2008-11-17 15:36:19

मुस्लिम लिन नाद्येईफू का सुखमय जीवन

श्री नाद्येईफू चीन के नींगश्या ह्वेई स्वायत प्रदेश का एक आम मुस्लिम है जो एक आम किसान से ईंग छ्वान शहर की एक मोटर गाड़ी किराया कंपनी का जनरल मैनेजर बन गया।

पिछली शताब्दी के 8वें दशक में श्री नाद्येईफू एक किसान थे। चीन में रूपांतरण व खुलेपन की नीति लागू होने के बाद उन्होंने नींगश्या ह्वेई स्वायत प्रदेश की सरकार की मदद से अल्पसंख्यक जाति के लिए जारी उदार नीतियों का लाभ उठाते हुए खुद व्यापार शुरु किया। अब उन की आर्थिक स्थिति साल दर साल मजबूत हो रही है और उन के घर का मकान भी बड़ा हो गया है। उन्होंने संवाददाताओं को अपने मकान का परिचय देते समय बताया,मैंने यह मकान खरीदा । हमारे घर में ज्यादा लोग हैं और इस मकान का क्षेत्रफल 180 वर्गमीटर से अधिक है।

श्री नाद्येईफू का मकान एक दो मंजिला मकान है, जो ईंग छ्वान शहर के केंद्र में स्थित है। वहां का वातावरण सुहावना है और आंगन में फूल व घास लगी है। श्री नाद्येईफू ने कहा कि रूपांतरण व खुलेपन की अच्छी परिस्थिति में स्थानीय सरकार ने भी अल्पसंख्यक जातियों को मदद देने की अनेक उदार नीतियां बनायीं। मिसाल के लिए, छोटे कर्ज देना और कर वसूली में कटौती करना आदि। पिछली शताब्दी के 8वें दशक से उन्होंने अपने बेटे के साथ शहर में व्यापार करना शुरु किया।अनुभव और पूंजी प्राप्त करने के बाद श्री नाद्येईफू ने खुद ही मजदूरों को आमंत्रित करके मोटर गाड़ी की किराया कंपनी की स्थापना की। उन के अनुसार,रूपांतरण व खुलेपन से पहले, मेरे पास ज्यादा पैसे नहीं थे। अब हर वर्ष मैं 5 लाख चीनी य्वान से अधिक कमा सकता हूं।

जीवन स्थिति में सुधार होने के साथ-साथ श्री नाद्येईफू अपने पिता के सपने को भी पूरा करना चाहते हैं। वर्ष 1997 में, श्री नाद्येईफू के पिता नाछांगचीन ने आखिरकार मक्का की तीर्थयात्रा की। श्री नाछांगचीन ने कहा,मक्का की यात्रा बहुत अच्छी है। उसी वर्ष लगभग 28 लाख लोगों ने मक्का की तीर्थयात्रा की थी। विभिन्न देशों से आये मुस्लिम वहां जाते हैं। उसी समय मैंने सोचा कि यदि खुलापन व रूपांतरण न होता, तो क्या मैं यहां आ सकता था। क्या मैं विमान से यहां पहुंच सकता था। यह असंभव सी बात होती। मै बहुत प्रभावित हुआ और मुझे खुशी हुई।

श्री नाछांगचीन ने कहा कि दस वर्ष पहले, ईंग छ्वान शहर में सऊदी अरब जाने के लिए प्रत्यक्ष उड़ान नहीं थी। मुझे अनेक विमान और रेल गाड़ियां बदल-बदल कर मक्का पहुंचना पड़ा था। श्री नाछांगचीन की तुलना में नाद्येईफू की पत्नि की तीर्थयात्रा अलग है। इधर के वर्षों में नींगश्या की स्थानीय सरकार के संबंधित विभागों की सहायता से नींगश्या मुस्लिम तीर्थयात्रा मंडल ईंग छ्वान से चार्टर विमान पर सवार होकर सीधे मक्का गया।तीर्थयात्रा मंडल में अनुवादकों व चिकित्सकों के अलावा, विभिन्न मस्जिदों से आये आहूं भी मंडल के साथ मक्का जाते हैं। सुश्री दींग श्यो मेई ने 2007 में मक्का की तीर्थयात्रा की थी। उन्होंने कहा,वर्ष 2007 में, मैं नींगश्या के ईंग छ्वान हवाई अड्डे से सीधे सऊदी अरब में मक्का पहुंचा था। 30 दिन की यात्रा थी। हम डॉक्टरों व अनुवादकों के साथ मक्का गए थे। नींगश्या की विभिन्न मस्जिदों के आहूं भी हमारे साथ गये।

मुस्लिम धर्म की महत्वपूर्ण ईद के अवसर पर, हमारा संवाददाता नाद्येईफू के घर गया।नाछांगचीन ने हमें बताया,ईद के त्योहार में मस्जिद में बहुत भीड़ होती है। मस्जिद में चावल व तेल भी लाए गए। हम ने खुशी से एक साथ खाना खाया।आज का जीवन बहुत अच्छा है।

नाद्येईफू का घर केवल चीन के सभी मुस्लिम परिवारों की एक झलक है। आज के चीनी मुस्लिम केंद्र क्षेत्रों में चाहे किसी जाति के लोग हों ,सभी रूपांतरण व खुलेपन की उपलब्धि का उपभोग कर सकते हैं।