उन्हों ने कहा कि जब 1985 में मैं छोटे नाव पर सवार होकर तुंग यू द्वीप पहुंचा , तो मुझे यहां बिलकुल एक दुनिया से कटा हुआ आड़ू फुल उद्यान जान पड़ता था , यह द्वीप अनुपम ही नहीं , निवासी भी बहुत सीधे सादे नजर आते थे ।
ठीक यहां ने दर्शनीय प्राकृतिक दृश्य ने उद्यमी और सामाजिक कार्यकर्ता श्री च्यांग श्याओ सुंग को मोहित किया है , अतः उन्हों ने यहां के विकास में पूंजी जुटायी और पोओ पूंजी निवेश लिमिडेट कम्पनी की स्थापना की । फिर श्री च्यांग श्याओ सुंग ने अपनी प्रभावशाली शक्तियों के माध्यम से जापान , आस्ट्रेलिया और फिलिपीन इन तीनों देशों के पूर्व शासनाध्यक्षों को गोल्फ खेलने पर आमत्रित किया और उन्हों ने यहां पर पाओ स्थायी एशियाई मंच की स्थापना का प्रस्ताव पेश किया । फरवरी 2001 में यहां पर पोऔ एशियाई मंच विधिवत रूप से स्थापित हो गया। इस के दूसरे साल से हर वर्ष के अप्रैल में यहां शानदार वार्षिक सम्मेलन आयोजित होने की परम्परा शुरू हो गयी है , मौके पर सम्मेलन में विभिन्न देशों के राज्याध्यक्ष या शासनाध्यक्ष प्रशांत एशिया व विश्व के भारी विकास सवालों पर विचार विमर्श कर लेते हैं ।
यह बिलकुल एक संयोग की बात है कि मैं ऐसे यो ही पोओ पहुंच गया , वहां पहुंचने के बाद अद्भुत अनुपम प्राकृतिक दृश्य से मैं इतना प्रभावित हो गया है कि मैं ने इसी स्थान पर कुछ काम करने का निश्चिचय एकदम कर लिया । इसलिये इस का मतलब यह नहीं है कि एशियाई मंच से पोओ नामी हो गया है , इस के विपरित पोओ के सौंदर्य से ऐशियाई मंच ने इसी स्थल का विकल्प किया । बेशक , एशियाई मंच की स्थापना तत्कालीन एशियाई जरूरतों की आवश्यकता ही है ।