2009-03-16 18:06:51

तंग श्याओ फिंग के जन्मस्थान की यात्रा

दक्षिण-पश्चिमी चीन के सी छ्वान प्रांत के क्वांग एन शहर में इन दिनों खासी भीड़-भाड़ है। दरअसल यह शहर चीन के महान नेता स्वर्गीय तंग श्याओ फिंग का जन्मस्थान है। 22 अगस्त को तंग श्याओ फिंग की सौवीं वर्षगांठ थी। इस अवसर पर वहां चीन के विभिन्न स्थलों से आये अनेक लोग इकट्ठे थे। उन सभी ने तंग श्याओ फिंग को बहुत याद किया। हमारी संवाददाता ने भी इधर क्वांग एन शहर की यात्रा की।

तंग श्याओ फिंग का जन्म वर्ष 1904 की 22 अगस्त को सी छ्वान प्रांत की क्वांग एन शहर से सात किलोमीटर दूर बसे श्ये शींग काउंटी के फेई फांग गांव में हुआ। जब वे 15 वर्ष के थे, तभी अपने जन्मस्थान से बाहर निकल पढ़ने के लिए फ्रांस जा चुके थे। फ्रांस में ही तंग श्याओ फिंग चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में शरीक हुए। व्यस्तता के चलते वे फिर कभी अपने जन्मस्थान वापस नहीं लौट पाये। इस के बावजूद वे उसे कभी नहीं भूले।

पिछले वर्ष तंग श्याओ फिंग के देहांत को सात वर्ष हो गये हैं। तंग श्याओ फिंग का जन्मस्थान आज अच्छी तरह सुरक्षित है। इसमें आठ सौ वर्गमीटर से भी बड़ा आंगन है, जिस में सत्रह कमरे हैं। इसकी दीवारें सफेद हैं और फर्श हरे पत्थरों से बनी है। तंग श्याओ फिंग ने बालावस्था यहीं बिताई।

तीन वर्ष पूर्व, स्थानीय सरकार ने तंग श्याओ फिंग के निवास स्थान के आंगन की मरम्मत की और इसके आसपास को सुरक्षित क्षेत्र बनाया। स्थानीय सरकार ने वहां तंग श्याओ फिंग के चित्रों का एक प्रदर्शनी कक्ष भी स्थापित किया और तंग श्याओ फिंग की कांस्य मूर्ति भी लगाई। आज चीन के विभिन्न स्थलों यहां तक कि विदेशों के अनेक पर्यटक तंग श्याओ फिंग के मकान का दौरा करते हैं। उत्तरी चीन के शेन शी प्रांत से विशेष रूप से तंग श्याओ फिंग के जन्मस्थान का दौरा करने आई सुश्री छन क्वे श्या ने कहा,तंग श्याओ फिंग आजीवन चीन के क्रांतिकारी संघर्ष में संलग्न रहे। उन्होंने अनेक कठिनाइयों का सामना किया और वे हरेक मुश्किल को पार कर पाये। श्री तंग श्याओ फिंग चीन को रूपांतरण व खुलेपन के नये रास्ते पर लाये, जिस से देश निरंतर समृद्धि की ओर बढ़ता रहे। हम उन्हें बहुत याद करते हैं।

तंग श्याओ फिंग के जन्मस्थान फेई फांग गांव में हमारी संवाददाता ने देखा कि उसके हर किसी परिवार की बैठक में तंग श्याओ फिंग का चित्र टंगा है।

क्वांग एन की स्थानीय सरकार ने तंग श्याओ फिंग के मूल निवास की मरम्मत के लिए भारी पूंजी तो दी ही, उसके आसपास किसानों के लिए अनेक नये मकानों का निर्माण भी किया। ऐसे हर मकान का क्षेत्रफल 80 से 220 वर्गमीटर तक है और उस में पेयजल, बिजली, गैस, केबल टी वी, टेलिफोन और इंटरनेट आदि भी उपलब्ध हैं। फलस्वरूप, किसानों के जीवन वातावरण में बड़ा सुधार आया है।

इधर के वर्षों में तंग श्याओ फिंग के जन्मस्थान की यात्रा करने वाले लोगों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। फेई फांग काउंटी के किसानों ने इस बीच अनेक रेस्तरां खोले हैं। 38वर्षीय किसान वांग ल्यांग ने भी नौ महीने पहले अपने 180 वर्गमीटर वाले मकान को एक रेस्तरां में बदल डाला और उसे अपनी पत्नी के नाम के जोड़ से नाम दिया ल्यांग लिंग। उन के अनुसार, हम पहली मंजिल पर रहते हैं, जबकि पर्यटक दूसरी मंजिल पर। अब हम खेती नहीं करते, केवल होटल चलाते हैं। पहले की तुलना में हमारी वार्षिक आमदनी में इधर बड़ी वृद्धि हुई है।

श्री वांग ल्यांग के अनुसार, गांव के 300 से ज्यादा परिवारों के लगभग एक तिहाई ने इधर होटल खोले हैं। ये कुल 3000 लोगों को खाना खिला सकते हैं और इनमें 1000 से ज्यादा लोगों के सोने की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि उन की औसत आमदनी प्रति माह 3000 व्यान के पास है।

फेई फांग गांव को श्ये शींग कस्बे से जोड़ने वाली लगभग 300 मीटर लम्बी एक सड़क पर अकसर मेले लगते हैं। तंग श्याओ फिंग ने यहां के पेई शेन प्राइमरी स्कूल में आरंभिक शिक्षा ली थी। इस स्कूल में दो ही कक्षाएं चलती हैं। स्कूल से कुछ दूर तंग श्याओ फिंग के परिवार द्वारा खोला गया रेस्तरां अब भी अपनी जगह मौजूद है। वृद्ध फंग देई छिंग ने बताया कि तंग परिवार के रेस्तरां के बाओ जी नामक व्यंजन बहुत स्वादिष्ट होते थे, लेकिन आज यह रेस्तरां तोफू की चीजें बनाता है। 52 वर्षीय वांग रन ली ने वर्ष 1986 में तोफू बनाना सीखा। पहले वे उसे केवल क्वांग एन में बेचते थे लेकिन जब देखा कि सड़क पर यात्रियों की संख्या दिन ब दिन बढ़ रही है, तो इस वसंत में उन्होंने 20 हजार य्वान की कीमत पर सरकार से यह रेस्तरां खरीद लिया। उन्होंने चीन के व्यापार प्रबंध विभाग के सहयोग से तोफू का अपना विशेष ब्रांड भी स्थापित किया। तोफू की बिक्री के लिए आवाज़ देते श्री वांग ने सड़कों पर घूमते पर्यटकों को आकृष्ट किया है।वे कुछ महीनों के ही भीतर भारी लाभ कमाने में सफल रहे। उन्होंने कहा,यहां व्यापार बहुत अच्छा है। मैं रोज सुबह छै बजे रेस्तरां खोलता हूं और रात दस बजे तक यहां तोफू बेचता हूं। मेरे यहां पांच कारीगर हैं। एक दिन में मैं कुछ हजार कमाता हूं। मेरे जीवन में आये परिवर्तन के पीछे तंग श्याओ फिंग दादा की कृपा रही।

श्री वांग ली रन का मानना है कि उन्हें तंग श्याओ फिंग के पुराने मकान से ही नहीं, उनकी रूपांतरण व खुलेपन की महान नीति से भी लाभ मिला। चीन के रूपांतरण व खुलेपन के सर्जक श्री तंग श्याओ फिंग ने पूरे चीन के भाग्य को बदलने के साथ अपने जन्मस्थान के भाग्य को भी बदल डाला।