2008-02-25 09:17:51

सिन्चांग का शीतकालीन तैराकी प्रेमी सुश्री चांग लिंग

चीन की अल्पसंख्यक जाति कार्यक्रम सुनने के लिए आप का हार्दिक स्वागत । सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश की शीतकालीन मौसम बहुत ठंडा होता है , लेकिन बर्फ से ढकी विशाल भूमि बहुत सुन्दर औह मनोहर भी होती है । सिन्चांग में विभिन्न जगह खड़े बर्फीले पहाड़ों की ढलानें और विश्वविख्यात थ्येन शान पर्वत पर फैली थ्येन छी झील सर्दियों के मौसम में मोटी मोटी बर्फीली परतों से आच्छादित हैं , जिन पर स्केटिंग और स्किंग और शीतकालीन तैराकी का खेल बहुत लोकप्रिय है । चीन की अल्पसंख्यक जाति कार्यक्रम के अन्तर्गत सिन्चांग का दौरा कड़ी में हम आप को सिन्चांग की शीतकालीन तैराकी प्रेमी सुश्री चांग लिंग की कहानी सुनाएंगे ।

सिन्चांग में सर्दियों का मौसम अत्यन्त बड़ा ठंडा है और बर्फ प्रचुर मात्रा में मिलती है । मोटी मोटी बर्फ परतों पर स्किंग और स्केटिंग तथा मोटी बर्फ से ढकी नदियों और झीलों में शीतकालीन तैराकी का खेल स्थानीय लोगों में बहुत लोकप्रिय होता है। बहुत से लोग बालावस्था में ही इन खेलों के शौकीन हो गए हैं। 50 वर्षीय सुश्री चांग लिंग शीतकालीन तैराकी के प्रेमी है , जब वे बच्ची भी थी , तो सर्दियों के मौसम में तैरने का शौक पैदा हुआ । बालावस्था में उन के मांबाप के कारखाने में एक स्वीमिंग पुल था , इस का सुश्री चांग लिंग ने बड़ा लाभ उठाया और अकसर तैरने जाती थी । आगे वे अपनी संस्था के पेशेवर तैराकी ट्रेनिंग दल की सदस्य बनी और वहां उन्हें पेशेवर तैराकी कोच का निर्देशन प्राप्त हुआ । इस की चर्चा करते हुए सुश्री चांग लिंग ने कहाः बालावस्था में मेरे मां बाप के कारखाने में एक स्वीमिंग पुल था , उस जमाने में बाल बच्चों के लिए पसंदीदा खेल कम थे , सो मैं रोज कारखाने के स्वीमिंग पुल में तैराकी सीखने जाती थी । उस समय कारखानों और सरकारी संस्थाओं में खेल प्रतियोगिता आयोजित हुआ करती थी , तो मैं भी उस में भाग लेने लगी । प्रतियोगिता जीत लेने के उद्देश्य में मैं ट्रेनिंग पर ज्यादा ध्यान देती रहती है और शीतकाल में ठंडे पानी में तैरने के शौकीन हो गयी ।

बालावस्था में पेशेवर और कड़े नियम से ट्रेनिंग लेने के परिणामस्वरूप सुश्री चांग लिंग के लिए तैराकी की अच्छी नींव डाली गयी । वे विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में पुरस्कार जीतने लगी । वर्ष 1977 में उन्हों ने ऊरूमुची शहर के प्रतिनिधि के रूप में सिन्चांग किशोर तैराकी प्रतियोगिता में भाग लिया और महिला सौ मीटर और दो सौ मीटर ब्रीस्ट स्ट्राक के प्रथम स्थान जीते और सिन्चांग के उस समय के इन दोनों इवेंटों के रिकार्डों को भी तोड़ा । इस सफलता पर सुश्री चांग लिंग को बड़ी खुशी हुई ।

लेकिन पढाई और नौकरी की समस्या सामने आने के कारण एक अवधि में सुश्री चांग लिंग को अपनी इस शौक को छोड़ देना पड़ा । 1991 में सिन्चांग के उरूमुची शहर के प्रोक्युटरेट में नौकरी मिलने के बाद सुश्री चांग लिंग को फिर तैराकी करने का मौका मिला और वह सिन्चांग शीतकालीन तैराकी संघ की सदस्या बन गयी ।

एक अवधि की ट्रेनिंग लेने के बाद सुश्री चांग लिंग को सर्दियों के बहुत नीचे तापमान में पानी में तैरने का खेल बहुत पसंद हुआ और कड़ाके के ठंड का सामना करने का शौक आया । तैराकी के पुराने श्रेष्ठ अनुभवों और तकनीकी आधार के चलते चांग लिंग का शीतकालीन तैराकी का स्तर तेजी से उन्नत हो गया । वर्ष 1997 में सिन्चांग टीम के सदस्य के रूप में वह हांगकांग में आयोजित शीतकालीन तैराकी चैम्पियनशिप में भाग लेने गयी । देश के विभिन्न स्थानों से आए पांच सौ से ज्यादा खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता में शक्ति का आजमइश किया । प्रतियोगिता समुद्र में हुई , यह सुश्री चांग लिंग के लिए एक बड़ी चुनौती थी , क्यों कि वह सिन्चांग में पली बढ़ी है , इस से पहले कभी समुद्र में नहीं तैरी थी , फिर भी उन्हों ने साहस और श्रेष्ठ तैराकी कौशल के बल पर व्यक्तिगत महिला श्रेष्ठता का पुरस्कार जीता ।

चांग लिंग के विचार में पुरस्कार के पदक और प्रमाण पत्र केवल एक समय का गौरव है । शीतकालीन तैराकी के जरिए नया नया जोखिम आजमाना उन के लिए सच्ची प्रेरणा शक्ति है ।

इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े।

(श्याओयांग)