2009-02-11 12:33:50

समुद्री घास फूस से तैयार मकान सौ वर्षों तक रहने लायक हैं

शानतुंग प्रायद्वीप के छोर पर खड़ा यह छोटा टापू अपने दर्शनीय प्राकृतिक सौंदर्य के नाम से काफी विख्यात है , स्थानीय लोग उस की प्रशंसा में उत्तर चीन का छोटा हांगकांग कहकर पुकारते हैं । क्योंकि इस शी ताओ टापू के पीछे स्थित शी शान पर्यटन स्थल इसी टापू का चमकदार मोती माना जाता है । जी हां , हम यह भी जानते हैं कि छी शान रमणीय पर्यटन स्थल का क्षेत्रफल कोई 12.8 वर्ग किलोमीटर बड़ा है और वह चीन के ह्वांग हाई यानी पीले समुद्र से सटा हुआ है , पर्यटन स्थल पर एक हजार हैक्टर जंगल बड़े प्राकृतिक आक्सिजन बार का काम देता है । पर्वत में शांतिमय टेढे मेढे संकरे मार्ग पर्यटकों को पर्वत पर चढने के लिये सुविधा उपलब्ध करा देते हैं , पहाड़ी सरिताएं कल कल करते हुए आगे बहती दिखाई देती है , खिले हुए फूलों व पेड़ों के बीच नाना प्रकार वाले पक्षियां चहचहाते हुए होड़ सी लगाते नजर आते हैं ।

दोस्तो ,आप को याद हुआ होगा कि कुछ समय से पहले हम इसी चीन के भ्रमण कार्यक्रम में आप के साथ पूर्वी चीन स्थित शानतुंग प्रायद्वीप के पूर्वी छोर पर खड़े छोटे टापू शी ताओ के दौरे पर गये थे । शानतुंग प्रायद्वीप के छोर पर खड़ा यह छोटा टापू अपने दर्शनीय प्राकृतिक सौंदर्य के नाम से काफी विख्यात है , स्थानीय लोग उस की प्रशंसा में उत्तर चीन का छोटा हांगकांग कहकर पुकारते हैं । क्योंकि इस शी ताओ टापू के पीछे स्थित शी शान पर्यटन स्थल इसी टापू का चमकदार मोती माना जाता है । जी हां , हम यह भी जानते हैं कि छी शान रमणीय पर्यटन स्थल का क्षेत्रफल कोई 12.8 वर्ग किलोमीटर बड़ा है और वह चीन के ह्वांग हाई यानी पीले समुद्र से सटा हुआ है , पर्यटन स्थल पर एक हजार हैक्टर जंगल बड़े प्राकृतिक आक्सिजन बार का काम देता है । पर्वत में शांतिमय टेढे मेढे संकरे मार्ग पर्यटकों को पर्वत पर चढने के लिये सुविधा उपलब्ध करा देते हैं , पहाड़ी सरिताएं कल कल करते हुए आगे बहती दिखाई देती है , खिले हुए फूलों व पेड़ों के बीच नाना प्रकार वाले पक्षियां चहचहाते हुए होड़ सी लगाते नजर आते हैं ।

पूर्वी चीन स्थित शानतुंग प्रायद्वीप पर स्थित इस छोटे टापू में समुद्री घासफूस से तैयार मकान अपनी विशेष पहचान बना देते हैं। एक टिकाऊ समुद्री घास मकान सौ वर्षों तक रहने लायक है । मकान बनाने वाली घासफूस समुद्र के पांच से दस मीटर गहरे पानी में काटी गयी है , ताजा घास का रंग हरी है , फिर सुखने के बाद उस का रंग गहरा लाल हो गया और वह कभी नहीं सड़ती । क्या आप ने कभी सुना होगा कि चीनी लोगों के बीच यह कहावत प्रचलित है कि पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले पहाड़ पर आश्रित होते हैं और जल क्षेत्र में रहने वाले पानी पर निर्भर रहते हैं । अभी हम ने जिस घासफूल मकान का उल्लेख किया है , वह इसी बहुचर्चित कहावत का साक्षी ही है ।

प्रिय श्रोताओ, मेरे ख्याल से आप जरूर ही इसी प्रकार के घासफूस मकानों में बड़ी रुचि लेते हैं । तो चलिये , आज हम विशेष तौर पर इसी शानतुंग प्रायद्वीप पर स्थित सुंदर रमणीक शहर य्येन थाई में विशेष ढंग वाले मकानों को देखने चलते हैं ।

घासफूस मकान मुख्यतः शानतुंग प्रायद्वीप के पूर्वी छोर पर खड़े रुंग छंग के आसपास समुद्रतटीय मछुवा गांवों में देखने को मिलते हैं और वह स्थानीय विशेषताओं वाले वास्तु शैलियों की ठेठ मिसाल ही है। इसी प्रकार वाले मकानों की दीवारें नीची ही नहीं , सब की सब पत्थरों से निर्मित हुई हैं , जब कि उन छतें ऊंची ही नहीं , उन पर पूरी तरह मोटी मोटी समुद्री घास फूस पिछायी गयी हैं, पूरे मकान का आकार प्रकार बिलकुल एक जहाज जान पड़ता है।

चीनी फोटोकार संघ के सदस्य और शानतुंग उद्योग व वाणिज्य कालेज के अध्यापक श्री ल्यू ची कांग पिछले अनेक सालों में शांनतुंग प्रायद्वीप की समुद्रीय सांस्कृतिक विशेषता वाले समुद्री घास फूस मकानों के संरक्षण में लगे हुए हैं , उन्हें उम्मीद है कि चीन के य्येन थाई शहर का विशेष भूदृश्य और अधिक लोगों का ध्यान जगा देगा। उन्हों ने प्रथम बार घासफूस मकान को देखने के अपना अनुभब बताते हुए कहा कि समुद्री घास फूस से निर्मित नुकीले रूपी मकान देखने से मैं एकदम चमत्कृत रह गया । इसी प्रकार वाले मकान की छल अपने अलग ढंग की है और वह साधारण पक्के मकान के तिकोने रूपी छत से एकदम भिन्न है , यदि साधारण मकान की छत की ढलांन 45 डिग्री होती है , तो समुद्री घास फूस मकान की छत 75 डिग्री से अधिक है , यह देखकर मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ । और तो और ये मकान समुद्रतट पर अत्यंत सुव्यवस्थित रूप से कतारों में खड़े हुए दिखाई देते हैं , देखने में बड़ा अच्छा लगता है।

दोस्तो , इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा , कृपया आप इसे आगे पढ़े ।