2008-09-26 15:26:34

छंग तेह शहर के आठ मठों का दौरा

छंग तेह शहर का फू निंन मठ उत्तर चीन के सब से विख्यात तिब्बती लामा बौद्ध धर्म का मंदिर माना जाता है , उस की स्थापना ईस्वी 18 वीं शताब्दी के छिंग राजवंश के छ्येन लुंग राजा काल में हुई थी । इस फू निंग मठ के आसपास और 11 विभिन्न रूपों वाले मंदिर भी खड़े हुए हैं । क्योंकि तत्काल में उन में से आठ मंदिरों का संचालन प्रत्यक्ष रूप से छिंग राजवंश की सरकार द्वारा किया जाता था और वे छंग तेह शहर के कू पेह खो नामक स्थल के बाहर स्थित हैं , इसलिये उन्हें बाहर आठ मठ पुकारा जाने लगे हैं। बाहर आठ मठ दिसम्बर 1992 में विश्व सांस्कृतिक विरासतों की नामसूची में शामिल हो गये हैं ।

बाहर आठ मठों में इनसा पो मठ और शान पो मठ नामक इन दोनों पुराने मंदिरों का निर्माण सन 1713 में हुआ था । हो पेह प्रांत के छंग तेह शहर के बाहरी आठ मठ प्रबंधन विभाग के अधिकारी श्री फंग चुन पो ने इन दोनों मंठों के निर्माण के बारे में बताते हुए कहा तत्काल में राजा खांग शी के 60 वें जन्म दिवस के उपलक्ष में भीतरी मंगोलिया और बाहरी मंगोलिया में रहने वाले जीवित बुद्ध और कुलीन राजा खांग शी को बधाई देने राजधानी आ पहुंचे । राजा खांगशी ने इस से प्रभावित होकर छंग तेह में उक्त दोनों मंदिरों के निर्माण का फैसला कर लिया ।

इतना ही नहीं , उस समय राजा खांग शी द्वारा इनसा पो व शान पो इन दोनों मदिरों का निर्माण करने की अत्यंत गहरी ऐतिहासिक व राजनीतिक पृष्ठभूमि भी मौजूद थी । फू निंग मठ के प्रबंधन विभाग के प्रदान श्री वांग ह्वी ने हमारे संवाददाता को तत्कालीन चीनी राष्ट्रीय एकता व मेलमिलापपूर्ण युग की पृष्ठभूमि का उल्लेख किया ।

छिंग राजवंश की सरकार ने मध्य चीन पर कब्जा करने के बाद महसुस किया कि अपने शासन को मजबूत बनाने के लिये जातीय मेलमिलाप और एकता को मूर्त रूप देना अत्यावश्यक है। क्योंकि छंग तेह क्षेत्र उस समय एक खुमंतु इलाका था , इसलिये विभिन्न जातियां भी बसने के लिये चारों तरफ से यहां आयी थीं , अतः जातियों के बीच टक्करें व सम्पर्क भी यहां पर आम बात बन गये । और तौ और तत्काल में मंगोल जाति व तिब्बती जाति तिब्बती बौद्ध पर विश्वास करती थीं , उन के विश्वास के सम्मान के लिये राजा खांग शी ने सब से पहले तिब्बती बौद्ध धार्मिक धारणा के अनुसार छंग तेह गर्मियों से बचने वाले उद्यान के पूर्वी बगल में इनसा पो मठ और शान पो मठ का निर्माण कर लिया।