2007-12-25 10:33:02

चीन में मैदानी क्षेत्र, मिसाइल वैज्ञानिक

आज के इस कार्यक्रम में कोआथ बिहार के सुनील केशरी, डी.डी साहिबा, संजय केशरी, सीताराम केशरी, मऊनाथ भंजन के शमशाद अहमद अंसारी, नसीम अहमद, फ़ैयाज़ अहमद अंसारी और रेशमा परवीन के पत्र शामिल हैं।

कोआथ बिहार के सुनील केशरी, डी.डी साहिबा, संजय केशरी, सीताराम केशरी पूछते हैं कि चीन में कितने मैदानी क्षेत्र हैं और उन का क्षेत्रफल कितना है?

दोस्तो,चीन में 3 प्रमुख मैदानी क्षेत्र हैं.वे हैं पूर्वोत्तर मैदानी क्षेत्र,उत्तरी मैदानी क्षेत्र और मध्य मैदानी क्षेत्र यानी यांग्त्जी नदी के मध्य व निचले मैदानी क्षेत्र.इन मैदानी क्षेत्रों का रकबा चीन में मैदानी क्षेत्रों के कुल रकबे का 99 प्रतिशत बनता है.

पूर्वोत्तर मैदानी क्षेत्र चीन में सब से बड़ा मैदानी क्षेत्र है,जिस का क्षेत्रफल कोई 3 लाख 50 हजार वर्गकिलोमीटर है.वह सुंगनन मैदान,ल्याओ-ह मैदान और सानच्यांग मैदानों को मिला कर बनता है और उस की परिधि में उत्तरी चीन के हेलुंगच्यांग,चिलिन और ल्याओनिंग तीन प्रांत तथा भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश का एक भाग आता है।इस मैदानी क्षेत्र का अधिकांश भाग समुद्र की सतह से 200 मीटर से कम ऊंचाई पर अवस्थित है.इसलिए इस की जमीन सपाट है और खेतीयोग्य भी.अत्यधिक उपजाऊ काली भूमि इस मैदानी क्षेत्र की खासियत है.स्थानीय लोग इस भूमि का फायदा उठाकर बड़े हेक्टर में अनाज की खेतीबारी औऱ वनरोपण करते रहे हैं.

कृषि,वन,पशुपालन,सहायक व्यवसाय औऱ मत्सय-पालन को साथ-साथ चलाने की केंद्र सरकार की विकास-नीति के चलते यह मैदानी क्षेत्र चीन का एक खाद्यान गोदान कहलाता है औऱ इस की शक्ल दिन ब दिन आधुनिक होती जा रही है.

उत्तरी मैदानी क्षेत्र चीन में दूसरा बड़ा मैदानी क्षेत्र है,जिस का क्षेत्रफल 3 लाख 10 हजार वर्गकिलोमीटर है.इस मैदानी क्षेत्र की आबादी ज्यादा है औऱ संसाधनों की भरमार है.अनाज और कपास की फसलें पैमाने और गुणवत्ता की दृष्टि से देश में अव्वल दर्जे पर है.पेइचिंग,थ्यानचिन,चिनान और श्वीचो आदि प्रमुख शहर इसी क्षेत्र में स्थित हैं.

मध्य मैदानी क्षेत्र या यांग्त्जी नदी का मध्य और निचला मैदानी क्षेत्र चीन का तीसरा बड़ा मैदानी क्षेत्र है,जिस का क्षेत्रफल करीब 2 लाख वर्गकिलोमीटर है.यह क्षेत्र च्यांगहान मैदान,तुंगथिंनहू मैदान,पोयांगहू मैदान,सूवान मैदान और यांग्त्सी डेल्टा मैदान से बनता है.यहां नद-नदियों का जाल सा बिछा हुआ है.इसलिए धान,कपास औऱ रेशम कीट पौधों की यहां शानदार पैदावार होती है.यह क्षेत्र चीन में मीठे पानी वाली मछिलयां पालने का सब से बड़ा केंद्र भी है.लोग इसे चीन का चावल और मछली का खजाना कहकर पुकारते हैं.शांघाई,नानचिंग,ऊहान और छांगशा आदि महानगर मोतियों की लड़ी की तरह इस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं.

मऊनाथ भंजन के शमशाद अहमद अंसारी, नसीम अहमद, फ़ैयाज़ अहमद अंसारी, रेशमा परवीन पूछते हैं कि चीन के सर्वश्रेष्ठ मिसाइल वैज्ञानिक कौन है ? यहां के वैज्ञानिकों से क्या कोई व्यक्ति मिल सकता है और विज्ञान भवन देख सकता है?

इस समय चीन के नामी मिसाइल वैज्ञानिक हैं ल्यांग चिन-छाई,जुंगशान,ल्यांग सी-ली,ल्यांग शो-फान और ल्यू छिन-मई.अपने-अपने अनुसंधान-क्षेत्र में असाधारण योगदान के कारण उन की प्रतिष्ठा और ख्याति बराबर है.ध्यान रहे ल्यू छिन-मई चीन की पहली महिला मिसाइल वैज्ञानिक हैं.इन वैज्ञानिकों में सब से मशहूर हैं स्वर्गीय श्री छान श्वए-सेन. यहां उन का उल्लेख करना जरूरी है,क्योंकि वे चीन में मिसाइल व अंतरिक्ष अनुसंधान कार्य के संस्थापक थे.

श्री छान श्वए-सेन ने युवावस्था में ही अमरीका में भौतिक विज्ञान के शोधकार्य में उपलब्धियां हासिल कीं थीं और उन्हें अनेक सबंधित अमरीकी व यूरोपीय पुरस्कार भी प्राप्त हुए थे.वर्ष 1955 में स्वदेश लौटने के बाद उन्हों ने अपना पूरा ध्य़ान देश के मिसाइल व अंतरिक्ष तकनीकी विकास पर केंद्रित करना शुरू किया.चीनी वैज्ञानिक अकादमिशियन के रूप में वे व्यावसायिक कर्तव्य निभाने के साथ-साथ देश के सम्यक वैज्ञानिक विकास के कार्य का भी नेतृत्व करते रहे.

हम समझते हैं कि सच्चे मायने में वैज्ञानिक बहुत व्यस्त रहते हैं.ठोस अनुसंधान व तकनीकी व्यवहार में संलग्न रहने के कारण उन्हें अपने लिए खाली समय बहुत कम मिलता है.सो आम दिनों में उन से मिलना मुश्किल है.वे घर में हों,या कार्यालय में या किसी दूसरी जगह ,इस का पता आम लोगों को नहीं लगता है.उन से मिलने से पहले उन के सचिव या सहायक से संपर्क करना जरूरी है,ताकि उन की मदद से वैज्ञानिकों से मिला जा सके.जी हां, कोई भी व्यक्ति आवश्यक औपचारिकताओं से निपटने के बाद उन से मिल सकता है और विज्ञान भवन भी देख सकता है.