2008-06-23 13:34:03

ली जाति के वास्तुकार कौ यून ल्यांग और उन का परिवार

 ली जाति चीन में सब से पुरानी जातियों में से एक है । ली जाति की आबादी के कुल 13 लाख लोग चीन के हाईनान द्वीप में रहते हैं, वे लोग इस बड़े द्वीप के विभिन्न क्षेत्रों में बसे हुए हैं । हाई प्रांत के दक्षिण पूर्वी भाग में स्थित पौ-थिंग ली एवं म्याओ जातीय स्वशासन कांऊटी भी ली जातीय लोगों का एक प्रमुख निवास माना जाता है ।

पौ-थिंग ली एवं म्याओ जातीय स्वशासन कांऊटी से हाईनान प्रांत की राजधानी हाईको शहर तक चार घंटे का रास्ता है । पौ-थिंग घना हरा-भरा स्थल है , जिस का वातावरण मनोहर और सुन्दर है । पौ-थिंग कांऊटी के कुल एक लाख 60 हजार लोगों में से आबादी का अधिकांश भाग,लगभग एक लाख लोग ली जाति के हैं । 76 वर्षीय श्री कौ यून ल्यांग का परिवार पीढ़ियों से पौ-थिंग कांऊटी के च्या-मौ टाउनशिप के थूंग-ज़ा गांव में रहता आया है । कौ यून ल्यांग आसपास के क्षेत्रों में मशहूर वास्तुकार हैं । वे ली जाति के परंपरागत छप्पर बनाने में कुशल हैं । ली जाति के इस परंपरागत छप्पर का आकार उलटे जहाज़ जैसा लगता है , इसलिए इस का एक उपनाम है जहाज़ के आकार वाला मकान । लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यह मकान ली जाति के हजारों वर्षों की वास्तुकला का सार तत्व है । क्योंकि इस आकार वाले छप्पर में न सिर्फ कम सामग्री की आवश्यकता होती है , बल्कि यह हाई द्वीप के उष्माभरे मौसम व प्राकृतिक वातावरण के अनुकूल भी है। ली जाति के इस परंपरागत छप्पर के बीच में आम तौर पर तीन बड़े खंभे होते हैं , जिन का नाम है गा-अ , जो पुरूष का प्रतीक है । इन में छह निम्न स्तंभ गा-तिंग भी हैं , जो महिला के प्रतीक हैं । मकान में गा-अ और गा-तिंग खड़े करने का अर्थ है कि परिवार पुरूष और महिला से गठित है । ली जाति के बच्चे बड़े होने के बाद अपने मां-बाप के मकान के पास अपना छप्पर निर्मित करते हैं ।

लेकिन यह सब परंपरा है , आधुनिकीकरण की लहर से ली जाति के जीवन में भी परिवर्तन आया है। कौ यून ल्यांग और उन के परिवार वाले आज छप्पर में नहीं रहते,तीन सौ वर्ग मीटर विशाल एक दो मंज़िला इमारत में स्थानांतरित हो चुके हैं । जब मैं जवान था , तब मैं छप्पर बनाने वाला कुशल कारीगर था । जब लोग ली जाति के परंपरागत छप्पर बनाते थे , मैं उन का मार्गनिर्देशन करता था । मैं सिर्फ ऐसे पुराने छप्पर बनाने में सक्षम था , सीमेंट और लोहा-इस्पात से निर्मित मकान मैं नहीं बना सकता । आज मैं बुजुर्ग हूं , काम नहीं कर सकता । मेरे बेटे ने पैसा कमाकर यह इमारत निर्मित की है । छप्पर की तुलना में इमारत सही है , इस में सोना आरामदेह लगता है , और इमारत रोशनीदार भी है ।

