2008-03-03 10:28:10

निस्वार्थ टैक्सी ड्राइवर को सहायता देने की मर्मस्पर्शी कहानी

चीन की अल्पसंख्यक जाति कार्यक्रम सुनने के लिए आप का हार्दिक स्वागत । सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश के ऊरूमुची शहर की पाईह्वा वाहन कंपनी के सदस्य श्री फङ श्योलुंग एक साधारण टैक्सी ड्राइवर है । लेकिन इस साल , अपनी 42 साल की उम्र में उन्हें असाध्य बीमारी लगी , जब वे अस्पताल में लेटे गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं , तो उन के इलाज में मदद देने के लिए सिन्चांग के ऊरूमुची शहर के बहुत से आम नागरिकों ने चंदे के रूप में दो लाख 40 हजार य्वान की धन राशि जुटाई । एक टैक्सी ड्राइवर को निस्वार्थ सहायता देने की इस मर्मस्पर्शी कहानी से सभी लोग बहुत प्रभावित हुए ।

12 नवम्बर 2007 को गंभीर बीमारी से पीड़ित टैक्सी ड्राइवर फङ श्योलुंग को देखने के लिए हम सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश के जन अस्पताल आए । श्री फङ श्योलुंग अस्पताल के वार्ड के पलंग पर लेटे हैं , जो देखने में बहुत कमजोर दिख रहे हैं । उन की पत्नी उन के पलंग के पास मौन बैठी हुई । जब कोई व्यक्ति श्री फङ श्योलुंग से मिलने आया , तो उन्हों ने जरूर आंखें खोल कर मुस्कराते हुए उस के साथ हाथ मिलाने की कोशिश की और धन्वायाद प्रकट किया ।

श्री फङ श्यो लुंग के मां बाप दोनों सैनिक थे , श्री फङ श्योलुंग की बालावस्था सैनिक रिहाइशी बस्ती में गुजरी थी , उन का स्वाभाव सैनिकों की न्यायप्रिय और बहादुर भावना से गहन रूप से प्रभावित हुआ है । इस की चर्चा में उन्हों ने हमें बतायाः सेना एक बहुत श्रेष्ठ परिवार जैसा है , इस में हर कोई दूसरे की मदद करने का इच्छुक है और तनमन से अपना काम पूरा करता है । मैं सेना के इस प्रकार के माहौल में पला बढ़ा हूं और सैनिकों की श्रेष्ठ गुणवत्ता से दीक्षित हुआ हूं । वर्तमान काल का समाज बहुत खुशहाल और सुन्दर है । हमें सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण के लिए अपना योगदान करना चाहिए , खास कर युवा लोगों को समाज के लिए हितकारी काम करना चाहिए ।

टैक्सी चलाने का काम करने के दौरान श्री फङ श्यो लुंग कभी दूसरों को मदद देना नहीं भूलते । वर्ष 1998 में एक दिन एक बदमाश चाकु दिखा कर ऊरूमुची की महिला नागरिक सुश्री छन का बैग जबरन हथिया लिया , यह देख कर श्री फङ श्यो लुंग ने बड़ी बहादुरी के साथ चाकु धारी बदमाश से लोहा लिया और सुश्री छन को बैग वापस छीनने में मदद दी । वर्ष 2001 में श्री फङ श्यो लुंग ने मादक द्रव का इंजेक्शन करने वाले एक युवक को पुलिस थाना में पहुंचाने में मदद दी । वर्ष 2005 में उन्हों ने अकेले दो चाकु धारी बदमाशों के खिलाफ बहादुरी के साथ संघर्ष किया और बदमाशों द्वारा हथियायी गयी चीजों को उस के मालिक को लौटाया । लेकिन किसी को भी पता नहीं चला था कि जब वे दूसरों को निस्वार्थ मदद दे रहे हैं , तो उन की पत्नी चाओ फिंग कैंसर की बीमारी से ग्रस्त हो गयी है । इस की याद करते हुए श्रीमती चाओ फिंग ने कहाः बीमारी का निदान किये जाने के बाद ही मेरा आपरेशन कराया गया । लेकिन मैं ने अपनी इस बीमारी की असलियत उन्हें नहीं बतायी , मुझे डर थी कि वे टैक्सी ड्राइवर हैं , उन का यह काम बहुत भारी है , उन्हें अपनी बीमारी की असलियत बताने से कहीं उन पर दबाव बढ तो न जाए और टैक्सी चलाने के रास्ते में यातायात दुर्घटना पैदा न हो जाए । आधा महीने का समय बीतने के बाद मैं ने उचित मौका पाकर उन्हें अपनी बीमारी बतायी थी ।

पत्नी की बीमारी का इलाज करवाने के लिए श्री फङ श्यो लुंग ने तीस हजार य्वान का कर्ज उठाया । वे समाज में बहुत मशहूर हैं , लेकिन उन्हों ने अपनी प्रतिष्ठा का इस्तेमाल कर पत्नी के इलाज के लिए धन राशि जुगाड़ने की कोशिश नहीं की , उन्हों ने दूसरों द्वारा चंदा देने की पेशकश को भी स्वीकार नहीं लिया । वे कहते थे कि वे टैक्सी चलाते हैं और उन्हें अपने परिवार का जीविका चलाने का सामर्थ्य है ।

इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े।

(श्याओयांग)