2008-03-11 10:33:48

चीन और कजाखस्तान गणराज्य के बीच संगीत का मैत्री दूत

कजाखस्तान में अपने पढ़ाई जीवन की चर्चा में उन्हों ने कहाः मैं वर्ष 2004 में कजाखस्तान गणराज्य के राष्ट्रीय संगीत प्रतिष्ठान में संगीत रचने का विषय सीखने आया हूं । प्रतिष्ठान के अध्यापक बहुत प्रतिभाशाली हैं , वे पढ़ाने और संगीत रचने के अलावा अकसर वादन कार्यक्रम में भी भाग लेते हैं । चीन में संगीत शिक्षक ज्यादा पूर्व की संगीत कला के बारे में पढ़ाते हैं और संगीत सृजन के कौशल पर जोर देते हैं । कजाखस्तान में अध्यापक कजाख जाति के हैं , उन से मैं मेरी अपनी जाति के संगीत के बारे में ज्यादा सीख सकता हूं । मौजूदा सिन्चांग के दौरे के लिए मैं ने विशेष कर कला का मार्ग नामक संगीत रचित किया , कजाखस्तान में मेरे इस संगीत का काफी स्वागत किया गया । मैं आशा करता हूं कि मेरे कला जीवन का रास्ता प्रशस्त होगा ।

मौजूदा संगीत कार्यक्रम की प्रस्तुति में कजाखस्तान गणराज्य के राष्ट्रीय संगीत प्रतिष्ठान के कुल 60 से अधिक अध्यापकों और छात्रों ने हिस्सा लिया । चीन के सिन्चांग में अपनी कला प्रस्तुति को बेहतर करने के लिए उन्हों ने बहुत पहले ही तैयारी की है , खास कर संगीत प्रतिष्ठान के उन छात्रों , जो इस से पहले कभी चीन नहीं आए थे , ने बड़ी व्यस्तता के साथ रिहर्सल किया । उन की उम्मीद है कि चीन में उन का कार्यक्रम लोकप्रिय होगा । जातीय वाद्य मंडली की महिला तबला वादक सुश्री सबिरा .बिबातुर्वा ने कभी नहीं सोचा था कि सिन्चांग के विभिन्न जातियों के दर्शकों ने उसे इतना बड़ा प्रोत्साहन दिया । इस पर चर्चा करते हुए सुश्री सबिरा . बिबातुर्वा ने कहाः कजाखस्तान से रवाना होने से पहले हमें चिंता थी कि कहीं चीनी दर्शक हमारी वाद्य प्रस्तुति का स्वागत तो नहीं करें और हमारी कजाख संगीत को पसंद तो नहीं करें । किन्तु सिन्चांग आने के बाद हम ने पाया कि चीनी लोग अपने परिजनों की भांति हमारा हार्दिक स्वागत करते हैं और बड़े चाव व लगन से हमारा कार्यक्रम देखते हैं और हमें समर्थन व प्रेरणा देने के लिए खूब तालियां बजाते हैं , जिस से हम बहुत प्रभावित हुए और बहुत आनंदित हो गए हैं ।

कजाखस्तान के राष्ट्रीय संगीत प्रतिष्ठान की जातीय वाद्य मंडली द्वारा प्रस्तुत शानदार कार्यक्रमों ने चीनी दर्शकों का मन मोह किया , वाद्य मंडली की गायिका ने चीनी भाषा में चांद मेरा दिल है नामक चीनी गीत गाया , जिसे वाहवाही देने के लिए पूरा थिएटर जोशीली तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा । सिन्चांग कला कालेज के छात्र श्यांग शो हु ने इस पर कहाः आज , हम ने अपने कालेज की थिएटर में कजाखस्तान गणराज्य की अलग किस्म का जातीय वादन कार्यक्रम का आनंद उठाया , हम बहुत मनमोहित हो गए । इस संगीत कार्यक्रम से हमें मालूम हुआ है कि कजाखस्तान एक जोश उल्लास से भरा देश है । हालांकि उन के गीतों के बोल हमारी समझ में नहीं आये , किन्तु संगीत की सीमा नहीं होती है , उन के संगीतों से हमें उन की उत्तम राष्ट्रीय भावना का एहसास हुआ है । हमें उम्मीद है कि वे अकसर चीन और सिन्चांग आएंगे और हमें रंगबिरंगे संगीत कार्यक्रम ले आएंगे । कजाखस्तान गणराज्य के राष्ट्रीय संगीत प्रतिष्ठान की जातीय वाद्य मंडली की कला प्रस्तुति ने चीनी शिक्षकों और छात्रों पर गहरी छाप छोड़ी है , वाद्य मंडली की सिन्चांग यात्रा ने दोनों देशों के बीच मैत्री का सेतु खड़ा किया । बेशक संगीत के माध्यम से दोनों देशों की जनता की मित्रता लगातार आगे विकसित हो जाएगी ।

कजाखस्तान की जातीय वाद्य मंडली के सिन्चांग दौरे पर आलेख यहीं तक . कार्यक्रम सुनने के लिए आप को धन्यावाद। (श्याओयांग)