2008-05-26 15:23:35

मेहरबां लिखूं हसीना लिखूं

ललिताः यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। आप की पसंद कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को ललिता का प्यार भरा नमस्कार।

राकेशः राकेश का भी आप को प्यार भरा नमस्कार।

ललिताः श्रोता दोस्तो, पिछला कार्यक्रम आप को कैसा लगा? हमें आप की राय और आप के पत्रों का इंतजार है। आप की प्रतिक्रिया का और आप के सुझावों का भी।

राकेशः जी हां, पत्र लिख कर अपनी राय हमें जरूर बताएं।

ललिताः तो कार्यक्रम की शुरुआत करें।

राकेशः कार्यक्रम की शुरुआत हम इस एक पत्र से करते हैं जिसे हमारे पास भेजा है सैदापुर अमेठी सुलतानपुर से, श्री अनिल कुमार द्विवेदी जी ने।

ललिताः क्या लिखते हैं श्री अनिल जी?

राकेशः अनिल जी ने काफी लंबा पत्र लिखा है। ये लिखते हैं कि तारीख तीन फरवरी का आप का कार्यक्रम मुझे बहुत अच्छा लगा। अच्छा लगने का मुख्य कारण तो यही था कि ओ. पी. नैय्यर साहब के ऊपर आप का कार्यक्रम था। जबकि ओ. पी. नैय्यर साहब के निधन के बाद आप लोगों ने उन पर एक अच्छा परिचयात्मक लेख सहित कार्यक्रम पेश किया। मुझे इतनी जल्दी किसी हस्ती पर इस से पहले कोई कार्यक्रम सुनने को नहीं मिला। इस के लिए हमारा पूरा क्लब आप का आभारी है कि आप ने हम लोगों के लिए तुरंत ऐसा कार्यक्रम दिया, जो ऐसे महान संगीतकार पर आधारित था जिस ने अपना सारा जीवन संगीत को अर्पित कर दिया है। सुन कर बहुत अच्छा लगा। यह भी जानने को मिला कि लता द्वारा एक भी गाना इन के निर्देशन में नहीं गाया गया है। हम लोगों की तरफ से ऐसी प्रस्तुति के लिए शत-शत धन्यवाद।

ललिताः अनिल जी, इतनी तारीफ भरे पत्र के लिए धन्यवाद। हमारी हमेशा यह कोशिश रहेगी कि हम समसामयिक और आप को पसंद आने वाले कार्यक्रम आप की सेवा में पेश कर सकें। यह कार्यक्रम आप को पसंद आया इस से हमें सचमुच बड़ी खुशी हुई है।

राकेशः आगे इन्होंने शिकायत की है कि ये जो भी गीत सुनना चाहते हैं वह नहीं सुनाया जाता।

ललिताः नाराज़ न हों अनिल जी। आप की पसंद का गीत हाजिर है। लता और मुकेश की आवाज़ में सुनिए फिल्म "संगम" का यह गीत।

राकेशः और इस गीत को हमारे इन श्रोताओं ने भी सुनने की फरमाइश की है। नया टोला कटिहार बिहार से हरेंद्र प्रसाद साहा, प्रभा रानी साहा, कुलदीप कुमार साहा, मन्नो कुमार साहा और कुंदन कुमार साहा ने।

ललिताः तो लीजिए सुनिए फिल्म "संगम" का अपनी पसंद का यह गीत।

राकेशः इसी गीत को हमारे इन श्रोताओं ने भी सुनना चाहा था। चतुपुर कुंदरकी से एम मुनाजिर खान, इर्तजा अली खां, फिरासत फारुखी, निजाबुल हसन, जुम्मा हलवाई और मुस्लिम अनस ने।