2008-10-28 09:39:04

मंगोलियाई जाति की खुश महिला बॉस सेरेहलन की कहानी

पिता के प्रोत्साहन से मैं ने खुद सिलाई करना सीखा। सुश्री सेरेहलन ने अपनी बहन नारन के साथ वेशभूषा प्रोसेसिंग सड़क पर एक दुकान किराये पर ली और कपड़े का प्रोसेसिंग कार्य करना शुरू किया। लेकिन, शुरुआत बहुत कठिन थी। शहर में पहले के कठोर जीवन के बारे में सुश्री सेरेहलन की याद ताज़ा है।

शुरू में हमारे बुनियादी जीवन की गारंटी भी नहीं थी। जब हम जन्मभूमि में रहती थीं, तो लकड़ियां जला कर गर्मी कर लेती थीं और नदियों से पानी ले आती थीं। इस सब में कोई पैसा नहीं लगता था । लेकिन, शहर में सभी चीजें खरीदने के लिए पैसे चाहिंए। पानी लेने के लिए भी पैसे देने पड़ते हैं और यातायात के लिए भी पैसे चाहिंए।

लेकिन, मुसीबतों के सामने इन बहनों ने अपना सिर नहीं झुकाया। उन्होंने मुसीबतों से छुटकारा पाने के अच्छे उपायों की खोज की, यानी सभी उपभोक्ताओं के साथ सदिच्छापूर्ण व्यवहार किया । इस तरह उन की दुकान ने उपभोक्ताओं का विश्वास जीता।

छोटी बहन नारन के अनुसार, शुरू में जब हमारे द्वारा बनाये गए कपड़े उचित नहीं थे, तो उपभोक्ता बहुत गुस्सा होते थे । हम ने उन्हें समझाया कि हम उन की राय के अनुसार ही फिर एक बार कपड़े सिलेंगे। बार-बार संशोधन करने के बाद कपड़े अंततः ठीक हो गए। इसी तरह, धीरे-धीरे हम ने उपभोक्ताओं का विश्वास जीता। यदि उन के लिए सिले कपड़ों में कुछ कमी रह जाती है, तो वे खुशी से उन्हें हमारे पास ले आते हैं और हम भी उन्हें तुरंत बिना कोई पैसा लिए ठीक कर देती हैं।

बहनों के कठोर श्रम और सदिच्छापूर्ण रूख ने न केवल उपभोक्ताओं का विश्वास जीता, बल्कि कपड़ा व्यापारियों का विश्वास भी जीता। यदि बहनों के पास पर्याप्त पैसे नहीं हैं, तो वे कर्ज ले सकती हैं। उपरोक्त अच्छे आदमियों की चर्चा में छोटी बहन नारन ने भारी आभार प्रकट किया।

कुछ समय हमारे पास पैसे का बड़ा अभाव रहा, यहां तक कि कपड़ा खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे। लेकिन, कपड़ा व्यापारियों का मेरी बड़ी बहन पर पक्का विश्वास है, और उन्होंने सब से पहले हमें कपड़ा दिया। जब हमारे पास पैसे हुए, तो हम ने उन्हें वापस चुका दिए। इस तरह हमारा व्यापार चल निकला।

कई वर्ष बाद बहनों की कपड़े की दुकान की गति धीरे-धीरे सामान्य हो गई और दुकान का व्यवसाय धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। अब सुश्री सेरेहलन की कपड़ों की दो दुकानें हैं, एक में कपड़े बनाए जाते हैं, जबकि दूसरी में बिक्री की जाती है।व्यापार का पैमाना विस्तृत होने के साथ-साथ कारखानों में कर्मचारियों का अभाव भी हो रहा है। इसलिए, दोनों बहनों ने जन्मभूमि से स्थानांतरित हुए चरवाहों के लड़कों व लड़कियों को अपने कारखाने में भरती किया। अब सुश्री सेरेहलन के कारखाने में कुल मिलाकर 15 कर्मचारी हैं, जो सब जन्मभूमि क्षेत्रों से आए हैं। दालेनबाजार उन में से एक है। उन के अनुसार, यहां आने के बाद मेरे जीवन में भारी परिवर्तन आया है। एक ओर, मैंने सच्ची कला सीखी है। दूसरी ओर, मैंने पैसे कमाए हैं और खुद पर निर्भर रहना शुरू किया है। मैं अपनी बॉस का बहुत आभारी हूं। उन्होंने खुद मुझे सिखाया है। मैं बहुत खुश हूं।

चीन के भीतरी मंगोलिया स्वायत प्रदेश के शिलीनक्वोल घास मैदान में इस तरह की अनेक कहानियां हैं। यदि आप इस के बारे में और ज्यादा जानना चाहते हैं, तो हमारे घास मैदान की यात्रा कीजिए और खुद रहस्यमय घास मैदान के सुन्दर दृश्यों और आम नागरिकों के जीवन के बारे में जानिए । हम आप सब लोगों को हमारा कार्यक्रम सुनने के लिए धन्यवाद देते हैं। अब श्याओयांग को आज्ञा दें, नमस्कार।(श्याओयांग)