2008-09-23 15:08:24

क्वेई च्यो प्रांत की पर्यटन छवि दूत वू य्वू जडं

सुश्री वू य्वू जडं तुंग जाति का दा ग गीत गाने के कौशल के कारण क्वेई च्यो प्रांत की पर्यटन छवि दूत नियुक्त किया गया है।

वर्ष 2007 के मार्च में पेरिस के विश्व पर्यटन मेले के दौरान, सुश्री वू य्वू जडं तथा तुंग जाति की एक अन्य लड़की यांग ली ने वेर्सेइलस महल में विभिन्न देशों के मेहमानों व राजदूतों के सामने तुंग जाति का दा ग गाया। तुंग जाति के दा ग ने अनेक पेरिस नागरिकों को आकर्षित किया है। उन की पोशाक व वेशभूषा ने विभिन्न देशों के संवाददाताओं की नजर भी खींची है। फ्रांस के अखबार ले पारिसिएन ने अपने पहले पन्ने में इन दोनों लड़कियों के अभिनय की रिपोर्ट की। इस अविस्मरणीय घटना का सुश्री वू य्वू जडं को गहरा अनुभव है। उन्होंने बताया, उस समय हमारे चीन के बीसियों प्रदर्शनी स्टॉल थे। हम क्वेई च्यो प्रांत के स्टॉल पर खड़ी थीं। आसपास के अनेक पर्यटकों ने हमारे पास आ कर दा ग सुना। सब लोग बहुत खुश हुए। उन्होंने कहा कि हमारे गीत बहुत मधुर हैं और हमारी वेशभूषा बहुत सुन्दर है।उन्होंने कहा कि हमारे गीत सुनना उन के लिए बहुत सौभाग्य की बात है।

सुश्री वू य्वू जडं ने कहा कि चीन के क्वेई च्यो प्रांत की तुंग जाति चीन के भीतरी इलाके में स्थित है। लेकिन, तुंग जाति के दा ग की इस पुरानी कला ने पश्चिमी देशों के लोगों का ध्यान खींचा है। तुंग जाति के दा ग के उत्तराधिकारी होने के नाते सुश्री वू य्वू जडं को बहुत गौरव महसूस होता है।

फ्रांस खुद ही कला व संस्कृति का केंद्र है। यदि तुंग जाति का दा ग फ्रांस में विकास होता, तो अवश्य ही दुनिया में दा ग का असर बहुत व्यापक होता।

अब वू य्वू जडं तुंग जाति के दा ग की कला की छवि दूत बनीं हैं। उन के दा ग के कार्य भी विकास किया जा रहा है। सुश्री वू य्वू जडं ने कहा कि उन के कंधे पर भारी कर्त्तव्य है। मुझे लगता है कि प्रतियोगिताओं में भाग लेने से ,पुरस्कार मिलने से मेरा कर्त्तव्य बढ़ गया है। चूंकि तुम अपने पहले के स्थान पर खड़े नहीं रह सकते, तुम्हें आगे बढ़ना ही है। सभी पुरस्कार मेरी जन्मभूमि के लोगों ने मुझे दिये हैं, इसलिए, मैं और ज्यादा ज्ञान सीखने की भरसक कोशिश कर रही हूं, ताकि जन्मभूमि के लिए कुछ और योगदान दे सकूं।

अब वू य्वू जडं विश्वविद्यालय में पढ़ रही हैं। वे आशा करती हैं कि वे तुंग जाति के दा ग का और विकास करने का प्रयत्न करेंगी और तुंग जाति की पुरानी कला दा ग को सारी दुनिया की जनता का प्रेम मिल सकेगा।

मैं आशा करती हूं कि आप लोग मेरी जन्मभूमि तुंग जाति के क्षेत्र आएंगे ,हमारी तुंग जाति के दा ग सुनेंगे और तुंग जाति की संस्कृति को महसूस करेंगे। हमारी जन्मभूमि बहुत सुन्दर है और दा ग भी बहुत मधुर है।

संवाददाता के साथ साक्षात्कार के अंत में सुश्री वू य्वू जडं ने हमें तुंग जाति का दा ग गा कर सुनाया । (श्याओयांग)