2009-01-19 14:57:13

रबर के जंगल में तैई जाति का विवाह

आज के इस कार्यक्रम में हम आप को चीन व वियतनाम के एक छोटे सीमांत गांव –युन्नान प्रांत की चिन फींग काऊंटी के चिन श्वेई ह गांव के दौरे पर ले चलेंगे और एक साथ तैई जाति के विवाह समारोह को देखेंगे।

इस दिन, चिन श्वेई ह गांव के किसान फडं मींग व वांग क्वेई फांग के विवाह का दिन है। सौभाग्य की बात है कि हमें इस विशेष तैई जाति के विवाह समरोह में भाग लेने का अवसर मिला है । पटाखों की आवाज़ और मेहमानों की शाबाशी में दूल्हे ने दुल्हन को गाड़ी से उतारा।दुल्हन ने लाल या सफेद रंग की पोशाक नहीं पहनी है, बल्कि काले रंग वाली तैई जाति की परम्परागत पोशाक पहनी है।

तैई जाति के गहनों और पोशाक में सजी संवरी दुल्हन बहुत सुन्दर दीखती है। नीले रंग के पश्चिमी शैली के परिधान में सजा दूल्हा भी बहुत बांका जवान दिखायी दे रहा है। वेशभूषा से देखा जाये, वे दोनों चीनी व पश्चिमी शैली का मिला जुला रुप हैं।

जबकि शादी बिलकुल परम्परागत तैई जाति की शादी है। शादी में भाग लेने वाले अधिकांश लोग गांव के रिश्तेदार और मित्र हैं। शादी दोपहर के बाद शुरु हुई , जो बहुत धूमधाम से आयोजित की गयी थी। गांव में बास्केटबॉल मैदान में मेज़ें रखी गई थीं। दूल्हे के चाचा फडं हुंग च्यांग लोगों द्वारा दिए गए उपहार इकट्ठे कर रहे थे। आजकल शादी के अवसर पर चीन में लोग उपहार नहीं देते हैं, बल्कि पैसे देते हैं। फडं हुंग च्यांग ने संवाददाताओं को बताया,20 हजार चीनी य्वान से अधिक पैसे इकट्ठे हुए हैं। हमारे यहां 160 मेज़ें रखी गयी हैं। लगभग हजार लोग यहां आकर खाना खाएंगे। आजकल हमारे यहां शादी के अवसर पर आम तौर पर 100 मेज़ें रखते हैं। अमीरी बढ़ने पर शादी का पैमाना भी बढ़ गया है।

अपनी शादी की चर्चा करते हुए 40 वर्षीय फडं हुंग च्यांग ने कहा कि उन की शादी पिछली शताब्दी के 90 के दशक में हुई थी। उस समय लोग गरीब थे, इसलिए शादी भी सरल हुई थी।

पहले शादी में हम ज्यादा मांस नहीं खा पाते थे । मांस कम था और महंगा भी था। लेकिन, आज हम रोज मांस खा सकते हैं और कुछ समय हम खासकर सब्जियां खाना पसंद करते हैं।

श्री फडं हुंग च्यांग ने परिचय देते समय बताया कि चीन में रुपांतरण व खुलेपन की नीति के लागू होने की शुरुआत में चिन श्वेई ह गांव के लोग केला व रबर उगाते थे। अब रबर व केला किसानों का प्रमुख आर्थिक स्रोत बन चुका है। किसान न केवल भर पेट खाना खाते हैं, बल्कि अनेक नयी किस्मों के घरेलू उपकरणों का इस्तेमाल भी करते हैं।

इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े।(श्याओयांग)