2008-07-07 15:16:42

हान जाति की लड़की वांग यैन-ना और वेवुर लड़के के बीच की कहानी

पश्चिमी चीन स्थित सिंच्यांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश में अनेक जातियां रहती हैं । यहां विभिन्न जातियों के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण है और उन में आपसी मैत्री की कई कहानियां प्रचलित हैं ।

हान जाति की लड़की वांग यैन ना सिंच्यांग स्वायत्त प्रदेश की राजधानी उरुमुछी में रहती है, उस ने उरेमइया से ग्रस्त एक वेवुर जाति की लड़के मौरान के लिए अपना एक गुर्दा दान किया । और इसी कारण दोनों के अपरिचित परिवार विश्व में सब से घनिष्ठ परिवार बन गए हैं । क्योंकि लड़के मौरान के शरीर में लड़की वांग यैन ना का गुर्दा जीवित है ।

गत वर्ष एक दिन उरुमुछी शहर की एक दुकान में काम कर रही वांग यैन ना ने अखबार में पढ़ा कि सिंच्यांग के छांग-ची शहर में हाई स्कूल में पढ़ रहा वेवुर जाति का लड़का मौरान उरमइया से ग्रस्त है । स्थिति इतनी गंभीर थी कि वह अस्पताल में डाइलेसिस के सहारे जिंदा था । ऐसा रोगी अपने परिजनों से गुर्दा ले कर ही जीवित रह सकता था। लेकिन चिकित्सा जांच के पश्चात मौरान के मां-बाप से गुर्दा नहीं लिया जा सका । 17 वर्षीय लड़के के पांव मौत की कगार पर लटके हुए थे । रिपोर्ट पढ़कर वांग यैन ना बहुत प्रभावित हुई । वे कुछ उपहार खरीद कर लड़के को देखने के लिए अस्पताल गयी। सामने लेटा था लम्बा,पतला और बहुत कमजोर वेवुर लड़का, अपने भविष्य की चिन्ता में चुपचाप । वांग यैन ना के दिल में सहानुभूति की भावना लहराने लगी । उस ने डॉक्टर से कहा कि वह लड़के को अपना एक गुर्दा दान करना चाहती है । लेकिन डॉक्टर ने एकदम अस्वीकार कर दिया , क्योंकि उन के विचार में वांग यैन ना का फैसला गंभीर नहीं था और वे दोनों भिन्न-भिन्न जाति के थे , उन का गोत्र भी अलग-अलग था । डॉक्टर की बात सुनकर वांग यैन ना ने आस नहीं छोड़ी । उस ने डॉक्टर के सामने बार-बार अपना निर्णय दोहराया । अंत में डॉक्टर ने उस की चिकित्सा जांच की । और यह आश्चर्यजनक बात थी कि वांग यैन ना की स्थिति मौरान के बिल्कुल अनुकूल थी । विभिन्न जातियों के भीतर ऐसा ऑपरेशन कर सकने की दर केवल एक लाखवीं होती है ।

वांग यैन ना के फैसले ने मौरान के परिवार को आशा की नई किरण दी । लड़के के मौत के पंजे से मुक्त होने की आशा फिर पैदा हुई है । मौरान के पिता ऊमैल सुलेमान ने कहा , यह बहुत प्यार-भरी जाति है । ऐसी उच्च भावना वाली लड़की ने मुझे बहुत गहरे प्रभावित किया है । मेरा बेटा फिर सामान्य जीवन बिता सकता है , मैं अवश्य ही वांग यैन ना को अपनी बेटी समझता हूं और इस के बदले में बहुत कुछ करूंगा ।

सिंच्यांग चिकित्सा विश्वविद्यालय के अधीन प्रथम अस्पताल के गुर्दा विभाग के प्रमुख डाक्टर ल्यू चैन ने वांग यैन ना के गुर्दे के लिए उस का ऑपरेशन किया । पर ऑपरेशन करने से पहले उन्हों ने वांग यैन ना के साथ बातचीत की और उसे यह बताया कि गुर्दे का दान करने के लिए माता-पिता की सहमति भी चाहिए । लेकिन जब तक वांग यैन ना के माता-पिता को कुछ भी जानकारी नहीं थी। और साथ ही ऑपरेशन करने के लिए वैधानिक और नैतिक सवालों से भी निपटना था । वांग यैन ना की मां हृदयरोग और उच्च रक्तचाप से ग्रस्त थीं । मा को परेशान न करने के ख्याल से वांग यैन ना ने अपना फैसला पिता जी को बताया । पिता यह खबर सुनकर एकदम उलझन में पड़ गए । पर लम्बी बातचीत करके उन्हों ने अपनी बेटी का समर्थन किया ।

पिता जी वांग स्यू च्यांग ने कहा , लड़की ने मुझे बताया कि ऑपरेशन के लिए सभी तैयारी हो चुकी है । मां-पाप को बताये बिना ऐसा महत्वपूर्ण फैसला लेना ठीक नहीं है । मैं ने उस की आलोचना की । लेकिन बेटी का फैसला महान कार्य है । उस ने दूसरे की जान बचाने के लिए गुर्दा दान किया है ।

इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े। (श्याओयांग)