2008-09-19 15:03:43

हाई खो का दौरा

हाई खो शहर दक्षिण समुद्रतट पर स्थित चीन के हाई नान हाई प्रांत की राजधानी के नाम से जाना जाता है और वह एक प्रसिद्ध समुद्रतटीय पर्यटन शहर भी है । 2007 में यह शहर चीनी नवोदित प्रसिद्ध ऐतिहासिक व सांस्कृतिक शहरों की नामसूची में शामिल कर लिया गया है ।

                                                 

हाई खो शहर हाईनान प्रांत की राजधानी है और वह इसी प्रांत का राजनीतिक , आर्थिक व सांस्क्रतिक केंद्र भी है । इस शहर में समुद्र , थल और वायु का यातायात जाल की तरह बिछा हुआ है । हाई खो शहर का क्षेत्रफल 25 वर्गकिलोमीटर है और जन संख्या कोई चार लाख से अधिक है । क्योंकि यह शहर हाईनान द्वीप में बहने वाली सब से बड़ी नदी नान तू नदी के समुद्री मुहाने पर स्थित है , इसलिये उस का नाम समुद्र मुंह यानी हाई खो रखा गया है । हाई खो शहर का इतिहास बहुत पुराना है। आज से कोई सात आठ सौ साल पहले के दक्षिण सुंग राजवंश काल में यह शहर हाई खो के नाम से जाना जाने लगा और 6 सौ साल पहले के मिंग राजवंश काल में इस शहर ने विधिवत रूप से शहर का रूप धारण कर लिया ।

इतिहास में यह शहर चीन व दक्षिण पूर्वी एशियाई क्षेत्र को जोड़ने वाला अहम यातायात केंद्र रहा था। इस से इस शहर ने अपनी विशेष पहचान बना ली है । किसी भी पर्यटक के लिये हाईखो शहर के प्राचीन ऐतिहासिक अवशेषों में से एक पांच हस्तियों का स्मारक देखना जरूरी है । पांच हस्तियों वाला स्मारक हाई खो के दक्षिण उपनगर में स्थित है और वह 1889 में थांग व सुंग राजवंश कालों में जबरदस्ती पदों से बर्खास्त किये गये तत्कालीन पांच शरीफ अधिकारियों की स्मृति में विशेष तौर पर स्थापित हुआ था । उन में थांग राजवंश के प्रधान मंत्री ली तेह लू और सुंग राजवंश के प्रधान मंत्री ली कांग भी शामिल थे । हाईनान प्रांतीय म्युजियम के अनुसंधानकर्ता श्री हाउ सी तेह ने इस का परिचय देते हुए कहा कि उक्त पांच हस्तियां चीन की काफी प्रसिद्ध महत्वपूर्ण ऐतिहासिक व्यक्ति मानी जाती हैं । तत्काल में उन्हें गलती से पदच्युत किये जाने के बाद सजा के रूप में निर्जीव हाई नान द्वीप भेजा गया । पर उन्हों ने हाईनान द्वीप आने के बाद स्थानीय आर्थिक , खास कर सांस्कृतिक विकास में बड़ी भूमिका निभायी और बहुत सी प्रगतिशील वस्तुएं भी साथ लायीं और हाईनान के तत्कालीन आर्थिक व सांस्कृतिक विकास में असाधारण योगदान दिया। यह स्मारक उन की स्मृति में स्थानीय लोगों ने विशेष तौर पर स्थापित किया है ।