2008-03-04 10:05:09

टैक्सी ड्राइवर फह श्योलुंग की कहानी

वर्ष 2005 में रक्त कैंसर से पीड़ित छोटी लड़की वांग शान को बचाने के लिए श्री फह श्योलुंग ने ऊरूमुची यातायात रेडियो स्टेशन के साथ सहयोग कर चंदा चुटाने की कार्यवाही चलायी , दो दिन में दो लाख य्वान इकट्ठे किए गए । बहुत से लोग श्री फङ श्यो लुंग की निस्वार्थ भावना और दूसरों को मदद देने के उत्साह से द्रवित हो गए । सुश्री वांग शान की मां सु शाओली उन की तहेदिल से आभारी है । किन्तु दुर्भाग्य की बात है कि इस साल श्री फङ श्योलुंग के शरीर में भी असाध्य कैंसर की बीमारी का पता लगाया गया । यह खबर पा कर श्रीमती सु शाओ ली तुरंत अस्पताल जा पहुंची , अपने कृपार्थ व्यक्ति को पलंग पर क्षीण पड़े देख कर उस की आंखों में अनायास आंसू बह आयी । इस की चर्चा में सु शाओलि ने कहाः मेरे दिल में असह्य दुख और गम भर आया । मेरी आंखों के सामने पहले के स्वस्थ भैया फङ अब बहुत दुबले पतले हो गए , उन की आंखें भी सूज पड़ी । बाद में भैया फङ की पत्नी ने मुझे बताया कि फङ शओ लुंग ने परसों दिन भर रोए थे । उन की पत्नी भी सेहतमंद नहीं है । भैया फङ ने मेरी मदद की थी , अब मुझे उन की मदद करना चाहिए । मेरी कामना है कि दयालु लोग हमेशा सेहतमंद रहें । सुश्री वांग शान , जिस की मदद श्री फङ श्यो लुंग ने की थी , भी अपने इस दयालु चाचा को कभी नहीं भूल सकती । उस ने दुआ किया कि चाचा फङ श्योलुंग शीघ्र ही चंगे हो जाएं और पहले की भांति स्वस्थ और ओजस्वी हों ।

श्री फङ शाओ लुंग को गंभीर बीमारी लगने की खबर तुरंत जगह जगह फैल गयी और समाज के विभिन्न तबकों का ध्यान उन पर केन्द्रित हो गया । टैक्सी ड्राइवर चाओ भी अपनी छोटी बेटी द्वारा जुटाए सिक्के लाए और चंदा पेटी में डाले । अनेकों टैक्सी ड्राइवरों ने स्वेच्छे से अस्पताल में आ कर उन की देखभाल करने का काम संभाला । टैक्सी ड्राइवर श्री वु वीफिंग ने कहाः श्री फङ श्यो लुंग ने ढेर सारे परोपकारी काम किए हैं , हमारी वाहन कंपनी के किसी भी सदस्य को और उन की गाड़ी में कोई भी समस्या आयी , तो श्री फङ जरूर मदद देने के लिए आ पहुंचते हैं और इस में बहुत ज्यादा समय भी लगता है । जब कोई वृद्ध लोग उन की टैक्सी लेने आए , तो वे उन से किराया भी नहीं लेते हैं । खास कर हर साल के उच्च शिक्षा के लिए दाखिला परीक्षा के दिनों में वे तीन दिन तक परीक्षार्थियों को मुफ्त टैक्सी की सेवा प्रदान करते हैं । उन के पैसे दूसरों पर खर्च किए गए है, अपने पर बहुत मित खर्च करते हैं और रोज सस्ता रूडल खाते है , बढ़िया से बढिया खाना के लिए भी सिर्फ छै य्वान का रूडल लेते हैं। लेकिन वे हर समय अनाथशाला और वृद्ध सदन में मदद और सहायता देने जाते हैं । वे हमारे अच्छे भाई हैं।

श्री फङ श्यो लुंग को मदद देने के लिए ऊरूमुची शहर के विभिन्न तबकों के लोग स्वेच्छे से अस्पताल जा कर चंदा देते हैं और दुआ करते हैं । हमारी कामना है कि श्री फङ जल्दी ही स्वस्थ हों , वे अपनी अद्मय भावना से बीमारी पर विजय पाएंगे ।

हमारी कामना है कि श्री फङ शीघ्र ही हमारी कंपनी में वापस आएं , वे रोज खुशी खुशी से रह रहें ।

चाचा फङ , हमारी कामना है कि आप तुरंत ही स्वस्थ रहें , हमारी आशा है कि ज्यादा से ज्यादा चाचा चाची आप का समर्थन करने आएंगे।

जब लोगों की हार्दिक कामना सहित चंदा स्वरूपी पैसा श्री फङ शाओ लुंग के हाथ थमाए गए , तो भारी बीमारी से पीड़ित फङ शाओ लुंग की आंखों में आंसू की अटुट धारा बह गयी । जबकि बीमारी की सह्य पीड़ा होने पर भी उन की आंखों से आंसू की एक बुंद भी नहीं निकली थी । उन्हों ने भाव विभोर हो कर कहाः धन्यावाद , बहुत बहुत धन्यावाद । मेरा दिल इतना पिघल हुआ है कि मैं कुछ नहीं बोल पाता हूं । मुझे असाधारण प्रेरणा मिली है , मैं ने समाज के लिए केवल थोड़े बहुत काम किए थे , लेकिन अब मुझे इतना बड़ा एहसान वापस मिला है ।

यह कहानी सुनने के बाद मुझे विश्वास है कि आप भी अवश्य प्रभावित हुए होंगे । यह सचमुच एक मर्मस्पर्शी कहानी है । दूसरों को मदद देने का जवाब हमेशा हितकारी होगा । (श्याओयांग)