हथ्येन शहर सिन्च्यांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश के दक्षिणी भाग में स्थित है। इस का पुराना नाम यूथ्येन था। इस छोटे से शहर के अधिकतर निवासी इस्लाम धर्म पर विश्वास करने वाले वेवुर लोग हैं। यह चीन में बौद्ध धर्म के प्रसार का पुराना केंद्र भी रहा। इतिहासविदों के अनुसार यूथ्येन पूर्व व पश्चिम को जोड़ने वाले रेशम मार्ग का एक महत्वपूर्ण कस्बा था और भारत से चीन में बौद्ध धर्म के प्रचार- प्रसार का प्रथम पड़ाव भी। बौद्ध धर्म ईसापूर्व पहली
शताब्दी में भारत से चीन के हथ्येन आया। उस समय बौद्ध धर्म के अपने उत्थान पर होने के चलते हथ्येन के सभी निवासी इस धर्म पर विश्वास करने लगे और हथ्येन बाहर के अनगिनत भिक्षुओं और विद्वानों का आकर्षण केंद्र बना। आज चीन के भीतरी इलाकों में सुरक्षित चीनी भाषा में अनुदित अनेक महत्वपूर्ण बौद्ध सूत्रों की मूल रचनाएं इसी क्षेत्र में पायी जाती हैं। इतना ही नहीं, इस क्षेत्र की खुदाई में बड़ी तादाद में मिले बौद्ध धर्म के भवनों के खंडहर और बौद्ध धर्म की हजार साल पुरानी सांस्कृतिक कृतियां भी बेहद आश्चर्यजनक हैं। हथ्येन में रहने वाली सुश्री त्वानली ने बड़े गर्व के साथ हथ्येन के पास स्थित प्राचीन शहर निया का परिचय दिया कोई दो हजार दो सौ वर्ष पहले के हान राजवंश काल के ऐतिहासिक ग्रंथ में प्राचीन शहर हथ्येन का उल्लेख मिलता है। पिछली शताब्दी के तीस वाले दशक में एक अंग्रेज ने ताकलामाकन रेगिस्तान के सर्वेक्षण के दौरान निया के खंडहरों का पता लगाया।