शिनच्यांग में चीन की सब से बड़ी रेतीली भूमि----टाकलामा रेतीली भूमि है। रेतीली भूमि के पूर्वी भाग में रोबूपो नामक एक घाटी है। रोबूपो चीन की दूसरी बड़ी नदी थी, जिस का कोई 20 लाख वर्षों का लम्बा इतिहास रहा है। इतिहास में रोबूपो का सब से बड़ा क्षेत्रफल 5300वर्ग किलोमीटर से भी अधिक था, लेकिन, मौसम परिवर्तन के कारण पिछली शताब्दी के 30 के दशक में उस का क्षेत्रफल केवल लगभग 1900 वर्ग किलोमीटर ही बचा है। वर्ष 1972 में इस नदी का अंतिम पानी भी लुप्त हो गया और रोबूपो नदी सूख गयी।
अनेक वर्षों तक चीनी लोगों को यह नहीं पता था कि रोबूपो कितना बड़ा है, और किसी ने भी इस का सर्वेक्षण व जांच नहीं की थी।
वर्ष 2007 के दिसम्बर माह में शिनच्यांग की दूसरी सर्वेक्षण संस्था के 12 सदस्यों से गठित सर्वेक्षण दल ने प्रथम बार सुखांद व रहस्यमय रोबूपो घाटी में प्रवेश किया। वे लोग पश्चिमी चीन के रोबीपो घाटी के सर्वेक्षण व जांच को पूरा करना चाहते थे और चीन के नक्शे में रोबूपो के खालीपन को भरना चाहते थे।
रोबूपो शिनच्यांग वेवुर स्वायत प्रदेश की बायीनक्वोलंग मंगोलियाई जाति स्वायत प्रिफेक्चर की रोंगछ्यांग काऊंटी के पूर्व में स्थित है। पूर्व से पश्चिम तक इस की लम्बाई 106 किलोमीटर और उत्तर से दक्षिण तक लगभग 186 किलोमीटर है। इस का क्षेत्रफल लगभग 1.98 वर्ग किलोमीटर है। चूंकि यहां रेतीली भूमि है, इसलिए, यहां की भौगोलिक स्थिति जटिल है और खतरनाक भी।
वर्ष 2007 की 10 दिसम्बर की सुबह, शिनच्यांग वेवुर स्वायत प्रदेश की दूसरी सर्वेक्षण संस्था के प्रधान श्री तंग शिन एन के नेतृत्व में सर्वेक्षण दल के 12 सदस्य उरूमुछी शहर से प्रस्थान कर हामी शहर, द्वनह्वांग शहर और अक्सेई काऊंटी से गुज़र कर लगभग चार दिनों की यात्रा के बाद अंततः खुमू सू के पास पहुंचे।
चार दिनों की यात्रा में सदस्यों ने अनेक मुसीबतों को दूर करने की कोशिश की। शिनच्यांग की दूसरी सर्वेक्षण संस्था के प्रधान श्री तंग शिन एन ने खुद इस सर्वेक्षण कार्य में भाग लिया और सदस्यों के साथ खाया और उन के साथ ही रहे। वर्तमान रोबूपो यात्रा की याद करते हुए उन्होंने कहा, यात्रा करते समय हमें अनेक मुसीबतों का सामना करना पड़ा था। रास्ता बहुत कठिन था। लक्ष्य तक पहुंचने से लगभग 100 किलोमीटर पहले रास्ता लुप्त हो गया। हम रास्ता समतल करते हुए आगे बढ़ते रहे। पहले दिन, हम ने सात घंटों में केवल तीन किलोमीटर का रास्ता ही तय किया। रात को हमें बाहर रेतीली जमीन पर सोना पड़ता था । रात का तापमान बहुत कम था,शून्य से भी कम। हम चार गाड़ियों में सोते थे। सर्दी की वजह से अनेक लोग हर एक घंटे में जाग जाते थे। दूसरे दिन, पूरे आठ घंटों की यात्रा के बाद हम अपने पड़ाव पर पहुंचे। वास्तव में इन आठ घंटों में हम ने केवल पांच किलोमीटर दूरी ही तय की।
वर्तमान रोबूपो यात्रा ने प्रधान तंग शिन एन पर गहरी छाप छोड़ी है। यात्रा करते समय उन्होंने हर रोज डायरी लिखी है। उन्होंने कहा कि यह न केवल बाद के काम के लिए लाभदायक है, बल्कि वर्तमान गतिविधि की हमेशा याद के लिए रखी जा सकेगी।
इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े। (श्याओयांग)