2008-08-27 16:01:38

क्रांतिकरी तीर्थ शहर चिंगकांगशान

चिंगकांगशान पर्वत पूर्वी चीन में स्थित च्यांगशी प्रांत के दक्षिण-पश्चिम भाग में खड़ा है। यह पर्वत अपनी विशाल टेढी-मेढ़ी श्रृंखलाओं और अपार घने जंगलों के लिए विख्यात है। इसके रमणीक पर्यटन क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 260 वर्गकिलोमीटर से अधिक है। इस क्षेत्र में ची फींग, ह्वांगयांगचेह, माओ फिंग और लुंगथान समेत दस बड़े पर्यटन स्थल आम लोगों के लिए खुले हैं, जिन में माओ त्से तुंग व चू तेह के नेतृत्व में तत्कालीन लाल सेना द्वारा चलाये गये सशस्त्र संघर्ष से जुड़े सौ से अधिक स्मारक स्थल व अवशेष शामिल हैं। चीनी लाल सेना का नाम आप ने सुना ही होगा। इस सेना की स्थापना 1927 में हुई। वह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में सब से पहले स्थापित क्रांतिकारी सशस्त्र शक्ति थी। शुरुआत में वह अत्यंत कमजोर थी और उसकी सदस्य संख्या कुछ हजार थी, पर धीरे-धीरे उसने शक्तिशाली होकर आज की चीनी मुक्ति सेना का रूप लिया।

आइए सब से पहले देखते हैं चिंगकांगशान पर्वत श्रृंखला के मध्यवर्ती बेसिन में स्थित त्ची फिंग पर्यटन स्थल को। यह एक बहुत सुंदर बगीचेनुमा शहर है जो चारों तरफ से गगनचुम्बी पर्वतों से घिरा है। चिंगकांगशान पर्वत पर्यटन क्षेत्र का मुख्यालय इसी शहर में स्थापित है। यहां विभिन्न प्रकार के सौ से अधिक होटल, डिपार्टमेंट स्टोर और मनोरंजन स्थल भी हैं।

आम तौर पर पर्यटक इसी क्षेत्र में ठहरते हैं। यहां यातायात, खाने-पीने व रहने और खरीदने की सुविधाएं उपलब्ध हैं। पिछली शताब्दी के दूसरे दशक के अंत में स्वर्गीय माओ त्से तुंग और चू तेह द्वारा स्थापित प्रथम चीनी ग्रामीण क्रांतिकारी आधार क्षेत्र भी यहां है। पूर्व की ओर त्ची फिंग में पर्वत की तलहटी में बहुत आकर्षक काले खपरैलों से निर्मित भवन समूह खड़ा दिखता है। यह भवन समूह इस क्रांतिकारी आधार क्षेत्र की नेतृत्वकारी संस्था का पुराना स्थल है। इस के पीछे ढलान पर चौकोने बांस का विशाल जंगल है। आम तौर पर बांस गोलाकार होता है, पर यहां का बांस चौकोना है और देखने में बड़ा दिलचस्प लगता है। इस पर्यटन स्थल के 40 हैक्टर से भी अधिक क्षेत्रफल पर स्थापित शहीद स्मारक भी कम चर्चित नहीं है। इस स्मारक के मुख्य भवन की दीवारों पर तत्कालीन सशस्त्र संघर्ष में प्राण देने वाले 15 हजार, 744 शहीदों के नाम अंकित हैं। इसके साथ ही यहां उन तीस हजार शहीदों का विशेष स्मारक भी खड़ा है, जो अपने पीछे अपने नाम नहीं छोड़ पाये।