2008-08-15 09:50:46

दुनिया से कटे थाओ ह्वा य्वान में लेई चाय की चुस्की

थाओ ह्वा य्वान कांऊटी मध्य चीन के हू नान प्रांत में स्थित है । प्राचीन चीन के प्रसिद्ध कवि थाओ छिन ने इस कांऊटी के एक पहाड़ी गांव के गुणगान में एक बहुत प्रसिद्ध कविता लिखी । इस कविता का भावार्थ हैः एक अपार विशाल आड़ू बागान के बीच कलकल कर छोटी नदी आगे बह जाती है , इस नदी के उद्गम स्थान पर एक छोटा शांत पहाड़ी गांव आबाद है , हरे भरे पहाड़ों से घिरे इस गांव का प्राकृतिक दृश्य अनुपम ही नहीं , वह बाहरी दुनिया से एकदम कटा हुआ है और वह एक आरामदेह व रमणीक स्थल ही है । बाद में सांसारिक जीवन से ऊब चुके लोग ऐसे प्रकार की जगह की ओर आकर्षित होने लगे ।

कवि थाऔ छ्येन की यह कविता आज से कोई 1600 साल से पहले लिखी गयी है , पर आज तक भी लोगों के जुबान पर है , साथ ही मिडिल स्कूल की पाठ्य पुस्तक में उस का चयन हो गया है । इस कारण से थाओ ह्वा य्वान आज तक भी लोगों को लुभा लेता है ।

अब थाओ ह्वा य्वान क्षेत्र को एक विशाल पर्यटन क्षेत्र का रूप दिया गयया है । यहां का प्राकृतिक दृश्य और पानी उतना ही मोहक व स्वच्छ ही नहीं , आकाश से बाते करने वाले अंगिनत प्राचीन पेड़ , घने बांस जंगल , दुर्लभ जंगली फूल घास , पत्थर सीढियां और टेढे मढ़े पथरीले रास्ते भी एकदम शांति का आभास देते हैं । विशेषकर वसंत में जब आड़ू पेड़ बागान में लाखों पेड़ों पर फूल खिलेंगे , तो फूलों से ढकी पहाड़ी घाटी का अद्भुत रंगीन दृश्य देखते ही बन जाता है ।