2008-10-14 09:21:36

नींगश्या के ह्वेई सांस्कृतिक उद्यान का दौरा

सांस्कृतिक उद्यान की प्रचुर इतिहास सामग्री इस्लामी संस्कृति को समझने वाली मूल्यवान सामग्री बन चुकी है। श्री श्वू वेई ने संवाददाता को बताया, अब हम और इस्लामी संघ, इस्लामी धर्म शास्त्री अकादमी के साथ सहयोग करते हैं। हाल में नींगश्या की इस्लाम धर्म शास्त्र अकादमी ने संग्रहालय में मुस्लिम देशभक्ति शिक्षा का केंद्र बनाया। यहां अकादमी के आहूंग नियमित समय पर दौरा करते हैं और ह्वेई जाति के सांस्कृतिक ज्ञान को जानते हैं।

प्रदर्शन हॉल में छोटे बड़े गूलैन नामक पुस्तकें और बड़े-बड़े पुराने बैलों समेत विभिन्न सांस्कृतिक धरोहरें रखी गयी हैं। यहां के कर्मचारी ने हमें बताया कि इस सामग्री में दो उल्लेखनीय हैं। एक है, चीन के मींग राजवंश में प्रकाशित की गयी गूलैन नामक शास्त्र की पुस्तक, जिस का नींगश्या में पता लगाया गया है और जो सब से पुरानी व सब से अच्छी तरह बरकरार रखी गई गूलैन पुस्तक है। दूसरा, वर्ष 2007 के जून माह में कुवैत के विधान मंत्री एवं इस्लामी मामलात के मंत्री अब्दुल्लाह माटोक द्वारा सांस्कृतिक उद्यान को चंदे के रूप में दी गयी दो अरबी जहाजों के मॉडल और 12 इस्लामी धार्मिक पुरुषों व महिलाओं की वेशभूषा है। ये उपहार चीन व अरबी देशों के बीच मैत्रीपूर्ण आदान प्रदान का ऐतिहासिक सबूत बन गया है।

संग्रहालय में प्रचुर सामग्री ने अनेक देश विदेश के पर्यटकों को आकर्षित किया है। सांस्कृतिक उद्यान के जिम्मेदार श्री लेई रन ज ने संवाददाताओं से कहा, संग्रहालय के खोलने के बाद, कुवैत, यमन, ईरान, पाकिस्तान, मिस्र आदि इस्लामी देशों के राजदूत व शास्त्री यहां आने के बाद बहुत खुश हुए हैं। उन का मानना है कि चीन की मुख्यभूमि पर इतनी महान इस्लामी वास्तु कला का निर्माण करना और चतुर्मुखी रूप से इस्लामी संस्कृति का प्रदर्शन करना बहुत अच्छी बात है।

श्री लेई ने संवाददाता को बताया कि संग्रहालय में प्रदर्शित चीनी इस्लामी संस्कृति की यहां का दौरा करने वाले इस्लामी देशों के अधिकारियों व मित्रों ने प्रशंसा की है।उन्होंने अलग-अलग तौर पर बताया कि वे संग्रहालय के साथ सहयोग करेंगे और विभिन्न इस्लामी सामग्री का चंदा देकर संग्रहालय की इस्लामी संस्कृति को और प्रचुर बनाने की कोशिश करेंगे। श्री लेई ने बताया कि वे संग्रहालय के कर्मचारियों के साथ सहयोग करके नींगश्या ह्वेई जाति के सांस्कृतिक उद्यान को देश-विदेश की मुस्लिम संस्कृति का अनुसंधान व आवाजाही का केंद्र बनाने की भरसक कोशिश करेंगे।

इस सांस्कृतिक उद्यान की स्थापना का मकसद देश विदेश के पर्यटकों के सामने ह्वेई जाति के इतिहास व संस्कृति को पेश करना है। हमारे उद्यान के पर्यटकों को ह्वेई जाति के इतिहास व संस्कृति , ह्वेई जाति के नृत्य गान आदि को जानने का मौका मिलेगा। बाद में सांस्कृतिक उद्यान और विस्तृत होगा। वह न सिर्फ एक पर्यटन व संस्कृति के उद्योग का केंद्र बनेगा, बल्कि देश विदेश का मुस्लिम समारोह भी बनेगा, ताकि हम और विश्व के इस्लामी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण आवाजाही के लिए एक अच्छा मंच बना सकें। मेरे विचार में यह नींगश्या के खुलेपन के लिए भी लाभदायक होगा।

निरीक्षण दौरा पूरा करते समय, उद्यान में ह्वेई जाति के कर्मचारियों ने खासकर पर्यटकों के लिए अरबी भाषा में गाया गया ह्वेई जाति का गीत भी पेश किया।(श्याओयांग)