2009-01-12 15:40:39

पेइचिंग के शिनच्यांग लड़के

 उत्तर पश्चिमी चीन का शिन च्यांग वेवुर स्वायत प्रदेश एक अल्पसंख्यक जाति बहुत क्षेत्र है, जहां वेवुर और कजाख जैसी अल्पसंख्यक जातियों के लोगों की घनी आबादी है। वर्ष 2000 की शुरुआत में, शिन च्यांग वेवुर स्वायत प्रदेश की अल्पसंख्यक जातियों की प्रतिभाओं के प्रशिक्षण कार्य को और मजबूत करने के लिए चीन के पेइचिंग, शांगहाए औऱ शन जन जैसे अपेक्षाकृत आर्थिक रुप से विकसित शहरों के मिडिल स्कूलों में विशेष शिन च्यांग कक्षाएं शुरु की गईं। इन में विशेष रुप से शिन च्यांग वेवुर स्वायत प्रदेश क्षेत्र की अल्पसंख्यक जाति के छात्रों को ही दाखिल किया गया। आज के कार्यक्रम में हम आप लोगों को पेइचिंग के एक स्कूल में पढने वाले शिन च्यांग के छात्रों की पढाई व जीवन स्थिति की जानकारी देंगे।

पेइचिंग का लू ह मिडिल स्कूल एक पुराना पर महत्वपूर्ण मिडिल स्कूल है। वर्ष 2000 औऱ वर्ष 2001 में, इस स्कूल ने शिनच्यांग से आये छात्रों के लिए दो कक्षाऐं खोलीं। स्कूल के उपाध्यक्ष यांग छ्वन ई ने शिन च्यांग कक्षा का परिचय देते हुए कहा, - हमारे स्कूल में कुल 160 छात्र हैं, जिन में वेवुर जाति के 134 कजाख के 24 छात्र और किरगिज जाति का मात्र एक छात्र शामिल है।

शिनच्यांग के इन छात्रों के स्वागत की लू ह मिडिल स्कूल ने विशेष तैयारी की। ईस्लाम धर्म पर विश्वास रखने वाले इन छात्रों के खान पान की आदत पर विशेष ध्यान देने के लिए स्कूल ने अपने यहां विशेष मुस्लिम रेस्त्रां खोला औऱ उस में करने के लिए शिन च्यांग वेवुर स्वायत प्रदेश से वेवुर रसोईयों का आमंत्रित किया। शिन च्यांग वेवुर स्वायत प्रदेश से यहां आये छात्रों से अपनी पसंद का सभी तरह का इस रेस्तरां में मिल जाता हैं। स्कूल ने इधर छात्रावासों की मरम्मत की जिन में अब टेलिफोन, बिजली का पंखा औऱ कपड़ों की ताक भी हैं। एक के छात्रावास कमरे में छः छात्र रहते हैं। कक्षाओं को केबल टी वी , पी सी आदि आधुनिक उपकरणों से भी जोड़ा गया है। स्कूल ने छात्रों को लिए दो स्नान घरों की व्यवस्था की है।

शिनच्यांग छात्रों के इस स्कूल पहुंचने से पहले, लू ह मिडिल स्कूल ने अपने अध्यापकों को विशेष प्रशिक्षण दिया। मिसाल के लिए, उन्हें शिनच्यांग के सांस्कृतिक पर्यावरण एवं अल्पसंख्यक लोगों के जीवन और आदतों की जानकारी दी गयी, शिन च्यांग के छात्रों के साथ वे कैसे आदान-प्रदान करें और उन की विशेष मांगों को कैसे पूरा करें, जैसे विष्य भी प्रशिक्षण में शामिल रहे।

लू ह मिडिल स्कूल पहुंचने पर सब से पहले उन्हें एक वर्ष के लिए चीनी भाषा सीखनी होती है औऱ इस के अलावा, चीनी भाषा, गणित आदि कुछ प्रारंभिक कॉर्स को पढ़ना होता है ।

हमारे संवाददाता ने शिनच्यांग के तुरुफेन से आये वेवुर छात्र आ ली मू च्यांग के साथ बातचीत की। पेइचिंग के अपने जीवन की चर्चा के दौरान, वह बहुत प्रसन्न दीखा । उस ने अपने स्कूल का मूल्यांकन भी कुछ ऐसे ही किया, जब मैं पहली बार यहां आया, तो मुझे लगा कि यह स्कूल बहुत बड़ा है, बहुत सुन्दर है और साफ सुथरा भी । यहां जगह जगह फूल व घास हैं। यहां का वातावरण बहुत अच्छा है। यहां के छात्र भी बहुत मैत्रीपूर्ण है।

पेइचिंग आने के बाद, ये बच्चे महनत से पढ़ने लगे। उन के सहायक अध्यापक श्री मेईहमूथी ने कहा कि इन्हें पेइचिंग में रहना व पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। उन के अनुसार, इन्हें लू ह मिडिल स्कूल बहुत पसंद है। यहां आने के बाद इन्हें किसी मुसीबत का सामना नहीं करना पड़ा।और वे पढाई की हरसंभव कोशिश करते रहें।

चूंकि ये लोग विभिन्न जगहों से ताल्लुख रखते हैं, इसलिए, उन का स्तर भी भिन्न भिन्न है। चीनी भाषा में उन्हें बड़ी बाधाएं हैं, फिर भी वे बहुत महनत से पढ़ते हैं।

चीनी भाषा की अध्यापिका छ्वेई फिंग इस छात्रों के चीनी भाषा के स्तर को उन्नत करने की हर संभव कोशिश करनी हैं।कक्षा में वे हर एक छात्र को सुनते, बोलने , पढने औऱ लिखने का मौका देती है। और हर सुबह इन्हें आधे घंटे का पढने और रटने का समय देती हैं।

स्कूल बच्चों के जीवन को रंग बिरंगा बनाने के लिए गायन प्रतियोगिता का आयोजन भी करता है । स्कूल की मदद से बच्चों ने अपनी फुटबाल और बास्केट बॉल टीम भी बनाई है।

दी ली श्या शिनच्यांग के आकसू इलाके से आया वेवुर जाति का एक छात्र है। पिछले एक साल में उस ने पढ़ाई में उन की भारी प्रगति की है। उस के अनुसार, अब मैं हाई स्कूल में पढ़ रहा हूं। और मेरी कक्षा हान जाति के छात्रों के साथ एक साथ होगी।

लू ह मिडिल स्कूल में शिंग च्यांग से आये इन बच्चों का मानक चीनी भाषा का स्तर इधर उन्नत हुआ है, उन का कद भी बढ़ा है औऱ वे शक्तिशाली हुए है। इन में से हर एक छात्र खुद अपने कपड़े धो सकता है और नये छात्रों को मदद भी देता हैं।