2008-05-20 15:09:37

चीन के सिंच्यांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश में रह रहे रसिया जातीय संगीत रचियता श्री चांग चिनफू की कहानी

वर्ष 1996 की जुलाई में चांग चिनफू ने अपनी कंपनी दूसरे को बेचकर सिंच्यांग स्वायत्त प्रदेश के छांग-ची जातीय नृत्य मंडल में संगीतकार का काम शुरू कर दिया । चांग चिनफू अपने रसिया मूल को मूल्यवान समझते हैं । उन की हमेशा से यह उम्मीद रही है कि वे गीत या संगीत के जरिये अपनी दादी के चीन आकर , चीनी जनता के साथ मिलने की कहानी सुनाएंगे । वर्ष 2007 में एक दिन चांग चिनफू के दिल में अचानक प्रेरणा जागी , उन्हों ने एक श्वास में गीत हमेशा की याद लिख दिया ।

मेरे गीत हमेशा की याद ऐसा हैः मैं भूल गयी हूं कि मैं कब आयी , पर मैं ने सुखमय और सुन्दर स्वप्न तुम्हें सौंप दिया है। अपनी माता जी और अपनी जन्मभूमि छोड़कर मैं चीन में आयी ……। मेरी दादी जी और उन की अनेक रूसी बहनों ने चीनी पति से शादी करने के लिए जन्मभूमि को बिदाई दी है । जब वे चीन आयीं , तब उन के लिए सब कुछ अपरिचित था । सिर्फ प्यार की ईमानदारी के भरोसे ही वे यहां आयी थीं । मैं ने दादी जी की अंत्येष्टि में भाग लिया , मैं ने उन का चेहरा देखा , तो मुझे महसूस हुआ कि वह कितना शांत है । यह मां की महान कहानी है , मुझे सारी दुनिया को यह कहानी सुनानी चाहिए ।

गीत लिखने के बाद चांग चिनफू के दिमाग में फिर गीत हमेशा की याद को सिनेमा या टीवी ओपेरा बनाने का विचार उत्पन्न हुआ , क्योंकि सिनेमा और टीवी ओपेरा गीत की तुलना में और अधिक प्रभावशाली हैं । इस कल्पना को साकार करने के लिए चांग चिनफू ने धनराशि एकत्र कर जगह-जगह से बहुत सी कहानियों का संग्रह किया । चार सालों के अथक प्रयासों के बाद उन्हों ने कई लाख अक्षरों की नाट्य पुस्तिका समाप्त की । चांग चिनफू की मेहनत उस समय सभी लोगों की समझ में नहीं आयी। चांग चिनफू की पत्नी उन से बिदा हो गई ।

चांग चिनफू ने कहा कि मुझे समझने वाले भी बहुत हैं । अधिकाधिक लोगों ने मेरा साथ दिया है । उन से मुझे विश्वास , पसंद और प्यार मिला है । मेरा व्यक्तिगत जीवन भी आगे बढ़ेगा , पर जल्दी से मैं शादी नहीं करूंगा , कठिन समय बीतने के बाद मैं भविष्य को नहीं छोड़ूंगा ।

चांग चिनफू ने अपने स्वप्न साकार करने की कल्पना की है । कुछ समय पूर्व उन्हों ने एक नयी योजना , यानि चीनियों से शादी करने वाली उन रूसी महिलाओं को अपनी जन्मभूमि देखने के लिए मदद देने की योजना पूरी करने के लिए प्रयास करना शुरू किया है । क्योंकि यह उन रूसी महिलाओं की जिन्दगी की अंतिम उम्मीद है ।

उन्हों ने कहा, मां को अपनी जन्मभूमि दिखाना चीनियों की मातृ-भक्ति की परंपरा के अनुकूल है । मैं इसी लक्ष्य के लिए काम कर रहा हूं । इस काम को समाज के विभिन्न जगतों से प्रशंसा मिली है । मुझे विश्वास है कि रूस भी इन का जोशपूर्ण स्वागत करेगा । उन की कहानियों के पीछे सांस्कृतिक और मानवीय नैतिकता मौजूद है । इस के आधार पर गीत या सिनेमा लिखा जाना हमारे सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण के लिए भी लाभदायक है । क्योंकि सुखमय भावना की तलाश करना मानव की समान अभिलाषा है । मां की भावना भी मानव की समान मानसिक संपत्ति है ।

कुछ समय पूर्व सिंच्यांग स्वायत्त प्रदेश की राजधानी उरुमूछी शहर में रह रहे एक रसिया जातीय परिवार में चांग चिनफू और दसेक रूसी बुजुर्ग महिलाओं की एक बैठक हुई । रसिया जाति की महिलाओं ने गीत सुनते समय अपनी सुन्दर प्यार कहानियों और मातृभूमि का सिंहावलोकन किया ।

चांग चिनफू के कार्यों को समाज की व्यापक प्रशंसा मिली है । जाने-माने संगीत टिप्पणीकार श्री चिन चाओ च्वन ने भी चांग चिनफू की रचना का उच्च मूल्यांकन किया है। उन्हों ने कहा , चांग चिनफू के गीत सुनने में अच्छे हैं । क्योंकि उन्हें समृद्ध संगीत संसाधन प्राप्त हुए हैं । उन की सफलता से यह साबित है कि संगीतकारों को जीवन से ही कलात्मक पौषण और रस सोखना चाहिये । नहीं तो सफलता का रास्ता प्रशस्त नहीं होगा । (श्याओयांग)