2008-11-10 16:13:02

लागू जीति के खूसुंग वासियों के जीवन में परिवर्तन

चीन एक बड़ी आबादी वाला देश है, जिस में 55 अल्पसंखयक जातियां रहती हैं। दक्षिण पश्चिम चीन के युन्नान प्रांत में चीन की 10 से ज्यादा अल्पसंख्यक जातियां रहती हैं। आज के इस कार्यक्रम में हम आप लोगों को युन्नान प्रांत के ऊंचे पहाड़ों से बाहर जाने वाली लागू जाति के खूसुंग वासियों का परिचय देंगे और उन के जीवन में आये परिवर्तन बताएंगे।

खूसुंग वासी चीन की अल्पसंख्यक जाति लागू जाति की एक शाखा है, जिस की आबादी लगभग 30 हजार है। वे लोग मुख्यतः दक्षिण पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत के एईलाओ पहाड़ और वूल्यांग पहाड़ में रहते हैं। लम्बे अरसे से खूसुंग के लोगों का बाहरी दुनिया से संबंध नहीं था। वर्ष 1956 की गर्मी के मौसम में ही उन का पता लगाया गया। पहले खूसुंग के लोग जंगली पशुओं का शिकार करके और जंगली फलों को ढूंढ कर खा कर ही जीवन बिताते थे। उन के पास कपड़े नहीं थे।वे पशुओं के चमड़े या पेड़ों के पत्तों से कपड़ा बनाते हैं।खराब जीवन पर्यावरण का निपटारा करने के लिए लोग एक साथ काम करते हैं और खाना खाते हैं। इस के बावजूद, उन्हें भरपेट खाना नहीं मिल पाता है।वे अत्यन्त कठिन जीवन बिताते हैं।

20 शताब्दी के छठे दशक में, चीन सरकार की मददसे खूसुंग के लोग क्रमशः जंगलों से बाहर निकले , आवारा शिकारी जीवन को बंद किया और खेती पर काम करना शुरु किया।लेकिन, प्राकृतिक वातावरण के खराब होने से उन का जीवन अत्यन्त कठिन रहा।

वर्ष 2005 में युन्नान के खूसुंग वासियों के लोगों के जीवन पर लिखे एक लेख अभी भी गरीब ने चीनी प्रधान मंत्री वन चा पाओ का ध्यान खींचा। उसी दिन, श्री वन चा पाओ ने एक महत्वपूर्ण आदेश दिया ,जिस में निर्णय लिया गया कि अपेक्षाकृत छोटी आबादी वाले अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्रों का समर्थन करने की नीति का कार्यान्वयन किया जाए और यथार्थ रूप से खूसुंग वासियों को जल्द ही गरीबी से छुटकारा दिलाया जाना चाहिए।

उस वर्ष खूसुंग जाति की लड़की श्वू ल्यैन फांग की उम्र केवल 10 साल थी, लेकिन, श्री वन चा पाओ के आदेश ने एईलाओ पहाड़ में रहने वाली इस लड़की के जीवन में भारी परिवर्तन किया है।

श्वूः जब मैं 2 साल की थी, मेरे पिता जी का देहांत हो गया। 3 साल की उम्र में मेरी मा ने पुनः विवाह किया।

संवाददाता पहले तुम कहां रहती थी।

श्वूः पहले मैं जतुंग कस्बे के मूछांग गांव के याखो में रहती थी। वहां सड़क नहीं है और बिजली भी नहीं है। कुछ स्थलों में बहुत खतरा है। वहां अक्सर भूस्खलन होता है ।

संवाददाताः तुम्हारा पहले का मकान कैसा था।

श्वूः मकान में पलंग के अलावा कोई फर्नीचर नहीं था। जब वर्षा होती, तो मकान में भी छोटी बारिश हो जाती थी।

इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े।(श्याओयांग)