लंबे इतिहास और प्राचीन संस्कृति ने ई शिंग में बेशुमार ऐतिहासिक व सांस्कृतिक अवशेष छोड़े। वहां ईसा की पहली शताब्दी के तीन राज्यकाल में निर्मित क्वो शान शिलालेख, सातवीं शताब्दी के थांग राजवंश काल की चीनी मिट्टी बर्तन बनाने वाली कू लुंग भट्टी और उत्तरी सुंग राजवंश काल के मशहूर लेखक सू तुंग पो की स्मृति में निर्मित तुंग पो पुस्तकालय आदि दर्शनीय हैं। आज से कोई पांच हजार वर्ष पहले नव पाषाण युग काल में ही इस शहर के निवासियों ने चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने की तकनीक आविष्कृत कर ली थी। बाद में ई शिंग के चीनी मिट्टी के बर्तन चीन में बहुत लोकप्रिय हुए। इन में बैगनी रंग वाले चीनी मिट्टी के बर्तन सब से मशहूर रहे, क्यों कि इन बर्तनों को बनाने की कला सूक्ष्म ही नहीं थी, उन की क्वालिटी भी बहुत बढ़िया थे और आकार-प्रकार भी बहुत सुंदर।
ई शिंग छोटा तो है , पर इस का नाम इसके अनोखे प्राकृतिक दृश्यों व असाधारण मानवीय व सांस्कृतिक संपदाओं से है। इसके हरे-भरे पर्तव, साफ पानी और अनोखी गुफाएं देश-विदेश में विख्यात हैं।