कार्यक्रम में आगे हम पेइचिंग के नागरिकों के एक अन्य फैशन पर बात करें। चाय पीना अब पेइचिंगवासियों के बीच एक फैशन सा बन गया है। मित्रों से मिलना हो या सौदा तय करना , उन्हें सब कुछ चाय घर में करना पसंद है। चाय पीना आम व्यवहार में बहुत ही प्रचलित मुहावरा बन गया है। चलिए, पेइचिंग के एक चाय घर का सैर करें।
पश्चिमी पेइचिंग का यह चाय घर दा हुंग फाओ पेइचिंग का एक सामान्य चाय घर माना जाता है। यों यहां चाय पीने के अलावा, मेहमान चाय-कला की प्रदर्शन भी देख सकते हैं । यहां चाय पीते हुए लोग शतरंज व भी ताश खेल सकते हैं और चाहे तों केवल गपशप भी।
श्री च्यांग ली यहां अक्सर आने वाले मेहमानों में है, वे आम तौर पर यहां अपने मित्रों के साथ आते हैं। इस चाय घर का माहौल बहुत अच्छा है।और यहां की चाय सस्ती भी है। मुझे इस चाय घर में बड़ा आराम आता है।
श्री च्यांग के अनुसार, पेइचिंग में मनोरंजन की औऱ अनेक जगहें हैं, मिसाल के लिए शराब घर, डिस्को टेंक आदि आदि. लेकिन, मुझे परम्परागत चाय घर ही पसंद हैं।
चीनी रीति रिवाज के अनुसार, श्री च्यांग खाने पीने को बड़ा महत्व देते हैं, और खाते पीते समय अपने काम की उलझनों को दूर करने का शौक रखते हैं। चाय घर इस में अच्छी भूमिका अदा करता है। कुछ व्यापारी यहां सौदा पटाने के लिए आते हैं। श्री ली पेइचिंग की एक फिल्म कंपनी के मैनेजर हैं।कुछ समय पहले, उन्होंने कई सहयोकि-साथियों को पेइचिंग के वू फू चाय घर में अपनी परियोजना पर विचार-विमर्श करने के लिए आमंत्रित किया।इस की चर्चा करते हुए श्री ली ने बताया, चाय पीते हुए सौदा पटाने का अपना मजा है, कारण यहां का माहौल बहुत तनाममुक्त है। इसलिए भी आज चाय पीना अधिक से अधिक पेइचिंग वासियों का पसंद बन गया है ।पेइचिंग में के चाय घर भी बेठे हैं। इस वक्त यहां कुल 400 चाय घर हैं। श्री जन पहले एक सरकारी कंपनी में कार्यरत थे, बाद में उन्होंने अपना काम छोड़कर एक चाय घर खोला। उन के अनुसार, पेइचिंगवासियों का जीवन स्तर उन्नत होने के साथ साथ चाय पीना , परम्परागत वेशभूषा पहनना अदि वापस लौट रहा है औऱ ये परम्परागत चीजें लम्बे अरसे तक चीनियों में जीवित रहेगी।
चाय पीना चीनी आदत है। जब किसी घर में मेहमान आता है , उसे एक प्याला चाय पिलाया जाना जरुरी माना जाता है । त्यौहारों में चाय मित्रों के बीच लोकप्रिये उपहार भी है।
पेइचिंगवासियों का यह नया फैशन यह प्रतिबिंबित भी करता है कि लोगों को परम्परागत संस्कृति से कितना प्रेम हैं। पेइचिंग के चाय घर पुरानी संस्कृति औऱ आधुनिक जीवन को जोड़ने वाली एक कड़ी है।