2008-09-22 15:06:32

तुंग जाति के दा ग गीत की उत्तराधिकारी वू य्वू जडं

आज हम आप को एक मशहूर युवा लड़की का परिचय देंगे जिसे तुंग जाति का दा ग गीत गाने के कौशल के कारण क्वेई च्यो प्रांत की पर्यटन छवि दूत नियुक्त किया गया है, उस का नाम है वू य्वू जडं।

23 वर्षीय वू य्वू जडं क्वेई च्यो के दक्षिण पूर्वी भाग की तुंगनान प्रिफेक्चर की लीफींग काउंटी में रहने वाली तुंग जाति की लड़की है। लीफींग काउंटी चीन में तुंग जाति बहुल क्षेत्र है, जिस की कुल आबादी लगभग 4 लाख 80 हजार है। यहां तुंग जाति के विशेष रीति-रिवाज , इतिहास व संस्कृति देखी जा सकती है। तुंग जाति का दा ग गीत इन में से सब से मशहूर है। तुंग जाति में दा ग का मतलब बड़ा गीत है और वह तुंग जाति की कविताओं का संग्रह भी है। परम्परागत दा ग में अनेक कहानियां हैं, जो पुराने समय में तुंग जाति की जनता के जीवन और समाज के बारे में जानकारी देती हैं। आम तौर पर गायक सामूहिक रूप से दा ग गाते हैं। वू य्वू जडं बहुत खूबसूरत है और सरल भी। बचपन से ही उस ने गांव के दा ग गायकों से तुंग जाति का दा ग गाना सीखना शुरू कर दिया था।

हम ने गायकों के निर्देशन में गाना सीखना शुरु किया था।हमारे यहां अनेक गायक हैं, जिन से लोग तुंग जाति का गान सीखते हैं। वे लोग स्कूलों के अध्यापकों की ही तरह पैसे नहीं लेते हैं, उन से गाना सीखने में कोई पैसा नहीं लगता। यदि आप गाना सीखना चाहते हैं और गाना चाहते हैं, तो हमारी तुंग जाति के अध्यापक खुशी से आप को सिखाएंगे।यही कारण है कि हमारी तुंग जाति का दा ग का अच्छी तरह प्रचार-प्रसार हुआ है।

वू य्वू जडं के घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। उस के माता-पिता को उस की पढ़ाई का खर्चा उठाने के लिए बड़े शहरों में जा कर काम करना पड़ा। अपने मां-बाप की कठोर मेहनत को समझकर वू य्वू जडं ने बहुत मेहनत से पढ़ाई की। उन्होंने कहा कि वह खाली समय में भी पुस्तकें पढ़ती थीं। घर में वू य्वू जडं का एक भाई और एक बहन भी है, इसलिए, उसे पढ़ते समय अपने बहन-भाई की देखभाल भी करनी पड़ती थी। लेकिन, पहाड़ों में रहने वाली श्री वू य्वू जडं ने पहाड़ों के बाहर की दुनिया से बड़ी उम्मीद बांधी हुई थीं।

वर्ष 2001 में वू य्वू जडं को खबर मिली कि ली फींग काऊंटी की तुंग जाति का दा ग कला मंडल 10 नये कलाकारों की भरती करना चाहता है , तो वू य्वू जडं ने तुंरत आवेदन कर दिया। अनेक परीक्षाओं के बाद वू य्वू जडं सफलतापूर्वक इस दा ग कला मंडल की सदस्य बन गईं। नए भर्ती किए गए दस युवा कलाकारों को प्रशिक्षण देने के लिए कला मंडल के नेताओं ने उन्हें ली फींग काऊंटी के पर्यटन स्कूल में भेजा। वू य्वू जडं के अनुसार, ली फींग में हम काम भी करते और पढ़ते भी, इसलिए, मुझे माध्यमिक स्तर की डिग्री मिली । हम ने गाने की कुछ प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया और पुरस्कार जीते। इस कारण मुझे विश्वविद्यालय में पढ़ने का मौका भी मिला।

इस दौरान, सुश्री वू य्वू जडं ने चीनी राष्ट्रीय टी वी स्टेशन द्वारा आयोजित पश्चिमी भाग के लोकगीत की प्रतियोगिता में भी भाग लिया। उन्होंने रूस और उक्रेन आदि देशों में भी जा कर गाना गाया। प्रतियोगिता में श्रेष्ठ पुरस्कार मिलने के कारण उन्हें क्वेई च्यो विश्वविद्यालय की कला अकादमी के संगीत विभाग की जातीय नृत्य गान कक्षा में दाखिला मिल गया। कुछ समय बाद उन की क्वेई च्यो प्रांत की तुंग जाति की पर्यटन छवि दूत के रुप में नियुक्ति की गयी।

विश्वविद्यालय में तुंग जाति के दा ग पढ़ने के अलावा, मैं अल्पसंख्यक जातियों के संगीत समेत कुछ अन्य सांस्कृतिक कक्षाओं में भी भाग लेती हूं।

इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े।(श्याओयांग)