2008-10-31 17:22:56

वू शी शहर का रमणीय थाई हू झीलदृश्य

थाई हू झील चीन की पांच मीठे पानी वाली झीलों में से एक मानी जाती है , वह पूर्वी चीन के च्यांग सू प्रांत के वू शी शहर में स्थित है । थाई हू झील के उत्तर पश्चिमी तट पर य्वान थो चू नामक एक प्रायद्वीप अवस्थित है । क्योंकि थाई हू झीन में खड़े इस भीमकाय पत्थर का आकार प्रकार कछुए का सिर मालूम पड़ता है , इसलिये उस का नाम कछुए का सिर रखा गया ।

1918 में य्वान थो चू क्षेत्र में उद्यान स्थापित होने लगा । तत्कालीन समाज की मशहूर हस्तियों और कुलीनों ने यहां पर अपने निवास स्थान व बगीचेनुमा बंगला निर्मित करने में होड़ सी लगायी । फिर दसियों सालों के विस्तृत निर्माण के जरिये अब य्वान थो चू पर्यटन क्षेत्र का क्षेत्रफल कोई तीन सौ हैक्टर विशाल है और वह यात्सी नदी यानी छांग च्यांग नदी के दक्षिण भाग में सब से बड़े उद्यानों में से एक बन गया है ।

य्वान थो चू पर्यटन स्थल हर वर्ष तीस लाख से अधिक देशी विदेशी पर्यटकों को मोह लेता है , उन में कुछ पर्यटक विशेष तौर पर यहां घूमने आते हैं , थाईवान प्रांत से आये पर्यटक चुंग रुंग ची भी उन में से एक हैं । उन का कहना है मशहूर साहित्यकार स्वर्गीय क्वो मो रो ने थाई हू झील के सौंदर्य की प्रशंसा में यह अभिलेख लिखा कि थाई हू झील का सब से बढ़िया स्थल य्वान थो चू पर ही है , इतना ही नहीं , चीनी धार्मिक विद्वान स्वर्गीय चाओ फू छू ने य्वान थो चू के दौरे के बाद य्वान थो चू की तारीफ बांधते हुए य्वान थो चू स्वर्ग से कहीं सुंदर भी कहा , इस से जाहिर है कि हमारी थाई हू झील कितनी खूब सूरत है , य्वान थो चू कितना सुंदर है । मैं अभी अभी यहां आया हूं , मैं अपनी अभिलाषा को पूरा करने के लिये और ज्यादा समय निकाल कर थाई हू झील की सैर करुंगा ।

जैसा कि पर्यटक चूं रूंग ची ने सही कहा है कि अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य कविताओं और चित्रों में कलमबंद किया जा सकता है । पिछले अनेक सालों में य्वान थो चू पर्यटन स्थल ने काफी संख्या में लिपि कला व चित्र कला कृतियों जैसी सांस्कृतिक वस्तुएं एकत्रित कर ली हैं , उन में अधिकतर सुप्रसिद्ध चीनी सांस्कृतिक हस्तियों की हैं । अब य्वान थो चू पर्यटन स्थल हर वर्ष में लिपि व चित्र कलाओं से दोस्ती बनाने वाली कला उत्सव आदान प्रदान गतिविधियां आयोजिक करता है , ताकि पर्यटकों को थाई हू झील की सुंदरता का आनन्द उठाते समय यहां का गाढा सांस्कृतिक वातावरण भी आभास दिया जा सके ।