2008-04-15 14:57:50

शिनच्यांग की वास्तु कला के रक्षक वांग श्याओतुंग

वांग श्याओतुंग के डिजाईन यथार्थ में कदम ब कदम परिपक्व होने लगे हैं। कुछ होटलों के डिजाईनों में उन्होंने क्षेत्रीय विशेषता और जाति, धर्म व इमारतों के बीच संबंधों पर जोर दिया है, जबकि क्वेईद्वन मींगचू इमारत के डिजाईन में उन्होंने खासकर पश्चिमी क्षेत्र की इमारतों की विशेषता दिखायी है। पेइचिंग की चीनी राष्ट्र के जातीय उद्यान के शिनच्यांग पार्क के डिजाईन में उन्होंने जातीय कला और आधुनिक कला को जोड़ा है । श्री वांग श्याओतुंग के अनुसार,

1981 में अकहैन अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी शिनच्यांग में आयोजित हुई। उस वक्त, देश विदेश के एक सौ से ज्यादा वास्तु कला के विशेषज्ञों और कलाकारों ने शिनच्यांग में इकट्ठे होकर संगोष्ठी में भाग लिया। विशेषज्ञों से संपर्क करने के बाद मुझे भारी प्रोत्साहन मिला। मैंने भविष्य के बीस वर्षों तक शिनच्यांग में काम करने का अपना लक्ष्य तय किया।

वर्ष 1999 में श्री वांग श्याओतुंग शिनच्यांग वास्तु डिजाइन अनुसंधान अकादमी से रिटायर हुए।उन्होंने डिजाईन बनाना जारी रखा। रिटायर होने के बाद अब तक, उन्होंने 10 से ज्यादा वास्तु परियोजनाओं के डिजाईन बनाए हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने डिजाईनों में अपनी सृजना के विचार प्रकट करते हैं। उन के अनुसार,उरूमुछी के सभी निवासी यह जानते हैं कि चाहे हुंगशैन व्यायामशाला हो या शिनच्यांग संग्रहालय, सभी शिनच्यांग के लम्बे इतिहास को प्रतिबिंबित करते हैं, यहां हम बहुपक्षीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान की विशेषता महसूस कर सकते हैं।

हर बार वास्तु कला की रचना की चर्चा करते हुए, श्री वांग श्याओतुंग के मन में अनगिनित भाव उत्पन्न होते हैं। लेकिन, श्री वांग श्याओतुंग के लिए सब से गौरव का डिजाईन शिनच्यांग का अंतरराष्ट्रीय दरवाज़ा है। उन का कहना है,शिनच्यांग अंतरराष्ट्रीय दरवाजा अदाओछ्याओ में स्थित है, जहां जातीय विशेषता वाली सड़क है। इसलिए, अंतरराष्ट्रीय दरवाजे की गहरी जातीय व क्षेत्रीय विशेषता है, साथ ही वह रोजगार को विस्तृत करने और शहरों की छवि एवं निवासियों की गुणवत्ता को सुधारने का कर्त्तव्य भी निभाता है। मैंने इसी मकसद से अंतरराष्ट्रीय दरवाजे का डिजाईन बनाया।

दरवाजे में व्यापार करने वाले व्यापारियों का मानना है कि इस गहरी क्षेत्रीय सांस्कृतिक विशेषता वाली जगह पर व्यापार करना खुशी की बात है। व्यापारी एजगुली ने कहा,अंतरराष्ट्रीय दरवाजे की इमारत की जातीय विशेषता है, जो शिनच्यांग की अल्पसंख्यक जातीय लोगों के जीवन से मिलती-जुलती है। अंतरराष्ट्रीय दरवाजा बहुत प्रसिद्ध है और सुन्दर भी, इसलिए, देश-विदेश के पर्यटक सब यहां आना पसंद करते हैं और यहां के व्यापारी भी अच्छे हैं।

अब श्री वांग श्याओतुंग वैश्विक व क्षेत्रीय संबंधों पर बड़ा ध्यान दे रहे हैं। उन के अनुसार, वैश्विक संबंध आज हमारी जातीय व क्षेत्रीय संस्कृति को बरकरार रखने के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। यही कारण है कि पिछले बीस वर्षों में मेरा संकल्प कभी नहीं हिला है। हमारे वास्तु जगत में विभिन्न विचारधाराएं मौजूद हैं। मैंने शिनच्यांग में काम करने और रहने का संकल्प लिया है। मैंने शिनच्यांग से हटने की बात कभी नहीं सोची है। शिनच्यांग मेरा दूसरा जन्मस्थान है।(श्याओयांग)