन्दगी बिना लंगर की नाव के समान होती है जो कभी भी अपने पथ से विचलित हो सकती है,भटक सकती है.इसलिए जीवन का उद्देश्य निश्चित करने के बाद ही आप को अपने कैरियर के बारे में निर्णय लेना चाहिए.

यह तो एक मानी हुई बात है कि कैरियर वही चुना जाएगा,जिस में चुनावकर्ता की रूचि हो.पर इस के साथ ही उस के अनुकूल प्रतिभा या योग्यता का होना भी आवश्यक है.मिसाल के लिए कुछ युवा दूसरे युवाओं की देखादेखी डॉक्टर या इंजीनियर बनना चाहते हैं,लेकिन उन में डॉक्टर या इंजीनियर बनने की प्रतिभा या योग्यता नहीं होती.ऐसी हालत में यदि वे डॉक्टर या इंजीनियर बनने की कोशिश करते हैं,तो अपना समय और धन ही नष्ट करते हैं.इसलिए बेहतर यही होगा कि आप अपना कैरियर उसी क्षेत्र में विकसित करने की कोशिश करें जिस में आप की योग्यता साबित हो सके.

आजकल कुछ युवाओं का ऐसा ख्याल है कि उन के जीवन का उद्देश्य तो सिर्फ धन कमाना है.और यही उन का कैरियर भी है.वैसे देखा जाए तो धन कमाना भी एक उद्देश्य हो सकता है और यह एक कैरियर भी बन सकता है,लेकिन उस के लिए जो रास्ता अपनाया जाए,वह सामाजिक हितों के विरूद्ध न हो. कैरियर चाहे जो अपनाया जाए,उस में अपने हित के साथ साथ लोकहित की भावना को जरूर रखा जाना चाहिए. लोकहित की भावना के साथ काम करने वाला और सचमुच लोकहित के लिए कुछ करने वाला ही दुनिया में नाम कमा सकता है औऱ अपने जीवन के उद्देश्य को सही मायने में प्राप्त कर सकता है.

मुजफ्फरपुर बिहार के जसीम अहमद,रयिजा सुलताना और गुलाम नवी पूछते है कि चीन में जिस मार्शल आर्ट कला का विकास हुआ था उस का नाम क्या है?

दोस्तो,चीन में मार्शल आर्ट कला को ऊशु कहकर पुकारा जाता है. ऊशु का चीन में बहुत पुराना इतिहास है. उस की उत्पत्ति का आदिमकाल के लोगों के परिश्रम से निकट संबंध है. आदिमकाल में इंसान ने पशुओं का शिकार करने औऱ खेतीबारी करने के दौरान आत्मरक्षा और वार-पलटवार में जो हुनर प्राप्त किया था,वह ऊशु के विकास की नींव मानी जाती है. चीन में ऊशु एक अलग किस्म के सामाजिक व सांस्कृतिक परिदृश्य के रूप में राष्ट्रीय सभ्यता के साथ अस्तित्व में आया है.

ऊशु आदिम समाज में पैदा हुआ था औऱ दास समाज में उस का विकास शुरू हुआ तथा सामंत समाज में वह परवान चढा .उल्लेखनीय है कि थांग राजवंश में ऊशु कला में माहिर सैन्य अफसरों का चयन करने वाली प्रथा लागू होने लगी. इस से इस कला के विकास को भारी बढ़ावा मिला. तब से एक लम्बे समय तक ऊश एक पेशे के रूप में लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहा.जो व्यक्ति इस कला में कुशल था,उसे रक्षक के रूप में कोई न कोई नौकरी मिल सकती थी.मिंग औऱ छिंग राजवंशकाल में इस कला में विचित्र प्रगति हुई. मुक्केबाजी इस कला का एक अंग है.तब इस अंग के दसियों रूप विकसित हुए.उदाहरणार्थ थाईची,शिंगयी और बाक्वा मुक्केबाजियों की पद्धतियां उसी समय उभर कर सामने आयीं.

आधुनिक इतिहास में ऊशु कला ने बदलते युग से कदम मिलाकर अपने में कुछ बदलाव किए हैं,जिस से वह धीरे-धीरे खेलकूद का एक अभिन्न भाग बन गया है और समाज में इस से जुडी अनेक मुक्केबाजी सोसाइटियां भी कायम हो गई हैं.अक्तूबर 1949 में चीन लोक गणराज्य की स्थापना के 7 साल बाद यानी 1956 में ऊशु कला के नए विकास के लिए राष्ट्रीय ऊशु संघ स्थापित किया गया,जिस की प्रेरणा से देश भर में ऊशु उफान पर रहा है.

सुनील केशरी और उन के साथी जानना चाहते हैं कि चीन की खुफिया एजेंसी का हिन्दी नाम क्या हैं?

चीन की खुफिया एजेंसी का नाम चीनी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय है.यह चीन सरकार द्वारा सार्वजनिक रूप से मान्य एकमात्र राष्ट्रीय खुफ़िया संस्था है,जो जुलाई 1983 में पुराने केंद्रीय जांच-पड़ताल मंत्रालय और सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय आदि सरकारी विभागों से गठित है.उस का मुख्य कार्य दूसरे देशों के विभिन्न प्रकार के संसाधनों से जुड़ी सूचनाएं प्राप्त करना और चीन के प्रति विदेशों का रवैया मालूम करना है.सक्षेप में कहें,तो यह मंत्रालय लगभग भारतीय गृह मंत्रालय के समान है.