2008-01-31 15:20:04

चओ च्वांग

पूर्वी चीन के च्यांगसू प्रांत स्थित चओ च्वांग प्राचीन सूचओ शहर से सिर्फ 38 किलोमीटर दूर है । चीन के प्राचीन प्रसिध्द चित्रकार ऊ क्वान चुंग ने अपने लेख में यह लिखा था कि "ह्वांगशान पर्वत चीन के सुंदर पर्वत व नद नदियों का प्रतीक है , जबकि चओ च्वांग चीन के सुंदर खुशहाली गांवों का प्रतीक है ", विदेशी पत्र पत्रिकाओं ने तो चओ चवांग को "प्रथम चीनी सुंदर गांव की संज्ञा दी है "।

चओ च्वांग कस्बे के इर्द गिर्द तंग हू झील , पाएयेन झील , त्येन शान झील , नानहू झील और अन्य तीस से अधिक नद नदियां कल कल कर आगे बहती हैं , समूचे कस्बे के मकान नदियों के तटों पर स्थापित हुए हैं , पुरानी शैलियों से संपन्न मकानों का हरेक आंगन अत्यंत शांत व साफ सुथरा है । कस्बे के 60 प्रतिशत से अधिक मकानों का निर्माण मिंग व छिंग राजवंशी काल में हुआ था , सिर्फ 0.4 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले इस पुराने कस्बे में करीब सौ प्राचीन शैलियों से युक्त आंगन और 60 से अधिक पत्थर निकाशी गेट अच्छी तरह सुरक्षित हैं । साथ ही चओ च्वांग में 14 पुरानी विभिन्न शैलियों से युक्त सुंदर सेतु भी सुरक्षित हैं , वह दक्षिण चीन में "सेतु , स्वच्छ पानी व सपन्नता " का पतिबिंब करता है । चओ च्वांग शांत व साफ सुथरा पर्यावरण की वजह से पढ़ने की अच्छी जगह है और यहां पढ़ने की परम्परा भी बनी हुई है । इतिहास पर बहुत से विद्वानों , कवियों व चित्रकारों ने साहित्य तथा कला के जरिये इस छोटे कस्बे को रौशन कर दिया है । पश्चिम चिन काल के साहित्यकार चांग हान , थांग राजवंश की कवि ल्यू यू शी और लू क्वे मुंग इसी कस्बे में रहते थे ।

चओ च्वांग कस्बे में प्रमुख पर्यटन स्थल छवान फू मठ , ताउ धर्म का चंगशू मंदिर , शन हाल , फूआन सेतु व मी लाउ भवन हैं । चित्र में फूआन सेतु दिखाई देता है ।

सूचओ शहर व शानहाई शहर के बीच स्थित होने की वजह से चओ च्वांग की यातायात अत्यंत सुविधाजनक है , बस सीधे शानहाई व सुचओ से चओ च्वांग जाती है और पर्यटक सेमदिन भी वापस लौट सकते हैं । इसलिये चओ च्वांग में सितारों वाले होटल ज्यादा नहीं हैं । अधिकतर साधारण होटल प्राइवेट हैं और ऐसे होटलों में आधुनिक संस्थानों के बजाये बहुत साफ सुथरा है ।