2009-01-21 14:58:21

विश्व विरासत की चमकदार मोती –तू च्यांग येन जल निकासी परियोजना

तू च्यांग येन जल निकासी परियोजना स छ्वान प्रांत की पश्चिमी छ्वान मैदान में स्थित सुंगफान कांऊटी निर्मित है और उस की कुल लम्बाई 726 किलोमीटर है । वह स छ्वान प्रांत की राजधानी छंगतू शरह से 50 किलोमीटर से अधिक दूर है । ईसा पूर्व 256 यानी आज से दो हजार दो सौ वर्ष से पहले चीन के प्रथम राजा छिन श ह्वाग के शासन काल में स छ्वान प्रांत के शासक ली पिंग के नेतृत्व में इस जल परियोजना का निर्माण शुरू हुआ । दक्षिण मीन पर्वत से उद्गम मीन च्यांग नदी छंगतू मैदाम से गुजरकर आगे बह जाती है , ऊफनदी के पानी से अकसर बाढ़ आती थी और स्थानीय लोग बहुत परेशान थे । ऐसी स्थिति में ली पिंग ने उत्तर पश्चिमी छंगतू मैदान की ऊंचाई और दक्षिण पूर्वी क्षेत्र की नीचाई की विशेषता का फायदा उठाकर तू च्यांग येन जल परियोजना का निर्माण शुरू कर दिया ।

दोस्तो , चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आप को दक्षिण चीन में स्थित स छ्वान प्रांत की राजधानी छंगतू शहर के आधुनिक निर्माण और इस शहर के उपनगर में स्थापित पेंडा जनन अडडे के बारे में बता चुके हैं , तो आज के इसी चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आप को छंगतू शहर के बगल में प्रसिद्ध तू च्यांग येन जल निकासी परियोजना देखने ले जायेंगे ।

तू च्यांग येन जल निकासी परियोजना चीनी राष्ट्र की दीर्घकालिक सभ्यता वाली विधि ही नहीं , बल्कि उस ने अपने अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य और घने जंगल व प्राचीन सांस्कृतिक अवशेषों से अलग पहचान बना ली है । इसलिये वह फरवरी 1982 में चीन लोक गणराज्य की राज्य परिषद ने राष्ट्रीय दर्जे वाले प्रमुख सांस्कृतिक अवशेष संरक्षण इकाई और प्राकृतिक रमणीय संरक्षण क्षेत्र के रूप में घोषित की है , फिर 29 नवम्बर 2000 को संयुक्त राष्ट्र विरासत कमेटी ने अपना प्रस्ताव पारित कर उसे विश्व विरासत की नामसूचि में शामिल कर लिया है ।

तू च्यांग येन जल निकासी परियोजना स छ्वान प्रांत की पश्चिमी छ्वान मैदान में स्थित सुंगफान कांऊटी निर्मित है और उस की कुल लम्बाई 726 किलोमीटर है । वह स छ्वान प्रांत की राजधानी छंगतू शरह से 50 किलोमीटर से अधिक दूर है । ईसा पूर्व 256 यानी आज से दो हजार दो सौ वर्ष से पहले चीन के प्रथम राजा छिन श ह्वाग के शासन काल में स छ्वान प्रांत के शासक ली पिंग के नेतृत्व में इस जल परियोजना का निर्माण शुरू हुआ । दक्षिण मीन पर्वत से उद्गम मीन च्यांग नदी छंगतू मैदाम से गुजरकर आगे बह जाती है , ऊफनदी के पानी से अकसर बाढ़ आती थी और स्थानीय लोग बहुत परेशान थे । ऐसी स्थिति में ली पिंग ने उत्तर पश्चिमी छंगतू मैदान की ऊंचाई और दक्षिण पूर्वी क्षेत्र की नीचाई की विशेषता का फायदा उठाकर तू च्यांग येन जल परियोजना का निर्माण शुरू कर दिया । आठ सालों के समय में उन्हों ने स्थानीय लोगों के साथ अंगिनत कठिनाइयों को दूर कर आग , हथोड़ों के प्रयोग से यू लेइ पर्वत को चीर कर एक मानवकृत नदी बना ली , फिर मीन च्यांग नदी के बीच जल निकासी बांध बनाकर इस नदी को बाहर व अंदर नदियों का रूप दिया । बाहर नदी बाढ़ के पानी को निकालने का काम देती है जबकि अंदर नदी खेतों की सिंचाई का काम देती है । यहीं नहीं , उन्हों ने जल निकासी बांध के पिछले भाग पर रेतों को ले जाने और बाढ़ की रोकथाम के लिये और एक बांध बना दिया है । इस प्रकार छंगतू मैदान खुशहाली राज्य के नाम से नामी हो गया है ।

यह परियोजना मुख्यतः मछली मुंह बांध , बोतल मुंह बांध और फेशायेन तीन भागों से गठिक है । क्योंकि इस परियोजना के प्रमुख जल निकासी बांध का आकार मगर मच्छ के मूंह जैसा है इसलिये उसे मछली मुंह कहा जाता है , मछली मुंह नामक जल निकासी बांध की लम्बाई तीन हजार मीटर और चौड़ाई तीन सौ मीटर है । इस बांध ने मिन च्यांग नदी को दो भागों यानी भीतरी नदी और बाहरी नदी में बांट दिया है , बाहरी नदी बाढ़ से बचने के लिये अतिरिक्त पानी और रेत बाहर ले जाने का काम देती है , जबकि भीतरी नदी खेतों की सिंचाई के लिये पर्याप्त पानी के संरक्षण का काम देती है । उस का दूसरा काम है कि चाहे सूखे मौसम में हो या बारिश में खेतों की सिंचाई की गारंटी के लिये पर्याप्त पानी सुरक्षित किया जा सकता है , उस का तीसरा काम है मिन च्यांग नदी के पानी के बहाव पर नियंत्रण में रखकर स्वचालित रूप से छंगतू मैदान के खेतों की सिंचाई की जाती है , इसलिये पिछले दो हजार से ज्यादा सालों में छंगतू मैदान के खेतों पर न कभी बाढ़ आयी और न कभी सूखा पड़ा , चीनी लोग इस मैदान को खुशहाली राज्य कहकर पुकारते हैं ।

दोस्तो , इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा , कृपया आप इसे आगे पढ़े ।