कौ यून ल्यांग के बेटे कौ चिन फंग ने दो लाख य्वान खर्च करके अपने परिवार के लिए यह इमारत निर्मित की है । वर्ष 2000 में कौ चिन फंग कृषि बोवाई तकनीक सीखने के लिए बाहर गया , वापस लौटकर उसने फल बोने का अपना फार्म स्थापित किया । आज उस के फार्म में तीन सौ लूंगन , 180 रामबूटन 200 लीची तथा बहुत से पिनांग के पेड़ उगे हुए हैं । कौ चिन फंग ने कहा कि वे अपने फार्म से एक वर्ष में चालीस हजार य्वान की आय प्राप्त कर सकते हैं ।हम ने अपने फलों के फार्म और अनाज बोने से हुई आय के जरिये यह नयी इमारत बनायी है । हमारे फल , सब्जियां और पिनांग आदि से अच्छी आय हो जाती है ।

कौ चिन फंग का काफी बड़ा परिवार है , जिस में बीसेक सदस्य है । कौ चिन फंग ने अपने तीन बच्चों के अलावा दूसरे छह अनाथों को भी गोद लिया हुआ है । फल फार्म खोलने से पहले कौ चिन फंग सिर्फ खेतीबाड़ी से इतने बड़े परिवार का बोझ उठा रहे थे , और उन की पत्नी चि मेइ ल्यान पशुपालन करके कुछ न कुछ कमा लेती थी । इसी तरह उन्होंने सब से मुश्किल समय भी गुजारा । अब सब बच्चे बड़े हो गये हैं , कौ परिवार का जीवन भी अच्छा बनने लगा है । पहले के कठोर समय की याद करते हुए चि मेइ ल्यान ने कहा , बहू घर में आने से पहले मुझे रोज़ चार बजे उठकर सारे परिवार का खाना बनाना पड़ता था और पशुओं को खाना देना पड़ता था । फिर मुझे खेती में भी काम करना होता था । अब जीवन ठीक हो गया है , घर का कामकाज़ दूसरे कर लेते हैं , मैं घर में पोते-पोतियों के साथ खेलती हूं ।

अनाथों का पालन करने और घर में मा की सेवा करने की असाधारण आपबीती जान कर हाईनान प्रांत सरकार ने सुश्री चि मेइ ल्यान को वर्ष 2007 का नैतिक आदर्श पुरस्कार सौंपा है । ली जाति को गीत गाना पसंद है । वे चा श्रम कर रहे हों या कुछ और यहां तककि अंत्येष्टि की रस्म में भी गाना गाया जाता है । नये साल के अवसर पर बाहर काम करने वाले सभी बच्चे घर वापस आते हैं , वह समय मां-बाप के लिए सब से खुशी का वक्त होता है । हम भी देश के दूसरे क्षेत्रों की हान जाति के लोगों की ही तरह नये साल की खुशियां मनाने के लिए सामान खरीदते हैं और आतिशबाज़ी करते हैं । हमारे जैसे बड़े परिवार में नये साल का त्योहार भव्य तौर पर मनाया जाता है । नये साल के दिन हम भी एक दूसरे के घर जाते हैं , रिश्तेदारों और भाई-बहिनों से मिलते हैं । जब लोग जब इक्कटठे हो जाते हैं , हम उन के लिए खाना तैयार करते हैं ।

पर आधुनिक काल में पुराने रीतिरिवाज़ भी धीरे-धीरे बदल रहे हैं । ली जाति के बहुत से लोग बाहर काम करने के लिए जाने लगे हैं । कौ यून ल्यांग के दो बच्चे भी बाहर काम करने गये हैं । च्या-मिआओ टाउनशिप के एक अफसर , ली जाति के श्री लीन श्वेइ काई ने कहा कि स्थानीय सरकार लोगों को बाहर काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है और इस के लिए विशेष खर्च भी देती है , ताकि अपने श्रमिकों को प्रशिक्षित किया जा सके ।हमारे यहां के लोग आम तौर पर क्वांगतुंग प्रांत में काम करने जाते हैं । क्योंकि खेतीबाड़ी समाप्त करने के बाद लोगों को अवकाश का समय रहता है । इसलिए वे बाहर जाकर दूसरों को या कृषि तकनीक सिखाते हैं , या दूसरों के यहां से मछुआगिरी सीखते हैं । स्थानीय सरकार श्रमिकों के कामकाज़ और प्रशिक्षण को महत्व देती है और इस के लिए विशेष खर्च भी सुरक्षित रखा हुआ है ।